भोपाल। देवउठनी ग्यारस के बाद मध्यप्रदेश के मंत्रीमंडल में फिर फेरबदल की संभावनाएं बन रही हैं। सूत्रों के मुताबिक अगले वर्ष विधानसभा चुनावो...
भोपाल। देवउठनी ग्यारस के बाद मध्यप्रदेश के मंत्रीमंडल में फिर फेरबदल की संभावनाएं बन रही हैं। सूत्रों के मुताबिक अगले वर्ष विधानसभा चुनावों को देखते हुये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह रिक्त पड़े चार-पांच मंत्रियों के पद भर सकते हैं। इसके साथ ही कुछ मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं।
हालांकि पार्टी के नेता इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं कर रहे, लेकिन इतनी जरूर अंदरखाने की खबर यह है कि दिल्ली आलाकमान से भी प्रेशर है कि रिक्त पड़े मंत्रियों के पद शीघ्र भरें। क्योंकि इंटेलीजेंस की रिपोर्ट कुछ पक्ष में जाती नहीं दिख रही है। वहीं अन्य पार्टियों द्वारा कराये गये निजी सर्वे में भी भाजपा को अगले चुनावी वर्ष में बेहतर माहौल में नहीं बताया जा रहा है। इस सर्वे के हिसाब से कांग्रेस के नेता अपने आपको अगली सरकार के लिये तानाबाना बुनने लगे हैं। कुल मिलाकर सूत्रों का कहना है कि भाजपा को अब नये पुराने सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं को फिर से एकजुट करने की प्लानिंग करनी पड़ेगी।
शिवराज कर रहे मेहनत
हालांकि पार्टी फीडबैक के आधार पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह तो जमकर मेहनत कर रहे है और अपनी सरकार की योजनाओं से आम आदमी को लाभान्वित करने का प्रयास भी कर रहे है, लेकिन दंभ में बैठी प्रशासनिक तिकड़ी योजनाओं को बटटे खाते में डाल रही है और आम आदमी से कार्यकर्ताओं व नेताओं की दूरियां बढ़वा रही हैं। मीडिया का एक बड़ा वर्ग भी अब सरकारी अधिकारियों के रवैये से नाराज हैं। कुल मिलाकर पार्टी के वरिष्ठ व निष्ठावान नेता इस नाराजगी की नब्ज को समझने लगे हैं। यह सब ऐसी स्थिति में हो रहा है जब मुख्यमंत्री स्वयं जनसंपर्क विभाग सम्हाले है और पत्रकारों की जमकर उपेक्षा हो रही है। कुल मिलाकर अब मुख्यमंत्री को जनसंपर्क विभाग को छोड़कर किसी नये मिलनसार योग्य मंत्री को इसकी कमान सौंपनी होगी।
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