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कोलारस जनपद की पंचायतों में माॅनिटरिंग का अभाव, चरम पर भ्रष्टाचार

  कोलारस जनपद की पंचायतों में माॅनिटरिंग का अभाव, चरम पर भ्रष्टाचार योजनाओं में फर्जीवाड़े की जांच में सौदेबाजी करने के आरोप - मामला गढ़ रोजग...

 




कोलारस जनपद की पंचायतों में माॅनिटरिंग का अभाव, चरम पर भ्रष्टाचार


योजनाओं में फर्जीवाड़े की जांच में सौदेबाजी करने के आरोप

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मामला गढ़ रोजगार सहायक मुकेश धाकड़ का...!

कोलारस।कोलारस जनपद की ग्राम पंचायतों में हुए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर कई स्तर पर शिकायतों के बाद भी ग्राम पंचायतों के फर्जीवाड़ा में जांच के नाम पर जो लीपापोती की जाती है और दोषियों को बचाया जाता है उस बात को लेकर आमजनों में शासन और प्रशासन में बैठे जिम्मेदार लोगों के प्रति अविश्वास पैदा होता है ।

गौरतलब है प्रदेश की सत्ता मे काबिज भाजपा के कार्यकाल में जिस प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं गांव-गांव संचालित की जा रही थी और जो विकास के कार्य पंच परमेश्वर योजना और मनरेगा , स्वच्छ भारत अभियान ,पीएम आवास योजना सहित अन्य मदों के तहत जो कार्य किये जा रहे थे उनमें कई ग्राम पंचायतों में अनियमितताएं की गई है इस बात को लेकर पिछले कई सालों से लगातार कई ग्राम पंचायतों में जागरूक ग्रामीणजन कई स्तर से और कई बार अपनी शिकायत लेकर जनप्रतिनिधियों के कार्यालय, जनपद जिला पंचायत कार्यालय और कलेक्ट्रेट कार्यालय तक आते रहे हैं । मगर देखने में आया है कि प्रमाणिक दस्तावेज और आरटीआई से जुटाई गई जानकारियों के बाद भी की गई शिकायतों पर कई ग्राम पंचायतों में लाखों में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ जिस स्तर की जांच की जानी थी वह जांच नहीं की जाती है,दोषियों को किस तरह से बचाया जाए इसके लिए कई तरह के नियमों और जांच का सहारा लिया जाता है। 

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कमीशन लेकर जाँच को पहनाते हैं अमलीजामा

कमीशन के चक्कर में ग्रामीणों की शिकायतों को रद्दी की टोकरी में डाला जा रहा है। ग्रामीणों की नाराजगी जब सड़कों पर दिखेगी शायद तभी जिम्मेदार अधिकारी जागेंगे और जाँच करेंगे। स्थानीय लोगों ने तो यह भी कहा कि कोलारस  क्षेत्र में भ्रष्टाचार की जाँच को अमली जामा पहनाया जाता है। जांच के नाम पर खानापूर्ति कर भ्रष्ट लोगों से अपना कमिशन लेकर जाँच भी ऐसी की जाती है ताकि कोई भी शिकायत में फंसे ना। सरपंच-सचिव रोजगार सहायक  के द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार में तकनीकी अधिकारी भी संलग्न हैं जो ठेका प्रथा से निर्माण कार्य को अंजाम दे रहे हैं। ठेकेदार को संपूर्ण संरक्षण देकर बेरोजगार मजदूरों के हक पर डांका डाल रहे हैं अधिकतर काम मशीनों से सम्पन्न कराये जा रहे हैं। ग्रामीणों को रोजगार न मिलने के कारण कोलारस जनपद से अन्य जिले या अन्य राज्य पलायन कर रहे हैं।

