संपादकीय / विनोद विकट/जिला मुख्यालय के सरकारी दफ्तरों में कहने को अधिकारी कर्मचारी पिछले लंबे समय से कार्यरत बने हुए हैं सरकारी विभागों पर...
संपादकीय / विनोद विकट/जिला मुख्यालय के सरकारी दफ्तरों में कहने को अधिकारी कर्मचारी पिछले लंबे समय से कार्यरत बने हुए हैं सरकारी विभागों पर नजर डालें तो कई बाबू 20 और 25 साल से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं इस तरफ शासन-प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस तरफ आवाज नहीं उठाई है..? हाल के दिनों का एक ताजा मामला सुर्खियों में बना हुआ है इस मामले में कलेक्टर ने अपने हस्ताक्षर से तहसील की अधिकांश पटवारियों को इधर से उधर किया है इन पटवारियों में जय कुमार दुबे हेमलता वर्मा खुशबू खान कमलेश साहू अंजली कोली विवेक गौतम श्रीमती शिवा पांडे श्रीमती कल्पना शर्मा आनंद यादव जेम्स टोपे आदि के नाम शामिल हैं यह आदेश 27 अक्टूबर 2022 का है इस आदेश पर अनुविभागीय अधिकारी के हस्ताक्षर हैं इसी तरह 1 नवंबर 2022 के आदेश में पटवारी दिलीप शर्मा राकेश जैन विक्रम सिंह रावत दीपक गुप्ता निष्काम गर्ग मोहनी बगवार जगदीश राठौर गोपाल कृष्णा आर्य आदि के नाम शामिल हैं इस आदेश पर भी अनुविभागीय अधिकारी शिवपुरी के हस्ताक्षर हैं अब एक अन्य आदेश की बात करते हैं जिसमें कलेक्टर के हस्ताक्षर हैं यह आदेश 4 अक्टूबर 2022 का है इसमें पटवारी अनीता परिहार अभिलाषा भार्गव राकेश गुप्ता पराग रहोरा बिंदु गुप्ता तेज नारायण माथुर विष्णु प्रसाद मौर्य मुकेश चौधरी रुचि शर्मा शिल्पा चौबे प्रिया शर्मा मातादीन मित्तल अमृता शर्मा विवेक रावत विष्णु वर्मा के नाम शामिल हैं इस तरह से तहसील में पदस्थ रह चुके पटवारी के स्थानांतरण हुए हैं और इन पटवारियों में से सभी ने कलेक्टर का आदेश माना है लेकिन 2 पटवारी ऐसे हैं जिन्होंने कलेक्टर के आदेश को नहीं माना है इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी शिवपुरी और कलेक्टर अक्षय कुमार से मीडिया ने सवाल किए हैं लेकिन स्थिति जस की तस है इन दोनों पटवारियों को रामवीर रावत गिरजेश श्रीवास्तव को दूर हल्के में भेजा नहीं जा रहा है ऐसे में यह दोनों पटवारी स्वयं के विभाग के अधिकारियों के लिए सोना चांदी की चम्मच बने हुए है...?
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