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हाइवे पर हो रहे हादसे, थानों में खराब खड़ी 108 एम्बुलेंस, घायल कैसे पहुंचे अस्पताल

  हाइवे पर हो रहे हादसे, थानों में खराब खड़ी 108 एम्बुलेंस, घायल कैसे पहुंचे अस्पताल करैरा । कहीं भी कोई हादसा हो तो 108 को कॉल करके बुलाएं ...

 



हाइवे पर हो रहे हादसे, थानों में खराब खड़ी 108 एम्बुलेंस, घायल कैसे पहुंचे अस्पताल

करैरा। कहीं भी कोई हादसा हो तो 108 को कॉल करके बुलाएं और समय पर उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाएं। इस तरह के स्लोगन अधिकांशत: राजनीतिक मंचों पर नेता बोलते रहते हैं, जबकि जिस एंबुलेंस के वो कसीदे गढ़ते हैं, धरातल पर वो महीनों से खराब होकर थाना परिसरों में खड़ी हैं। जब भी कोई मामला सामने आता है तो जिम्मेदार इनकी व्यवस्थाएं सुधारने की बजाय स्टाफ पर ही कार्रवाई करके पल्ला झाड़ लेते हैं।

गौरतलब है कि करैरा अनुविभाग के थाना क्षेत्र दिनारा, करैरा व अमोला से होकर जहां झांसी-इंदौर फोरलेन गुजरा है, तो वहीं कोटा-झांसी फोरलेन भी यहीं से होकर निकला है। हाइवे होने की वजह से आए दिन सड़क हादसे भी होते हैं, लेकिन घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए चल रही प्रदेश सरकार की 108 एंबुलेंस की सेवा वाहनों के खराब होने से बाधित हो रही है। घायलों को कई बार एंबुलेंस का लंबा इंतजार करना पड़ता है तो कई बार उन्हें या तो प्राइवेट वाहन से अस्पताल भेजना पड़ता है। इन हालातों में पुलिस की परेशानी बढ़ जाती है और कई बार तो उन्हें नगर के समाजसेवियों से मदद लेनी पड़ रही है। महत्वपूर्ण बात यह है कि एंबुलेंस खराब होने के बाद भी उन पर पदस्थ स्टाफ के वेतन सहित मेंटेनेंस आदि का खर्चा भी नियमित लिया जा रहा है।

थाना अमोला अनुविभाग करैरा के हाइवे से कोटा-झांसी फोरलेन निकलता है इस हाईवे पर आए दिन न केवल हादसे होते रहते हैं, बल्कि लंबे समय तक वन-वे होने की वजह से कई गंभीर हादसे हुए। अमोला थाना परिसर में दो 108 एंबुलेंस खराब होकर खड़ी हैं तथा यह दो महीने से इसी तरह खराब खड़ी हैं।


जान बचाना जरूरी रहता है

जब भी किसी हादसे की खबर मिलती है तो लोग अधिकांशत: 108 एंबुलेंस को ही फोन लगाते हैं। चूंकि पुलिस भी मौके पर तत्काल पहुंचती है तो देर होने पर उसे पुलिस वाहन से ही ले जाते हैं, क्योंकि जान बचाना जरूरी रहता है।

अमित चतुर्वेदी, थाना प्रभारी अमोला


• पुलिस वाहन से ले जाना पड़ता है

इनका नेटवर्क तो भोपाल से चलता है और जब समय पर एंबुलेंस नहीं मिलती तो फिर पुलिस वाहन से ही घायलों को ले जाना पड़ता है। क्योंकि बात पुलिस पर ही आती है।

-रामराजा तिवारी, थाना प्रभारी दिनारा

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