निष्पक्ष जाँच करने ग्रामीणों ने उठाई मांग

ग्राम पंचायत गढ़ में बन रही भ्रष्टाचार की सड़कें, शौचालय,प्रधानमंत्री आवास, मनरेगा योजना के अन्तर्गत कराये गये सम्पूर्ण कार्यों की जाँच निष्पक्ष कराई जाये ऐसी मांग ग्रामीणों द्वारा उठाई गई। उन्होंने यह भी कहा कि सरपंच-सचिव रोजगार सहायक व तकनीकी अधिकारी की गैर मौजूदगी में घटिया निर्माण को अंजाम दिया गया है। लेवर, मिस्त्री समय से पहले निर्माण कार्य को अंजाम देने के चक्कर में घटिया काम किया गया हैं। इस बात की जब शिकायत की जाती है तो जाँच में देरी क्यों की जाती है।प्रदेश में सरकार के निगरानी तंत्र के साथ -साथ पंचायत स्तर पर भी पंचायत के पीसीओ,पंचायत इंस्पेक्टर और जनपद सीईओ भी बेजा लापरवाही बरत रहे हैं। कुछ महिनों में प्रदेश की कई पचायतों में भ्रष्टाचार की पोल खुल रही है। सवाल यह है कि आखिर   इन अधिकारियों के नाक के नीचे ये सब कैसे हो रहा है।

ग्राम पंचयात के द्वारा गुणवत्ताविहीन सड़क निर्माण का आरोप

ग्रामीणों की माने तो सड़क की ऊपरी 4 इंची गिट्टी बिना वाइब्रेटर मशीन के दवाई गई है। इससे सड़क जल्द ही उखड़ जाएगी उन्होंने बताया कि नियमानुसार गिट्टी के ठीक तरह से दवने के बाद 10 दिन के बाद इस पर 4 इंची सीमेंट कंक्रीट किया जाना चाहिए था। ताकि सड़क मजबूत बने लेकिन ग्राम पंचयात ने इसका ध्यान नहीं रखा है।

तय मानकों के अनुसार नहीं हुआ सीसी निर्माण

गौरतलब है कि गढ़ ग्राम पंचायत में जो सीसी सड़कों का निर्माण किया गया हैै एवं किया जा रहा है वह तय मानकों के अनुसार नहीं किया जा रहा है जिससे कि उसकी गुणवत्ता बहुत ही कमजोर है और वह जल्द ही उखड़ जाएगा।जिसमें जिम्मेदारों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।उक्त सीसी सड़कों में तय मानकों के अनुसार निर्माण कार्य नहीं किया जाने के कारण यह सीसी सड़कें समय से पहले ही उखड़ गई। सीसी सड़कों का उखड़ ना ही भ्रष्टाचार उजागर करने के बराबर है। ऊपर से लेकर नीचे तक सब का कमीशन बंधा है। इसमें मजदूरी करने वालों का पैसा तक मार दिया जाता है।

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बॉक्स 

ग्रामीणों द्वारा आए दिन जनपद पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक भ्रष्टाचार की शिकायतें की जाती है लेकिन इन कार्यालयों में बैठे  आला अधिकारियों द्वारा शिकायतों पर गौर नहीं की जाती बल्कि जिसकी शिकायत है उसको अपने कार्यालय में बुलाकर उसमें धौंस धपट देकर अपने विश्वसनीय बाबू से मिलने को बोल दिया जाता है और शिकायत को रद्दी में डाल दिया जाता है इस कारण इन भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद है। ऐसा ही एक मामला गढ़ ग्राम पंचायत का है यहां के ग्रामीणों ने रोजगार सहायक मुकेश धाकड़ की शिकायत कलेक्ट्रेट कार्यालय से लेकर जिला पंचायत कार्यालय  तक की गई लेकिन आज दिनांक तक इन कार्यालयों में बैठे आला अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। और वहीं रोजगार सहायक मुकेश धाकड़ द्वारा ग्रामीणों से बोला जा रहा है की मेरा कुछ नहीं होगा मैंने अधिकारियों की गांधी रूपी नोटों से सेवा कर दी है। तो वहीं ग्रामीणों को भी इस बात का एहसास होने लगा कि इसीलिए अधिकारियों द्वारा जांच नहीं की जा रही है।

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