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किराने की दुकान से घरखर्च चलाने में सहायक बन रही है आशा

खुशियो की दास्ता किराने की दुकान से घरखर्च चलाने में सहायक बन रही है आशा श्योपुर / जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल की ग्राम पंचायत निमानिया ...



खुशियो की दास्ता

किराने की दुकान से घरखर्च चलाने में सहायक बन रही है आशा

श्योपुर / जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल की ग्राम पंचायत निमानिया के ग्राम राम सेमरा निवासी श्रीमती आशा आदिवासी किराने की दुकान से घरखर्च चलाने में सहायक बन रही है। इस व्यवसाय में उनका पति श्री रामसिंह आदिवासी भी सहयोग प्रदान कर रहा है।

आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम रामसेमरा की निवासी श्रीमती आशा पत्नी श्री रामसिंह आदिवासी मजदूरी कर अपने परिवार का जीवन यापन करने में कठिनाई महसूस कर रहे थे। इसी बीच गांव में मप्रडे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की टीम से उनका संपर्क हुआ। टीम की प्रेरणा से ग्रामसभा के माध्यम से 5 हजार रूपए का ऋण किराना की दुकान का व्यवसाय शुरू करने की ठान ली। पति के सहयोग से ग्राम विकास समूह के माध्यम से 5 हजार रूपए ऋण से घर के पास सहराने में एक छोटी पटौर के कमरे में दुकान की शुरूआत की। इस दुकान का संचालन पूरी तरह से आशा के हाथ में ही है। दुकान का प्रतिदिन हिसाब भी रख रही है। आशा को ग्राम विकास समूह के सहयोग से ग्रामसभा में दिए ऋण में से एक हजार रूपए की राशि हर माह जमा कर रही है। श्रीमती आशा आदिवासी ने प्रतिदिन 200-250 रूपए की आय किराना दुकान के व्यवसाय से प्राप्त हो रही है। इस प्रकार से प्रतिमाह 6 से 7 हजार रूपए की आय में इजाफा हो रहा है। जिसमें से दो बच्चों की पढ़ाई लिखाई भी करा रही है। पति श्री रामसिंह आदिवासी उनकी दुकान के लिए बाजार से सामान लाकर उपलब्ध कराते हैं।

जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल की ग्राम पंचायत निमानिया के ग्राम रामसेमरा की निवासी श्रीमती आशा पत्नी श्री रामसिंह आदिवासी ने बताया कि किराना दुकान से आर्थिक रूप से मेरा परिवार आत्मनिर्भर बर रहा है। साथ ही रहन-सहन के स्थर में इजाफा हुआ है। सामाजिक स्तर में भी वृद्धि हुई है। यह सब करिश्मा मप्रडे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, जिला प्रशासन और राज्य सरकार को जाता है।


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