खुशियों की दास्ता अयोध्या बाई को मोबाइल की दुकान दे रही है आर्थिक सहायता श्योपुर /मप्र सरकार द्वारा मप्र डे-आजीविका ग्रामीण मिशन के माध्यम ...
खुशियों की दास्ता
अयोध्या बाई को मोबाइल की दुकान दे रही है आर्थिक सहायता
श्योपुर /मप्र सरकार द्वारा मप्र डे-आजीविका ग्रामीण मिशन के माध्यम से स्वसहायता समूहो को सशक्त बनाने के प्रयास किये जा रहे है। इन प्रयासों के माध्यम से जिले की जनपद पंचायत श्योपुर की 46 वर्षीय श्रीमती अयोध्या बाई पत्नी श्री गजानंद निवासी ननावद ने अपना श्रीकृष्ण स्वसहायता समूह बनाकर मोबाइल रिर्चाज की दुकान खोली। यह दुकान उनको आर्थिक सहायता देने में मदद कर रही है।
जिले के विकासखण्ड श्योपुर के ग्राम ननावद की रहने वाली श्रीमती अयोध्या बाई पत्नी श्री गजानंद का पति बेरोजगार होकर परिवार की गाड़ी चलाने में असमर्थता महसूस कर रही थी। साथ ही घर का खर्च भी मुश्किल से चला रहा था। इसी बीच ग्राम ननावद में आजीविका मिशन के कर्मचारी पहुंचे। तब श्रीमती अयोध्या बाई की भेंट उनसे हुई। उनके द्वारा अयोध्या बाई को समूह से जोड़ने की विधि बताई। इससे प्रेरित होकर अयोध्या बाई ने समूह से जुड़ने का निर्णय लिया। उन्होंने श्री कृष्ण स्वसहायता समूह का गठन किया। साथ ही समूह से होने वाली आय के बारे में समूह की महिलाओं को अवगत कराया।
ग्राम ननावद की निवासी श्रीमती अयोध्या बाई ने अपने पति श्री गजानंद को समूह के माध्यम से ऋण लेकर घर का मोबाइल का व्यवसाय डालने की सलाह दी। उनके पति ने मिशन के अधिकारियों से संपर्क कर मोबाइल रिचार्ज की दुकान स्थापित करने के लिए 50 हजार रूपये का ऋण लेने की सहमति व्यक्त की। इसके बाद अयोध्या बाई की सहमति पर पति को दिलाए गए ऋण से प्रतिदिन आमदनी होने लगी। अयोध्या बाई भी स्वसहायता समूह के साथ अपने पति का हाथ बंटाने लगी।
जिले के विकासखण्ड श्योपुर की ननावद की निवासी श्रीमती अयोध्या बाई पत्नी श्री गजानंद ने बताया कि स्वसहायता समूह और मोबाइल की दुकान से हम पति-पत्नी प्रतिमाह करीबन 8000 रूपये कमा रहे हैं। साथ ही सीआरपी ड्राइव के माध्यम से दूसरे गांव की महिलाओं को समूह से जोड़ने के नियम सीखा रहे हैं। इससे भी 2000 रूपये की आय हमें मिल रही है।
श्योपुर जिले के विकासखण्ड श्योपुर के ग्राम ननावद की निवासी श्रीमती अयोध्या बाई पत्नी श्री गंजानंद ने बताया कि मप्र सरकार के माध्यम से स्वरोजगार की दिशा में किए जा रहे प्रयासों से हम आर्थिक तरक्की की रफ्तार पकड़ रहे हैं। जिसका श्रेय मप्र शासन, जिला प्रशासन आजीविका मिशन को जाता है।
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