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वन व्रत शिवपुरी डीके पालीवाल के सरक्षण में हुआ करोड़ों का भ्रष्टाचार.....?

वन व्रत शिवपुरी  डीके पालीवाल के सरक्षण में हुआ करोड़ों का भ्रष्टाचार.....? शिवपुरी /गुना वन मण्डल की मधुसूदनगड़ ओर गुना दक्षिण रेंज में वित...

वन व्रत शिवपुरी  डीके पालीवाल के सरक्षण में हुआ करोड़ों का भ्रष्टाचार.....?

शिवपुरी /गुना वन मण्डल की मधुसूदनगड़ ओर गुना दक्षिण रेंज में वित्तीय गबन से लेकर शिकारियों को अभय दान जैसे गंभीर अपराधो पर गुना वन मण्डल अधिकारी सहित सीसीएफ एक दम मौन साधे हुए हैं। वन मण्डल गुना में अंधेर नगरी चौपट राजा की कहानी ?


वन व्रत शिवपुरी डीके पालीवाल के सरक्षण में हुआ करोड़ों का भ्रष्टाचार ।


गुना वन मण्डल की मधुसूदनगड़ ओर गुना दक्षिण रेंज में वित्तीय गबन से लेकर शिकारियों को अभय दान जैसे गंभीर अपराधो पर गुना वन मण्डल अधिकारी सहित सीसीएफ एक दम मौन साधे हुए हैं। मधुसूदनगड़ रेंज में नील गाय व कृष्ण मृग ( ब्लैक बग) के शिकार का मामला जून 2019 का हे , जिसमे एक सफेद रंग की कार को शिकार मामले में पकड़ा गया था। गौर करने वाली बात शिकार मामले में वन विभाग को त्वरित कार्यवाही कर शिकारियों को पकड़ना था । वही इसके उलट आज तक उक्त शिकार मामले को पेंडिग कर फाइल को दबा दिया गया और शिकारियों को पकड़ना तो दूर की बात उनकी तलाश जप्त की गई कार के जरिए भी नही की गई । जबकि शिकार का मामला ब्लैक बग का होने से अंतर्राष्ट्रीय (वाइल्ड लाइफ) से जुड़ा है । आज तक फाइल को दबाना और शिकारियों की तलाश ना करना वन विभाग पर गंभीर लापरवाही को बया करता है। ऐसे ही मधुसूदनगड़ वन परिक्षेत्र अंतर्गत जामनेर सब रेंज के तहत प्लांटेशनो में भी जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। इनमे वर्ष 2019=2020 में स्वीकृत केंपा प्लेटेशनो में तो धांधली के सारे रिकॉर्ड टूट चुके हैं। बंजला आ कक्ष क्रमाक पी 757 लगभग 78 हेक्टयर व बंजला पी 757 लगभग 50 हेक्टेयर केंपा प्लांटेशनो में मजदूरी के काम को जेसीबी से कराया गया है। साथ ही प्लांटेश्नो में गड्डे तो खुदे पर पोधे नही लगे । सीपीटी और सीपीडब्लयू जैसे कार्यो में वन विभाग के कारिंदो ने जमकर बारे न्यारे किए । इन प्लांटेश्नों पर सुरक्षा के लिहाज से दोहरी सुरक्षा के लिए सीपीटी (खंती) सीपीडब्ल्यू (पत्थर की दीवाल ) निर्धारित साइज और मजदूरी तय दर अनुसार वर्तमान सीसीएफ के आदेशानुसार था जिनमे सीपीटी दर मजदूरी 190 रुपए प्रति रन मीटर और सीपीडब्लयू दर तकरीबन 316 रुपए प्रति रन मीटर मजदूरी तय थी । विश्वशनीय सूत्रों का दावा हे वर्तमान सीसीएफ डीके पालीवाल ने एनपीवी की राशि से गुना वन मण्डल की आठों रेंजो में कार्य स्वीकृत कर दिए , फिर हुआ बंदबाट का खेल । सूत्रों का कहना है इसी कार्ययोजना के तहत भोपाल और शिवपुरी की फर्मों से खाद और मिट्टी का खेल भी किया है जिसमे लाखो रुपए की खाद और मिट्टी भी सिर्फ कागजों में लाई गई है जबकि फर्मों के पास इस तरह की माइनिंग से कोई भी लीज का जिक्र तक नहीं है। सूत्रों ने बताया नीचे से ऊपर तक सभी का कमीशन फिक्स था । ओर अब उसी कमीशन खोरी के चलते मामले उजागर होने पर कार्यवाही तो दूर की बात जांच की आंच भी नही आती । इसी तरह के कार्य गुना दक्षिण रेंज के बिलोनिया प्लांटेशन में किया गया है जिसकी सीपीटी जेसीबी से बनवाई गई है और हाल ही में री मेंटीनेश के नाम पर दोबारा जेसीबी से कार्य कराया गया है। विश्वशनीय सूत्रों का कहना है जब तक सीसीएफ शिवपुरी डीके पालीवाल अपने पद पर आसीन हैं किसी भी मामले की जांच होना नामुंकिन है , डीएफओ गुना हेमन्त रायकवार भी