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2023 के विधानसभा चुनाव में शिवराज नहीं होंगे मुख्यमंत्री का चेहरा!

  2023 के विधानसभा चुनाव में शिवराज नहीं होंगे मुख्यमंत्री का चेहरा! NITIN DUBEY ✍️  राजनीति का ऊंट कब किस करवट बैठ जाए, किसी को पता नहीं। अ...

 


2023 के विधानसभा चुनाव में शिवराज नहीं होंगे मुख्यमंत्री का चेहरा!

NITIN DUBEY ✍️

 राजनीति का ऊंट कब किस करवट बैठ जाए, किसी को पता नहीं। अब मध्य प्रदेश में भी शिवराज सिंह चौहान की राजनीति करवट बदलने वाली है। 2023 के विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं होंगें, ऐसे संकेत मिल रहे हैं । इसके मायने यह नहीं है कि शिवराज सिंह चौहान की राजनीति खत्म या कम हो जाएगी बल्कि शिवराज सिंह चौहान को केंद्र की राजनीति में मौका मिल सकता है। हो सकता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष बनें या फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में विदिशा से लोकसभा चुनाव लड़कर केंद्र में मंत्री बने। ऐसे में अब सवाल उठता है कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा? इस चेहरे के लिए वैसे तो बहुत नाम है, लेकिन छनकर जो चेहरे सामने आए हैं उनमें सबसे पहला नाम कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया का है। सिंधिया के अलावा अगर दूसरे चेहरे की बात की जाए तो प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी हाथ पैर चला  रहे हैं। लगातार राहुल गांधी के बयानों पर पलटवार करना और सीधे देश के गृह मंत्री अमित शाह के संपर्क में रहना, इस बात के संकेत हैं कि मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा अब ऊंची कूद की तैयारी कर रहे हैं। वैसे नरोत्तम मिश्रा को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का अपोजिट भी माना जाता है। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कुछ माह पहले यह संकेत दिए थे। मीडिया भी कयास लगाने लगा है कि मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में शायद मप्र के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा सीएम का चेहरा पार्टी की तरफ से बने,लेकिन मुझे इस नाम की संभावनाएं कम ही दिखती हैं। दरअसल यह सही है कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनता और पार्टी की पहली पसंद थी, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में जिस तरह कांग्रेस जीती और उसके बाद बीजेपी के कुछ दिग्गज नेताओं ने सिंधिया को तोड़कर सरकार गिराई और शिवराज सिंह को पुनः मुख्यमंत्री बनाया, बस यही  शिवराज सिंह चौहान की अंतिम कदम या पद था। इस पूरी कवायद में गौर करने लायक बात यह है कि शिवराज सिंह चौहान भी पीछे नहीं हैं जिन जिन के नाम मुख्यमंत्री पद के लिए या मुख्यमंत्री का चेहरे के लिए आ रहे हैं शिवराज जी उनके पर कतरते जा रहे हैं। सबसे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ज्योतिरादित्य सिंधिया का कारवां प्रदेश में खत्म करना चाहते हैं। यही कारण है कि शिवराज मंत्रिमंडल में शामिल सिंधिया समर्थकों को जांचा जा रहा है और उनकी कमियों को भी मीडिया में उजागर किया जा रहा है। वहीं प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की कुछ सीडी और ऑडियो भी पार्टी हाईकमान यानी मोदी जी के पास पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। देखना अब यह है कि इस लड़ाई में कौन आगे होता है और कौन हमेशा के लिए पीछे जाता है।

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