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शिल्पी गांव मे फर्जी कूप जगत निर्माण की जांच 1 वर्ष से प्रक्रिया मे निदान फिसड्डी भ्रष्टाचार पर जीरो टारलेंस आदेश बेअसर-सावित्री देवी

  शिल्पी गांव मे फर्जी कूप जगत निर्माण की जांच 1 वर्ष से प्रक्रिया मे निदान फिसड्डी भ्रष्टाचार पर जीरो टारलेंस आदेश बेअसर-सावित्री देवी *भ्र...

 शिल्पी गांव मे फर्जी कूप जगत निर्माण की जांच 1 वर्ष से प्रक्रिया मे निदान फिसड्डी भ्रष्टाचार पर जीरो टारलेंस आदेश बेअसर-सावित्री देवी

*भ्रष्टाचार के साथ अवर अभियंता का फर्जी हस्ताक्षर कर भुगतान निकालने का मामला आया सामने*

रिपोर्ट किरन साहनी 







सोनभद्र। जनपद सोनभद्र विकास खंड चोपन के ग्राम पंचायत शिल्पी मे कूप जगत निर्माण का फर्जी कार्य दर्शाकर धनराशि का गबन किये जाने की शिकायत महिला सुरक्षा एवं जन सेवा ट्रस्ट की अध्यक्ष सावित्री देवी ने  लिखित तौर पर शासन स्तर पर किया। जिसकी जाँच हेतु 02/11/2022 को शेष नाथ चौहान जिला विकास अधिकारी/उपायुक्त श्रम रोजगार ने मौके पर पहुंच कर सभी कूप जगत पर जाकर किया जिसके बाद उन्होंने 07/12/2022 को अपनी कूप जगत निर्माण का फर्जी कार्य दर्शाकर मनरेगा धनराशि का गबन किये जाने की शिकायत आख्या जिलाधिकारी सोनभद्र को अवलोकन हेतु प्रेषित किया जिसमे उन्होंने लिखा की किसी भी कूप जगत मरम्मत के पूर्व का फोटोग्राफ पत्रावली मे नहीं पाया गया कूप मे प्राकलन पर 5000 हजार दर से साइन बोर्ड एवं फोटोग्राफी का प्राविधान प्राक्कलन में किया गया है, किन्तु किसी भी कूप स्थल पर साइन बोर्ड लगा नहीं पाया गया और न ही भुगतान किया गया है।निष्कर्ष मे लिखा की - स्थलीय निरीक्षण एवं पत्रावली के अवलोकनोपरान्त पाया गया कि उक्त सभी 5 कूप का निर्माण लगभग 15 वर्ष पूर्व हुआ था। उक्त निर्मित कूपों पर नये कूप जगत का प्राक्कलन बनाकर पुराने बने कूप जगत का लघु मरम्मत एवं प्लास्टर कार्य कराकर शासकीय धनराशि का दुरूपयोग किया गया है, जिसके लिए संबंधित अवर अभियंता, ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम प्रधान उत्तरदायी है।पुनः उसके बाद पुनः जिला विकास अधिकारी एवं सहायक अभियन्ता जिला ग्राम्य विकास अभिकरण सोनभद्र कमेटी द्वारा जाँच किया गया और सम्बंधित को नोटिस दिया गया जिसमे स्पष्टीकरण माँगा गया।1- सुरेश कुमार सिंह, सचिव/ग्राम विकास अधिकारी द्वारा प्रस्तुत उत्तर/स्पष्टीकरण दिनांक-12.05.2023 स्वीकार किये जानें योग्य नही पाया गया क्योंकि जांच अधिकारी जिला विकास अधिकारी एवं सहायक अभियन्ता, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, सोनभद्र द्वारा उपरोक्त कार्यों के मरम्मत हेतु तैयार किये गये स्टीमेट, तकनीकी स्वीकृति एवं कार्य पूर्ण होने के पश्चात् एम०बी० के आधार पर जांच कार्यवाही पूर्ण की गयी है, जिसमें रू0 103481.00 का कार्य के सापेक्ष अधिक भुगतान किया जाना पाया गया है। उक्त के अतिरिक्त जाँच के समय सचिव द्वारा प्रस्तुत अभिलेख भी अधूरे पाये गये जिस पर तिथिवार भुगतान आदि के सम्बन्ध में कोई अंकन नही किया गया था। जिसके लिए श्री सुरेश कुमार सिंह, सचिव/ग्राम विकास अधिकारी पूर्ण रूप से दोषी पाये गये है। उपरोक्त पांचों कूप के निर्माण पर अनियमित ढंग अधिक भुगतान की गयी धनराशि रू0 103481.00 का 50 प्रतिशत अर्थात रू0 51740.50 की वसूली श्री सुरेश कुमार सिंह, सचिव/ग्राम विकास अधिकारी से करते हुए ग्राम पंचायत कोष में जमा कराये साथ श्री सरेश कुमार सिंह, ग्राम विकास अधिकारी द्वारा पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही एवं प्रधान के साथ दुरभिसन्धि करके शासकीय धनराशि दुरूपयोग किये जाने के आरोपों में कठोर विभागीय / अनुशासनिक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें।उपरोक्त प्रकार से पांचों कूप मरम्मत व जगत निर्माण पर रू0 103481.00 अधिक भुगतान किये जाने के लिये अवर अभियन्ता, सचिव ग्राम पंचायत के साथ प्रार्थी को समान रूप से दोषी मानते हुये कारण बताओ नोटिस जारी किया गया । इस सम्बन्ध में

