रन्नौद थाना प्रभारी से परेशान नागरिकों ने पुलिस अधीक्षक से की शिकायत शिवपुरी/रन्नौद नगर के नागरिकों को थाना प्रभारी रन्नौद द्वारा अकारण पर...
रन्नौद थाना प्रभारी से परेशान नागरिकों ने पुलिस अधीक्षक से की शिकायत
शिवपुरी/रन्नौद नगर के नागरिकों को थाना प्रभारी रन्नौद द्वारा अकारण परेशान किए जाने एवं झूठे मुकदमों में फंसाकर पैसों की मांग किए जाने के सम्बन्ध में आज नागरिकों ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत की है।
शिकायत में बताया गया है कि हम सभी रन्नौद नगर परिषद के निवासी हैैं जो अपने अपने काम धंधे एवं स्वरोजगार कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं, हम सब शांतिप्रिय नागरिक हैं एवं समय समय पर पुलिस व प्रशासन का सहयोग हमारे द्वारा किया जा रहा है। रन्नौद थाने में पदस्थ थाना प्रभारी द्वारा हम सभी नागरिकों को अकारण ही परेशान किया जा रहा है। थाना प्रभारी सेंगर द्वारा हमें कभी जुए के केस में, कभी सट्टे के केस में तो कभी शराब एवं 151 की धाराओं में फंसाने की धमकी दी जाती है। थाना प्रभारी के इस व्यवहार से हम सभी नागरिक काफी परेशान हैं और हम अपने काम धंधे ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। थाना प्रभारी द्वारा जिन लोगों को परेशान किया जा रहा है उनमें ललित पाठक, इशाक खान उम्र 85 साल, धनीराम कुशवाह, बृजेश बैरागी, बल्लू विश्वकर्मा, महेन्द्र कुशवाह आदि शामिल हैं। इनके खिलाफ अलग अलग दिनों में थाना प्रभारी द्वारा झूठा जुआ एक्ट की कायमी कर दी है। थाना प्रभारी द्वारा बोला जाता है कि यदि एक रात में थाने रहे तो 10 हजार रुपए देना होंगे और यदि घर जाना है तो 20 हजार रुपए देकर जाओ। थाना प्रभारी बीच रास्ते में से ही हम नागरिकों को उठाकर थाने में ले जाकर बंद कर देता है, और अकारण ही मारपीट एवं झूठे केसों में फंसाए जाने की धमकी दी जाती है। थाना प्रभारी के इस व्यवहार से हृदय रोगी ललित पाठक जिसके 70 प्रतिशत ब्लॉकेज हैं एवं 85 वर्षीय इशाक खान अत्यधिक प्रताड़ित हैं जो थाना प्रभारी के प्रेशर में काफी परेशान रहते हैं।
नागरिकों ने एसपी को आवेदन देकर रन्नौद थाना प्रभारी को रन्नौद थाने से हटाये जाने की मांग की है । उन्होने कहा है कि हम जैसे संभ्रांत नागरिकों के साथ हो रही है इस तरह की अमानवीय घटनाओं पर रोक लग सके एवं रन्नौद नगर में शांति का माहौल बना रहे।
थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह सेंगर ने जानकारी देते हुए बताया है कि 25 अक्टूबर को सभी लोगों को जुआ खेलते हुए पकड़ा था इनमें से दो नाम ऐसे हैं जिन पर जुआ के कई मामले दर्ज हैं मेरे द्वारा ना तो ₹10000 की मांग की और ना ही ₹20000 की मेरी शिकायत पुलिस अधीक्षक महोदय से अकारण की गई है इन लोगों के रिकॉर्ड थाने पर है
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