खाद के लिए लाइन: गेहूं बिजाई शुरू होने से पहले ही डीएपी की किल्लत, घंटों लाइन में लगने के बाद भी नहीं मिल रही खाद करैरा। इन दिनों गेहूं की...
खाद के लिए लाइन: गेहूं बिजाई शुरू होने से पहले ही डीएपी की किल्लत, घंटों लाइन में लगने के बाद भी नहीं मिल रही खाद
करैरा। इन दिनों गेहूं की फसल की बुआई तेजी से हो रही है। ऐसे में किसानों के सामने खाद का संकट पैदा हो गया है। खाद वितरण केंद्रों पर इस समय डीएपी खाद के लिए मारामारी मची हुई है किसानों को एक बोरी खाद के लिए लाइन में लगकर धक्का-मुक्की करनी पड़ रही है। बावजूद इसके डीएपी नहीं मिल पा रही वहीं अधिकारियों ने दावा किया है कि सभी किसानों को खाद मिल रहा है ऐसे में केंद्रों पर लगी लंबी लाइन और धक्का मुक्की व्यवस्था की पोल खोल रही है।
खाली हाथ लौट रहे किसान
क्षेत्र में इस समय गेहूं की बुआई बड़े पैमाने पर की जा रही इसलिए किसानों को डीएपी खाद की आवश्यकता है। जैसे ही केंद्रों पर डीएपी आने की सूचना मिलती है किसान लाइन में लग जाते हैं। केंद्रों के बाहर भारी भीड़ धक्का-मुक्की के बीच कई घंटों इंतजार के बाद भी काफी किसानों को खाद नहीं मिल पाती है। ऐसे में किसान खाली हाथ लौट रहे हैं।
सुबह होते ही केंद्रों के बाहर लग जाती है लाइन
दरअसल, कुछ समय पहले हुई बारिश से पहले ही किसान की खेती काफी प्रभावित हुई है। अब उन्हें समय से खाद नहीं मिल रहा। किसानों ने बताया कि सुबह से शाम हो जाती है लेकिन खाद के लिए नंबर ही नहीं आता। किसानों का यह भी कहना है कि दो कट्टे प्रति किसान को दिए जा रहे हैं उनसे काम नहीं चल सकता। वहीं अधिकारियों का कहना है कि जिले में पर्याप्त खाद है, लेकिन यहां तो खाद के लिए मारामारी मची हुई है।
• छोटे किसानों की परेशानी
छोटे किसानों को खेती करने में बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार साधन उपलब्ध नहीं हो पाते जिस कारण उन्हें बड़ी समस्याओं से गुजरना पड़ता है। किसान बद्री जाटव ग्राम जुझाई ने बताया कि सरकार की ओर से किसानों के लिए सभी चीजों के दामों में बढ़ोतरी की गई है। जहां पहले गेहूं की बिजाई में करीब छह हजार पांच सौ रुपये का खर्च आता था वहीं आज करीब 12 हजार रुपये का खर्च आ रहा है। जो किसानों के ऊपर अतिरिक्त भार है। किसानों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। इस सरकार ने किसानों का बुरा हाल कर दिया है।
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