Page Nav

HIDE

Breaking News:

latest

Total Pageviews

परम श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की जयंती पर सत सत नमन

  परम श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की जयंती पर सत सत नमन 👏 मैंने जन्म नहीं मांगा था, किन्तु मरण की मांग करुँगा। जाने कितनी बार जिया ह...

 


परम श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की जयंती पर सत सत नमन 👏


मैंने जन्म नहीं मांगा था,

किन्तु मरण की मांग करुँगा।


जाने कितनी बार जिया हूँ,

जाने कितनी बार मरा हूँ।

जन्म मरण के फेरे से मैं,

इतना पहले नहीं डरा हूँ।


अन्तहीन अंधियार ज्योति की,

कब तक और तलाश करूँगा।

मैंने जन्म नहीं माँगा था,

किन्तु मरण की मांग करूँगा।


बचपन, यौवन और बुढ़ापा,

कुछ दशकों में ख़त्म कहानी।

फिर-फिर जीना, फिर-फिर मरना,

यह मजबूरी या मनमानी?


पूर्व जन्म के पूर्व बसी—

दुनिया का द्वारचार करूँगा।

मैंने जन्म नहीं मांगा था,

किन्तु मरण की मांग करूँगा।

मौत से ठन गई 


ठन गई!

मौत से ठन गई!


जूझने का मेरा इरादा न था,

मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था,


रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई,

यों लगा ज़िन्दगी से बड़ी हो गई।


मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं,

ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं।


मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूँ,

लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूँ?


तू दबे पाँव, चोरी-छिपे से न आ,

सामने वार कर फिर मुझे आज़मा।


मौत से बेख़बर, ज़िन्दगी का सफ़र,

शाम हर सुरमई, रात बंसी का स्वर।


बात ऐसी नहीं कि कोई ग़म ही नहीं,

दर्द अपने-पराए कुछ कम भी नहीं।


प्यार इतना परायों से मुझको मिला,

न अपनों से बाक़ी हैं कोई गिला।


हर चुनौती से दो हाथ मैंने किये,

आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए।


आज झकझोरता तेज़ तूफ़ान है,

नाव भँवरों की बाँहों में मेहमान है।


पार पाने का क़ायम मगर हौसला,

देख तेवर तूफ़ाँ का, तेवरी तन गई।


मौत से ठन गई।


वीर सुरेन्द्र जैन बंटी 

जैन मिलन अध्यक्ष नरवर

No comments

Contact Form

Name

Email *

Message *

Latest Articles