ट्रक वाले चाहते हैं कि दिनारा सिकंदरा आरटीओ चेक पोस्ट को खत्म करे शिवपुरी आरटीओ चेक पोस्ट, जो परमिट जारी करने और अंतरराज्यीय वाहनों से शुल...
ट्रक वाले चाहते हैं कि दिनारा सिकंदरा आरटीओ चेक पोस्ट को खत्म करे
शिवपुरी आरटीओ चेक पोस्ट, जो परमिट जारी करने और अंतरराज्यीय वाहनों से
शुल्क एकत्र करने के लिए हैं, भ्रष्टाचार के आकर्षण के केंद्र और यातायात की बाधाओं के रूप में खराब प्रतिष्ठा रखते हैं इन दिनो सुर्खियों में है हाल ही के समय सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जो कि शिवपुरी जिले के आरटीओ अधिकारी एवं विभाग के कर्मचारियों की पोल खोल रहा है
वायरल वीडियो पर्दे साफ तौर से देखा जा रहा है कि दिनारा स्थित आरटीओ चेक पोस्ट पर वाहन की चेकिंग ना होते हुए लूट की भरमार हो रही है शहर में अब आम लोगों में जिस चर्चा तेज हो गई है कि दिनारा सिकंदरा बैरियर भ्रष्टाचार का एक बड़ा केंद्र है जिस पर कलेक्टर शिवपुरी अक्षय सिंह का ध्यान नहीं है या यूं कहें कि वह ना तो देखना चाहते हैं ना ही गंभीरता से परिवहन विभाग के अधिकारी कर्मचारी एवं दलालों पर कार्रवाई करना चाहते हैं तभी तो आलम यह है कि कांग्रेस के नेताओ ने भी साफ़ बोलना शुरू करदिया है की ये आरटीओ चेक पोस्ट शिवराज सरकार की भ्रष्टाचार के केंद्र के और अलावा कुछ नहीं है जिधर अन्य राज्य से आ रहे ट्रक संचालक के साथ आए दिन मारपीट की घटना एवं अवैध वसूली की तस्वीरें मीडिया में वायरल हो रही है
यहां तक कि अगर ट्रक वालों के पास सभी दस्तावेज और परमिट ह तो भी लोरी चालक को रिश्वत के रूप में काम से काम 500 1000 रुपए का भुगतान करना पड़ता है भ्रष्टाचार की भयावहता की कल्पना कीजिए क्योंकि हर दिन सैकड़ों लॉरी शहर में प्रवेश करती हैं।
सिकन्दर आरटीओ चेक पोस्ट सालाना करीब लाको करोड़ रुपए की अवैध कमाई करते हैं।
छह हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैंः मध्यप्रदेश के उत्तर प्रदेश बार्डर में प्रवेश करते ही परिवहन चेकपोस्ट पर वसूली शुरू हो जाती है। यूपी जाने के लिए मध्यप्रदेश के शिवपुरी स्थित दिनारा सिकंदरा चेकपोस्ट पार करने होते हैं। छोटी गाड़ी के 700 रुपये और भारी गाड़ी के 1500 रुपये देने पड़ते हैं। मध्यप्रदेश में साढ़े चार से छह हजार रुपये खर्च करने होते है। यह पैसा उन ट्रक ड्राइवरों से लिए जा रहे हैं, जिनके पास दस्तावेज पूरे हैं और ट्रक अंडर लोड है। यदि पैसे नहीं देते हैं तो ट्रक को निकलने नहीं दिया जाता है। हर स्तर पर वसूली की शिकायत हो चुकी है। जब किसी ने नहीं सुनी तो केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को शिकायत की गई। कोविड-19 के बाद से यह वसूली ज्यादा बढ़ गई है। मध्यप्रदेश के अलावा किसी दूसरे राज्य में इस तरह की परेशानी नहीं होती है। चेकपोस्ट पर कोई अधिकारी भी नहीं बैठता है। जिसे हम अपनी पीड़ा बता सकें।
चूंकि अब ये आरटीओ चौकियां चौबीसों घंटे कम से कम जिले के पांच अधिकारियों और नेताओ के साथ साथ भ्रष्टाचार का बढ़ केंद्र बन गई है
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