सीसीएफ के खास बताए जाते हैं जिस कारण गुना वन मण्डल में अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है । हालाकि 2023 में सीसीएफ का रिटायरमेंट हे इसके बाद संभव है इन मामलों की जांच हो सके । वहीं सूत्रों की माने तो सीसीएफ शिवपुरी ने अपने कार्यकाल के दौरान प्लांटेश्नो को दुरुस्त करने का मौखिक आदेश दे दिया हे , जिससे रिटायरमेंट के समय पालीवाल पर किसी तरह की प्रशासनिक गाज ना गिर जाए। रेंज में नील गाय व कृष्ण मृग ( ब्लैक बग) के शिकार का मामला जून 2019 का हे , जिसमे एक सफेद रंग की कार को शिकार मामले में पकड़ा गया था। गौर करने वाली बात शिकार मामले में वन विभाग को त्वरित कार्यवाही कर शिकारियों को पकड़ना था । वही इसके उलट आज तक उक्त शिकार मामले को पेंडिग कर फाइल को दबा दिया गया और शिकारियों को पकड़ना तो दूर की बात उनकी तलाश जप्त की गई कार के जरिए भी नही की गई । जबकि शिकार का मामला ब्लैक बग का होने से अंतर्राष्ट्रीय (वाइल्ड लाइफ) से जुड़ा है । आज तक फाइल को दबाना और शिकारियों की तलाश ना करना वन विभाग पर गंभीर लापरवाही को बया करता है। ऐसे ही मधुसूदनगड़ वन परिक्षेत्र   अंतर्गत जामनेर सब रेंज के तहत  प्लांटेशनो में भी जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। इनमे वर्ष 2019=2020 में स्वीकृत केंपा प्लेटेशनो में तो धांधली के सारे रिकॉर्ड टूट चुके हैं। बंजला आ कक्ष क्रमाक पी 757 लगभग 78 हेक्टयर व बंजला पी 757 लगभग 50 हेक्टेयर केंपा प्लांटेशनो में मजदूरी के काम को जेसीबी से कराया गया है। साथ ही प्लांटेश्नो में गड्डे तो खुदे पर पोधे नही लगे । सीपीटी और सीपीडब्लयू जैसे कार्यो में वन विभाग के कारिंदो ने जमकर बारे न्यारे किए ।  इन प्लांटेश्नों पर सुरक्षा के लिहाज से दोहरी सुरक्षा के लिए सीपीटी (खंती) सीपीडब्ल्यू (पत्थर की दीवाल ) निर्धारित साइज और मजदूरी तय दर अनुसार वर्तमान सीसीएफ के आदेशानुसार था जिनमे सीपीटी दर मजदूरी 190 रुपए प्रति रन मीटर और सीपीडब्लयू दर तकरीबन 316 रुपए प्रति रन मीटर मजदूरी तय थी । विश्वशनीय सूत्रों का दावा हे वर्तमान सीसीएफ डीके पालीवाल ने एनपीवी की राशि से गुना वन मण्डल की आठों रेंजो में कार्य स्वीकृत कर दिए , फिर हुआ बंदबाट का खेल । सूत्रों का कहना है इसी कार्ययोजना के तहत भोपाल और शिवपुरी की फर्मों से खाद और मिट्टी का खेल भी किया है जिसमे लाखो रुपए की खाद और मिट्टी भी सिर्फ कागजों में लाई गई है जबकि फर्मों के पास इस तरह की माइनिंग से कोई भी लीज का जिक्र तक नहीं है। सूत्रों ने बताया नीचे से ऊपर तक सभी का कमीशन फिक्स था । ओर अब उसी कमीशन खोरी के चलते मामले उजागर होने पर कार्यवाही तो दूर की बात जांच की आंच भी नही आती । इसी तरह के कार्य गुना दक्षिण रेंज के बिलोनिया प्लांटेशन में किया गया है जिसकी सीपीटी जेसीबी से बनवाई गई है और हाल ही में री मेंटीनेश के नाम पर दोबारा जेसीबी से कार्य कराया गया है। विश्वशनीय सूत्रों का कहना है जब तक सीसीएफ शिवपुरी डीके पालीवाल अपने पद पर आसीन हैं किसी भी मामले की जांच होना नामुंकिन है , डीएफओ गुना हेमन्त रायकवार भी सीसीएफ के खास बताए जाते हैं जिस कारण गुना वन मण्डल में अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है । हालाकि 2023 में सीसीएफ का रिटायरमेंट हे इसके बाद संभव है इन मामलों की जांच हो सके । वहीं सूत्रों की माने तो सीसीएफ शिवपुरी ने अपने कार्यकाल के दौरान प्लांटेश्नो को दुरुस्त करने का मौखिक आदेश दे दिया हे , जिससे रिटायरमेंट के समय पालीवाल पर किसी तरह  की प्रशासनिक गाज ना गिर जाए।

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