नरवाई जलाने से बंजर हो रही खेतों की कोख, धुंए से वातावरण हो रहा प्रदूषित करैरा। खेत में खड़ी धान की फसल की हार्वेस्टर से कटाई के बाद खड़ी पर...
नरवाई जलाने से बंजर हो रही खेतों की कोख, धुंए से वातावरण हो रहा प्रदूषित
करैरा। खेत में खड़ी धान की फसल की हार्वेस्टर से कटाई के बाद खड़ी पराली में आग लगाने की घटनाओं में बढ़ोत्तरी दर्ज हो रही है। आए दिन किसी न किसी खेत में किसान खड़ी पराली में आग लगाने से नहीं चूक रहे हैं। पराली में लगने वाली आग से जहां एक ओर खेतों में पनपने वाले जीव जैसे केंचुआ आदि का नुकसान होता है वहीं दूसरी ओर उर्वरा शक्ति भी समाप्त होने की कगार पर पहुंच रही है। खेतों में लगने वाली आग का असर वातावरण पर भी देखने को मिल रहा है। इसका असर वातावरण में धुंध के रूप में देखने को मिल रहा है। बता दें कि अक्टूबर सप्ताह में हुई बारिश से धान की फसल वाले खेतों में पानी भर गया था जिससे धान की फसल पकने में देरी हुई।
अब किसान धान की फसल को कंपाइन मशीन के सहारे तेजी से कटवा रहे हैं, जिससे वह रबी सीजन के लिए खेतों को तैयार कर सकें। कंपाइन मशीन से फसल कटने के बाद धान की पराली खड़ी रह जाती है। जिसे खत्म करने के लिए किसान आग का सहारा ले रहा है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि किसान अपने खेत में आग न लगाए तो किसान को हर तरह से फायदे का सौदा हो सकता है।
जैसे उसी नरवाई से भूसा तैयार कर उसे बेच कर मुनाफा कमा सकते हैं। इससे खेती की अन्य तरह की लागत को निकाला जा सकता है। अगर किसान अपने खेत में रोटावेटर कृषि यंत्र से अपने खेत की नरवाई को बारीक कराकर मिटटी में मिला दे तो खेत में दबी हुई नरवाई से खेत की जैविक संपदा में वृद्धि होगी।
• प्रतिबंध भी बेअसर नजर आ रहे
मौसम पर प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए एनजीटी ने देशभर में पराली में आग लगाने की घटनाएं रोकने के लिए पराली में आग लगाने पर प्रतिबंध भी किया हुआ है। खेतों में पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। जिसका असर धुंध के रूप में देखने को मिलता है। वहीं दूसरी ओर वहीं मवेशियों को भी पर्याप्त मात्रा में भूसा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। किसान सड़क किनारे खेत में आग लगाते हैं तो उससे उठने वाला धुंआ वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बनता है। सामने की ओर से आने वाले बड़े और छोटे वाहन नजर नहीं आने पर हादसे की आशंका पैदा होती है।
• आग से होता है खेत को नुकसान
अगर खेत में फसल को काटने के बाद उस खेत में आग लगाते है तो किसान को हर तरह से नुकसान झेलना पड़ सकता है। खेत में आग लगाने से खेत की जैविक क्षमता कम होती है। जिससे फसल को नुकसान होता है। खेत के सूक्ष्म व लाभकारी जीव नष्ट हो जाते है, जो फसलों के लिए लाभकारी साबित होते है। वहीं आग के कारण खेत की ऊपरी सतह कठोर हो जाती है वहीं मिट्टी का तापमान बढ़ जाती है। जानकारी के मुताबिक वर्तमान में 70 फीसद फसल की कटाई हो चुकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नरवाई में आग लगने से नुकसान होने की आशंका भी है।
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