ग्राम प्रधान ने बताया की कार्य कराये जाने के पूर्व फोटोग्राफस भी तैयार कराया जाना था की जानकारी नही थी। समस्त कार्य/प्लास्टर पूर्ण होने के उपरान्त शिकायतकर्ता द्वारा की गयी शिकायत की जांच महोदय द्वारा करायी गयी है, जबकि ग्रामवासियों द्वारा जांच के समय शपथ पत्र पर स्वीकार किया गया है कि उपरोक्त कूपों का 20 वर्ष पूर्व कार्य हुआ था, जो बिल्कूल जीर्णशीर्ण/जर्जर अवस्था में था। स्टीमेट के अनुसार समस्त कार्य पूर्ण कराये गये थे, किन्तु प्लास्टर के उपरान्त जांच की कार्यवाही पूर्ण हुयी है, जिसके कारण प्लास्टर के पूर्व के कार्यों का सही मूल्यांकन न होने के कारण मूल्यांकन में धनराशि कम पाया गया है। इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता नही की गयी है।प्रधान द्वारा प्रस्तुत उत्तर/स्पष्टीकरण दिनांक-17.04.2023 स्वीकार किये जाने योग्य नही पाया गया, क्योंकि जांच अधिकारी जिला विकास अधिकारी एवं सहायक अभियन्ता, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, सोनभद्र द्वारा उपरोक्त कायों के मरम्मत हेतु तैयार किये गये स्टीमेट, तकनीकी स्वीकृति एवं कार्य पूर्ण होने के पश्चात् एम०बी० के आधार पर जांच कार्यवाही पूर्ण की गयी है, जिसमें रू0 103481. 00 के अधिक भुगतान किये जाने हेतु सम्बन्धित सचिव के साथ-साथ प्रधान भी समान रूप से प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये हैं।जिसमे प्रधान को निर्देशित किया गया कि उपरोक्त पांचों कूप के निर्माण पर अधिक भुगतान की गयी धनराशि रू0 103481.00 का 50 प्रतिशत अर्थात रू0 51740.50 ग्राम पंचायत कोष में पत्र प्राप्ति के एक पक्ष के भीतर जमा कर, जमा किये जाने की रसीद अवलोकनार्थ प्रस्तुत करें यदि निर्धारित अवधि तक आप द्वारा धनराशि जमा नही किया जाता है तो आपके विरुद्ध उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1947 यथासंशोधित 1994 की सुसंगत धाराओं में कार्यवाही प्रारम्भ करते हुए उपरोक्त धनराशि की वसूली वजरिए रेवन्यू कर ली जायेगी। विनोद कुमार सिंह, अवर अभियन्ता, लघु सिंचाई को समान रूप से दोषी पाये जाने पर कार्यालय पत्र संख्या-4306/पं0-7/शिकायत/जांच/2022-23, दिनांक-29.03.2023 द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करते हुये 15 दिवस के भीतर उत्तर/स्पष्टीकरण प्रस्तुत किये जाने हेतु निर्देशित किया गया, किन्तु समयान्तर्गत उत्तर/स्पष्टीकरण प्रस्तुत न किये जाने पर पुनः कार्यालय पत्र संख्या-224, दिनांक-20.04.2023 द्वारा पुनः अन्तिम नोटिस जारी किये जाने के पश्चात् विनोद कुमार सिंह, अवर अभियन्ता, लघु सिंचाई