ग्वालियर जिले में जैविक हाट बाजार स्थापित किया जायेगा – श्री भारत सिंह कुशवाह उद्यानिकी एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चार द...
ग्वालियर जिले में जैविक हाट बाजार स्थापित किया जायेगा – श्री भारत सिंह कुशवाह
उद्यानिकी एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चार दिवसीय किसान सम्मेलन आयोजित
सम्मेलन के आखिरी दिन जनपद पंचायत मुरार के 569 कृषक हुए लाभान्वित
ग्वालियर / ग्वालियर जिले में स्थायी जैविक हाट बाजार स्थापित किया जायेगा। जैविक हाट बाजार का निर्माण लगभग दो एकड़ जमीन पर होगा। जिसमें सरकार 10 करोड़ रूपए खर्च कर भण्डारण कक्ष, कोल्ड रूम व ग्रेडिंग पैकिंग यूनिट सहित जैविक हाट बाजार से संबंधित अन्य अधोसंरचनायें उपलब्ध करायेगी। यह बात उद्यानकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह ने एकीकृत बागवानी मिशन योजना के तहत आयोजित हुए चार दिवसीय किसान सम्मेलन के समापन दिवस पर आयोजित हुए कार्यक्रम में कही।
यहाँ मेला रोड़ स्थित उद्यानिकी विभाग की शासकीय पौधशाला परिसर में जैविक व प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और सब्जी व मसाला क्षेत्र के विस्तार के उद्देश्य से आयोजित हुए इस सम्मेलन के आखिरी दिन जनपद पंचायत मुरार के 569 किसानों को लाभान्वित कराया गया। समापन दिवस पर आयोजित हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती दुर्गेश कुँवर सिंह जाटव ने की। इस अवसर पर जिला पंचायत व जनपद पंचायतों के सदस्यगणों सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
उद्यानिकी विभाग अपनी देखरेख में करायेगा जैविक उत्पादन
राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि जैविक खेती की बारीकियाँ सिखाकर उद्यानिकी विभाग अपनी देखरेख में किसानों से जैविक उत्पादन करायेगा। साथ ही उनके उत्पादों को जैविक हाट बाजार में विक्री की सुविधा मुहैया कराई जायेगी। जैविक उत्पादन करने वाले किसानों को विभाग द्वारा प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि आम बाजारों से दोगुनी से अधिक कीमत पर किसानों की जैविक सब्जी व फल जैविक हाट बाजार में बिकेंगे। इससे न केवल किसानों को फायदा होगा बल्कि ग्वालियरवासियों को भी हैल्थी जैविक उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे।
खाद्य प्रसंस्करण इकाई के लिए 35 प्रतिशत तक अनुदान
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह ने किसानों का आह्वान किया कि खेती की आमदनी को दोगुना करने के लिये रबी-खरीफ में उद्यानिकी फसलों की खेती भी करें। साथ ही खाद्य प्रसंस्करण भी अपनाएँ। सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिये 35 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है।
जैविक खेती की सामग्री सौंपी और घर पर दवा व खाद बनाने की विधि भी बताई गई
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह ने किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिये नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटास बनाने वाले जीवाणुओं की किट और वर्मी कम्पोस्ट (केंचुआ खाद) व स्प्रिंकलर सहित अन्य सामग्री की किट किसानों को सौंपी। उन्होंने ने जिला स्तरीय किसान सम्मेलन में लगाए गए उद्यानिकी व जैविक खेती के स्टॉल का भी जायजा लिया। साथ ही किसानों से रूबरू होकर उन्हें जैविक खेती के फायदे बताए।
इस अवसर पर सहायक संचालक उद्यानिकी श्री एमपीएस बुंदेला, विषय विशेषज्ञों द्वारा जैविक खाद और घर पर ही जैविक कीटनाशक दवाएँ तैयार करने की तकनीक सिखाई। किसानों को इसके अलावा टमाटर, भिंडी, मिर्च, लॉकी व गिलकी के बीज नि:शुल्क उपलब्ध कराए गए।
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