खुशियों की दास्तां पीएम स्व-निधि योजना से रजत ने एक बार नहीं तीन बार ऋण लेकर अपने आपको किया स्थापित ग्वालियर / सच्ची लगन और परिश्रम से क...
खुशियों की दास्तां
पीएम स्व-निधि योजना से रजत ने एक बार नहीं तीन बार ऋण लेकर अपने आपको किया स्थापित
ग्वालियर / सच्ची लगन और परिश्रम से कोई भी कार्य किया जाए तो उसके सार्थक परिणाम सामने आते हैं। कोविड-19 की महामारी के दौरान अनेक लोगों की प्राइवेट नौकरियाँ खतरे में पड़ गईं। ऐसे युवाओं को अपनी जिंदगी की गाड़ी आगे बढ़ाने में अनेक कठिनाईयाँ सामने आईं। लेकिन जिन युवाओं ने लगन और मेहनत से अपने जीवन में खुशहाली लाने का प्रयास किया उन्हें हर पल पर शासन की योजनायें मददगार के रूप में सामने मिली। इन योजनाओं का लाभ उठाकर युवाओं ने जहाँ कोरोना जैसी महामारी को परास्त किया वहीं अपने जीवन में खुशहाली लाने का भी कार्य किया है।
स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कोरोनाकाल में ही पीएम स्व-निधि योजना प्रारंभ की गई। इस योजना के माध्यम से जरूरतमंदों को प्रथम चरण में 10 हजार रूपए, द्वितीय चरण में 20 हजार रूपए और समय पर ऋण अदा करने वाले युवाओं को 50 हजार रूपए तक की राशि भी बिना ब्याज के उपलब्ध कराई गई। ग्वालियर के श्री रजत शंखवार ने भी इस योजना से तीन बार 10 हजार, 20 हजार और बाद में 50 हजार रूपए का ऋण लेकर अपने व्यवसाय को न केवल स्थापित किया बल्कि अपने परिवार के लिये बड़ा आधार भी स्थापित किया।
ग्वालियर के किलागेट निवासी श्री रजत शंखवार ने बताया कि वे पहले प्राइवेट नौकरी करते थे, लेकिन कोरोनाकाल में उनकी नौकरी न बच पाई। बेरोजगारी के कारण जीवन की गाड़ी चलने में कठिनाईयां महसूस हुईं। ऐसे में प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना की जानकारी उन्हें शासकीय कार्यालयों से प्राप्त हुई और उन्होंने 10 हजार रूपए के ऋण के लिये आवेदन किया। अधिकारियों के सहयोग से 10 हजार रूपए का ऋण मिला और उन्होंने दूध की डेयरी का कार्य प्रारंभ किया। 10 हजार रूपए समय पर जमा करने पर उन्हें 20 हजार रूपए का ऋण मिला और 20 हजार रूपए समय पर जमा करने पर 50 हजार रूपए का ऋण भी बैंक के माध्यम से उन्हें मिला है। श्री शंखवार ने शासन की मदद से अपना दूध का व्यवसाय पूरी तरह स्थापित किया है और वह अब अपने साथ अन्य लोगों को भी रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। उसके परिवार में भी कोरोनाकाल में आई आर्थिक तंगी से वह बाहर आ गया है और अब उसका परिवार पूरी तरह से आत्मनिर्भर होकर अपने व्यवसाय को बढ़ाने में लगा हुआ है।
श्री रजत शंखवार के जीवन में पीएम स्व-निधि योजना अंधेरे में उजाला लाने का काम कर गई है। उसका कहना है कि बेरोजगार युवकों को इस योजना के माध्यम से अपना स्वयं का रोजगार स्थापित करना चाहिए और नियमित बैंक की राशि जमा कर जरूरत पड़े तो और ऋण भी लेना चाहिए। बेरोजगार युवाओं के लिये स्व-निधि योजना एक वरदान है।
(श्री रजत शंखवार का मोबा. नं. 7581004408)
मधु सोलापुरकर
सहायक संचालक, ग्वालियर
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