द्वारा दिनांक- 16.05.2023 को प्रस्तुत करते हुये अवगत कराया गया है कि "उक्त सभी 05 कूपों के मरम्मत/निर्माण कार्य हेतु केवल तकनीकी स्वीकृति दिया गया है। इसका प्राक्कलन मेरे द्वारा नही बनाया गया है और न ही संदर्भित प्रकरण का मापी व भुगतान कराया गया. है। उक्त कार्य का किसी तकनीकी सहायक द्वारा मापी कर फर्जी हस्ताक्षर कर भुगतान कराया गया है। उक्त के अतिरिक्त यह भी अवगत कराया गया है कि उक्त सभी 05 कार्यों के माप पुस्तिका में की गयी मापी का हैण्डराइटिंग का सत्यापन किसी अन्य ग्राम पंचायत में अथवा सम्बन्धित ग्राम पंचायत में पूर्व में मनरेगा/वित्त के कार्यों के भुगतान हेतु की गयी मापी को मापी पुस्तिका से तुलना कर किया जा सकता है। विकास खण्ड-चोपन में कई बार फर्जी हस्ताक्षर बनाकर मनरेगा/वित्त के कार्यों का भुगतान करने की कोशिश की गयी है, जिसे पकड़ में आने पर पत्रावली चेंज किया गया।काफी समय बीतने पर भी विभाग द्वारा कोई भी उचित कार्यवाही नहीं किया गया पुनः शिकायत करने पर  पत्र विभाग द्वारा पत्र संख्या 1117/पं0/7 जॉच 2023-24 दिनांक 26.06.2023 द्वारा श्री विनोद कुमार सिंह अवर अभियन्ता लघु सिंचाई विकास खण्ड चोपन का प्रार्थना पत्र दिनांक 16.05.2023 संलग्न कर हस्ताक्षर की जाँच हेतु निर्देशित किया गया ।जारी किये जाने के पश्चात् श्री विनोद कुमार सिंह अवर अभियन्ता लघु सिंचाई द्वारा दिनांक 16.05.2023 को जिला पंचायत राज अधिकारी सोनभद्र को प्रत्यावेदन प्रस्तुत करते हुए अवगत कराया गया कि मेरे द्वारा उपरोक्त कार्यों का प्राक्कलन नहीं बनाया गया है, न ही मेरे द्वारा मापी कर भुगतान कराया गया है मात्र कार्य की तकनीकी स्वीकृति दी गयी हैं। उपरोक्त संदर्भित पत्र दिनांक 26.06.2023 के क्रम में अधो0 अपने कार्यालय पत्र सं0 300,301 दिनांक 05.07.2023, पत्र संख्या 307315 दिनांक 10.07.2023 द्वारा खण्ड विकास अधिकारी चोपन से अपेक्षा किया गया कि जाँच से संबंधित अभिलेख एवं ग्राम प्रधान, सचिव को विकास खण्ड पर जाँच के समय उपस्थित रहने हेतु निर्देशित कर दे। दिनांक 26.07.2023 को विकास खण्ड चोपन जॉच हेतु उपस्थित होने पर पत्रावली प्राप्त नही हुई श्री रामबिलास यादव ग्राम विकास अधिकारी एवं श्री अरूण कुमार सिंह ग्राम विकास अधिकारी विकास खण्ड पर उपस्थित थे। उनसे जानकारी प्राप्त की गयी एवं पत्रावली प्राप्त करने हेतु इस कार्यालय के पत्र संख्या 448 दिनांक 27.07.2023 द्वारा मांग की गयी। उक्त पाँचों कूपों की पत्रावली श्री सुरेश सिंह सचिव द्वारा दिनांक 29.08.2023 को उपलब्ध करायी गयी। पत्रावली उपलब्ध होने पर इस कार्यालय