अवैध खनिज परिवहन की निगरानी के लिये ड्रोन से फोटोग्राफी कराई जाये खनिज उत्खनन एवं मुख्य मार्ग पर खनिज को लेकर आने वाले स्थानों पर सीसीटीव्ह...
अवैध खनिज परिवहन की निगरानी के लिये ड्रोन से फोटोग्राफी कराई जाये
खनिज उत्खनन एवं मुख्य मार्ग पर खनिज को लेकर आने वाले स्थानों पर सीसीटीव्ही कैमरे भी लगायें
चंबल कमिश्नर श्री सिंह ने दिये टास्क फोर्स समिति की बैठक में कलेक्टरों को निर्देश
मुरैना /ग्वालियर-चंबल संभाग के कमिश्नर श्री दीपक सिंह ने अवैध रेत एवं पत्थर के परिवहन की निगरानी के लिये ड्रॉन से फोटोग्राफी कराने तथा खनिज उत्खनन वाले स्थलों एवं स्थलों से खनिज लेकर बाहर मुख्य मार्ग पर लेकर आने वाले ट्रेक्टर-ट्रॉलियों की फोटोग्राफी के लिये सीसीटीव्ही कैमरा लगाये जाने के निर्देश कलेक्टर एवं वनमण्डलाधिकारियों को दिये है। उन्होंने आवश्यक स्थानों पर नाके बनाने तथा राजस्व पुलिस, खनिज अधिकारियों की जोइंट टीम द्वारा रेण्डम निरीक्षण की कार्यवाही करते रहने के निर्देश भी दिये।
बैठक में वर्चुअल जुड़े चंबल रेन्ज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री राजेश चावला ने कहा कि अवैध उत्खनन एवं परिवहन करने पर पकड़े जाने वालों के खिलाफ मायनिक एक्ट के साथ-साथ आईपीसी की धारा के तहत भी कार्रवाही की जाये। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाही की जाये। मायनिंग, पुलिस और राजस्व की टीम लगातार धरपकड़ की कार्रवाही करते रहें।
वनमण्डलाधिकारी श्री दीक्षित ने बताया कि अवैध उत्खनन परिवहन के 99 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है, जिनमें 69 वाहन जब्त किये गये है। इनमें 56 ट्रेक्टर-ट्रॉली, 3 ट्रेक्टर, 1 लोडर मय ट्रेक्टर, 3 मोटर सायकिल, 1 ट्रॉली, 2 ट्रक, 1 डम्फर, 1 मिक्सर मशीन, एक बुलेरो पिकप है। पिछले एक वर्ष में राजसात प्रक्रिया के माध्यम से 42 वाहन राजसात किये गये है।
श्री दीक्षित ने बताया कि अवैध उत्खनन एवं परिवहन की रोकथाम हेतु सूचना तंत्र विकसित किया है। वन क्षेत्र एवं अभ्यारण्य में नियमित रूप से सघन गस्ती कर वन अमले और एसएएफ बल द्वारा अवैध गतिविधियों की रोकथाम की जा रही है। चंबल नदी में वाहनों के प्रवेश की रोकथाम के लिये वाहन अवरोधक खंतिया खोदी जाती है, 7 घरों पर अवैध नावों, स्टीमर के उपयोग को प्रतिबंधित किया है।
भिण्ड कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने बैठक में अवगत कराया कि भिण्ड जिले में सिंध नदी प्रमुख उत्खनन स्पॉट है। चंबल नदी में एक-दो जगह ही बहुत कम खनन हो रहा है। जो ठेका पूर्व में दिए गए थे, वे गतवर्ष जून-जुलाई में समर्पित हुए हैं। लहार, मेहगांव में जो 37 खदानें हैं, वे लीगल हैं, उनमें से पर्यावरण स्वीकृति 14 को दी गई है। बाकी खदानें जिनको पर्यावरण स्वीकृति नहीं दी गई है या ठेका नहीं हुआ है, उनको अवैध उत्खनन मानकर कार्यवाही की जा रही है। इसके लिए ज्वाइंट टीम गठित की गई है, जिसमें रेवेन्यू, पुलिस, फॉरेस्ट, होमगार्ड एवं माइनिंग टीम को रखा गया है। चंबल पुल 3 महीने से बंद था, इसलिए उत्खनन कम हुआ है। जैसे ही चंबल पुल स्टार्ट हुआ है तो इटावा रेत ज्यादा जाता है, इसलिए इटावा और भिण्ड में भी चैकिंग कर रहे हैं और चैकिंग प्वाइंट बनाया गया है। अब 4 नाके और बनाए जा रहे हैं। अवैध उत्खनन, अवैध परिवहन एवं अवैध भंडारण में कार्यवाही की गई है।
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