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लोग उन्हें जैविक पुरोधा कहते हैं…

  खुशियों की दास्तां  लोग उन्हें जैविक पुरोधा कहते हैं… ग्वालियर / उन्नतशील कृषक बृजेन्द्र सिंह रावत एक बार बीमार क्या पड़े, उन्होंने रासायनि...

 




खुशियों की दास्तां 

लोग उन्हें जैविक पुरोधा कहते हैं…

ग्वालियर / उन्नतशील कृषक बृजेन्द्र सिंह रावत एक बार बीमार क्या पड़े, उन्होंने रासायनिक खेती से तौबा कर ली। अब उनकी ख्याति अपने इलाके के गाँवों में जैविक पुरोधा के रूप में होने लगी है। उन्हें जैविक खेती में माहिर बनाने में किसान कल्याण एवं कृषि विभाग की योजनाओं का बड़ा योगदान है। 

ग्वालियर जिले के विकासखंड डबरा के ग्राम देवरा निवासी कृषक बृजेन्द्र सिंह बताते हैं कि एक बार मैं बीमार पड़ा, जब ठीक नहीं हुआ तब डॉक्टर की सलाह पर कराई गई जाँच में लीवर में इन्फेक्शन आया। डॉक्टर ने आशंका जताई कि खेती किसानी में अत्यधिक रसायनों के उपायेग से आपके लीवर में खराबी आई है। इलाज पर काफी समय और धन जाया हुआ। इसके बाद हमने ठान ली कि अब हम रासायनिक खेती के बजाय जैविक खेती ही करेंगे। 

बृजेन्द्र सिंह का कहना है कि मैंने कृषि विभाग की आत्मा योजना से प्रशिक्षण लेकर जैविक खेती शुरू की और आज हम 9 एकड़ जमीन में सफलतापूर्वक जैविक खेती कर रहे हैं। मुझसे प्रेरित होकर गाँव के अन्य किसानों ने भी जैविक खेती अपना ली है। वे बताते हैं कि जैविक खेती के जरिए प्रति हैक्टेयर 40 से 45 क्विंटल गेहूँ का उत्पादन प्राप्त हो जाता है। इसके अलावा धान, अरहर, मूँग, सरसों, चना, अलसी, मसूर, हल्दी व अदरक सहित 118 किस्मों का उत्पादन हम जैविक खेती के जरिए करते हैं। वर्तमान में साल भर में अपनी जमीन से हमें लगभग 12 से 13 लाख रूपए का उत्पादन प्राप्त हो रहा है। खर्चा काटकर प्रति एकड़ हमें एक लाख 20 हजार रूपए की शुद्ध कमाई हो रही है। 

जैविक खेती के तरीकों पर प्रकाश डालते हुए बृजेन्द्र सिंह बोले कि हम घर पर ही जैविक खाद मसलन जीवामृत, बीजामृत, मटका खाद, गोबर गैस की स्लेरी, नाडेप खाद व वर्मी कम्पोस्ट पैदा करते हैं। कीट नियंत्रण के लिये भी हमने जैविक कीटनाशक मसलन नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र, सप्तधान्य, दसपर्णी अर्क, नीम पेस्ट व छाछ इत्यादि हम तैयार कर लेते हैं। 

सफल जैविक खेती कर क्षेत्र के किसानों के लिये प्रेरणा के स्त्रोत बने बृजेन्द्र सिंह कहते हैं कि जैविक खेती में लगने वाली थोड़ी अधिक मेहनत को हम तो भूल जाते हैं जब अपने खेतों से उपजे शुद्ध उत्पादों से बनी सब्जी-भाजी व रोटी खाने अपने परिवार के साथ बैठते हैं। वे कहते हैं सरकार ने जैविक खेती को प्रोत्साहन देकर समाज पर बड़ा उपकार किया है। 

(बृजेन्द्र सिंह रावत का मोबा. नं. 9826217433)


हितेन्द्र सिंह भदौरिया

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