के पत्र संख्या 656 दिनांक 29.08.2023 द्वारा ग्राम प्रधान, सचिव ग्राम पंचायत शिल्पी एवं पत्र संख्या 657 दिनांक 29.08.2023 द्वारा श्री विनोद कुमार सिंह अवर अभियन्ता लघु सिंचाई से शपथ पत्र प्रस्तुत करने एवं अन्य बिन्दुओं पर स्थिति स्पष्ट करने हेतु निर्देशित किया गया। संबंधित द्वारा शपथ पत्र प्रस्तुत न करने के कारण पुनः अनुस्मारक पत्र संख्या 788, 789 दिनांक 23.09.2023, पत्र संख्या 852,853 दिनांक 12.10.2023 द्वारा प्रेषित किया गया। ग्राम प्रधान श्री बबुन्दर ग्राम पंचायत शिल्पी एवं श्री सुरेश सिह सचिव द्वारा दिनांक 27.10.2023 को शपथ पत्र प्रेषित करते हुए अवगत कराया गया कि श्री विनोद कुमार सिंह अवर अभियन्ता लघु सिंचाई माप पुस्तिका पर मापी की गयी एवं भुगतान भी कराया गया है तथा माप पुस्तिका पर श्री विनोद कुमार सिंह का ही हस्ताक्षर है। श्री विनोद कुमार सिंह अवर अभियन्ता लघु सिंचाई को पुनः अन्तिम अवसर देते हुए पत्र संख्या 971 दिनांक 02.11.2023 द्वारा निर्देशित किया गया। दिनांक 16.11.2023 द्वारा श्री विनोद कुमार सिंह अवर अभियन्ता लघु सिंचाई चोपन द्वारा शपथ पत्र प्रेषित किया गया है। उपरोक्त प्रकरण की जाँच में यह पाया गया कि ग्राम प्रधान श्री बबुन्दर एवं सचिव, श्री सुरेश सिंह द्वारा शपथ पत्र के माध्यम से दिनांक 27.10.2023 को अवगत कराया गया है कि माप पुस्तिका पर जो हस्ताक्षर है वह श्री विनोद कुमार सिह अवर अभियन्ता लघु सिंचाई के है। इसी प्रकार श्री विनोद कुमार सिंह अवर अभियन्ता लघु सिंचाई द्वारा दिनांक 16.11.2023 को शपथ पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है कि माप पुस्तिका पर मेरा हस्ताक्षर नहीं है। अभिलेखों पर हस्ताक्षर की जाँच सरकारी एजेन्सी राइटिंग इस्पर्ट के माध्यम से कराने की बात कही ।


इस पुरे मामले मे महिला सूरक्षा एवं जनसेवा ट्रस्ट की अध्यक्ष सावित्री देवी ने कहा की भ्रष्टाचार की एक बानगी है आपको बता दे की 1 वर्ष पूर्ण हो गए बस एक 5 कूप जगत घोटाले की जाँच होते होते भ्रष्टाचार के साथ अवर अभियंता द्वारा लिखित पत्र देने के बाद भी अभी तक सिर्फ खानापूर्ति चल रह है कार्यवाही नदारात है अधिकारी सरकार की छवि धूमिल करने मे लगे है इस मामले मे पत्र काफ़ी मिल चूका है अगर विभाग इस मामले मे कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं किया तो निश्चित ही बड़े पैमाने पर मामले को दबाने के लिए लेन देन किया गया है अंतिम मे हार कर सभी दोषियों को कड़ी कार्यवाही के लिए उच्च न्यायालय का सहारा लेने पड़ेगा।

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