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इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्या खोया क्या पाया

 आज का प्रसंग : इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के संग ! क्या खोया- क्या पाया ? बेशक ! आज वर्तमान ऑनलाइन नेटवर्किंग/ सूचना एवं प्रसारण के तहत, हम- आप- स...

 आज का प्रसंग : इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के संग ! क्या खोया- क्या पाया ?

बेशक ! आज वर्तमान ऑनलाइन नेटवर्किंग/ सूचना एवं प्रसारण के तहत, हम- आप- सभी ने बहुत कुछ पाया है, और बहुत कुछ सीखा है ! यानी कि, पल-पल की वैल्यू बढ़ाकर, समय को अत्यंत सीमित कर, समाज को अत्यंत निकट ला दिया है ! अतः, वर्तमान काल में यह कोई चमत्कार से कम नहीं !*

*किंतु, किसी भी अच्छाई के साथ, कुछ ना कुछ बुराई अवश्य लिपटी रहती है ! मसलन :---*

*(1) टिक टॉक एनिमेशन : अर्थात, एक छद्म आवरण एवं समय की बर्बादी !*

*(2) मिथ्या न्यूज़ प्रसारण : अर्थात, समाज को सत्य से परे रखना ! भ्रम जाल बढ़ गया है !*

*(3) अतिशय अश्लीलता/ नंगापन : अर्थात, सामाजिक सम्मान पर कुठाराघात !*

*(4) विभिन्न नवीनतम अपराधों का सृजन ! आए दिन पुलिस के लिए एक चुनौती !*

*(5) ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड एवं जालसाजी : परंपरागत चोरी एवं डकैती से कहीं अत्यधिक !*

*(6) अधिकांश सामाजिक संस्कार/ एकरूपता/ एकाग्रता एवं धार्मिक अस्मिता संकट में !*

*(7) फिजिकल एक्सरसाइज की कमी से शारीरिक अंगों में विकृति/ अपंगता/ नपुंसकता/ साहस एवं मानसिक कमजोरी मैं वृद्धि ! आदि l*

अर्थात, कुल मिलाकर पाया कम है, खोया ज्यादा है ! क्योंकि,

*"गोधन, गजधन, बाजधन,*

*और रतन धन खान l*

*जब आवे संतोष धन,*

*सब धन धूरि समान ll"*

धन्यवाद l

आपका शुभेच्छु :-----

*( शिव कुमार पटेरिया, रिटायर्ड इंजीनियर एमपीईबी, जिला शिवपुरी, मध्य प्रदेश )*

दिनांक : 29/10/2022

शुभ दिन : शनिवार l

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