( खुशियों की दास्ताँ) प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना से सुनील बना आत्मनिर्भर और दे रहा है दो लोगों को रोजगार मुरैना /प्रधानमंत्री रोजगार...
(खुशियों की दास्ताँ)
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना से सुनील बना आत्मनिर्भर और दे रहा है दो लोगों को रोजगार
मुरैना /प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना श्री सुनील गौड़ का सोफा निर्माण उद्यम शुरू करने में मददगार साबित हुई है। वहीं इस उद्यम से वे अपने परिवार के दो अन्य सदस्यों को भी रोजगार उपलब्ध करा रहे है। जिससे आज उनके परिवार का बेहतर तरीके से भरण पोषण हो पा रहा है। सुनील ट्रेडर्स, मुरैना जिले के अलावा अन्य जिलों में भी बिक्रय करते हैं।
रामनगर, इस्लामपुरा, जौरा, मुरैना के रहने वाले सुनील गौड़ ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक शाखा पचबीघा, जौरा, मुरैना से सोफा निर्माण उद्यम के लिए 10 लाख रूपये का ऋण प्राप्त कर अपना निर्माण उद्यम स्थापित किया है। इसके लिए उन्हें कुल परियोजना राशि पर 35 प्रतिशत का अनुदान भी प्राप्त हुआ है।
श्री गौड़ का कहना है कि इस व्यवसाय को प्रारंभ करने में जिला उद्योग केन्द्र के अधिकारियों का विशेष सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि उनके ऊपर परिवार की बहुत जिम्मेदारी थी। अपने परिवार की देखरेख के साथ घर पर ही अपना छोटा-मोटा उद्योग शुरु करने हेतु सम्पर्क किया था। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक श्री अरविंद विश्वरूप एवं सहायक प्रबंधक श्री नरेन्द्र सिंह धाकड़ ने उन्हें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना की जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना का लाभ लेकर अपना सोफा निर्माण का कार्य शुरु कर सकते हैं। इस उद्योग के लिये बैंक से ऋण एवं अनुदान की भी सुविधा मिलेगी। विभाग के माध्यम से श्री गौड़ का सोफा निर्माण का प्रकरण तैयार कर 10 लाख का ऋण स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया शाखा पचबीघा, जौरा, मुरैना द्वारा स्वीकृत किया गया। जिस पर 35 प्रतिशत का अनुदान सहायता का भी लाभ मिला। इस व्यवसाय से उन्हें प्रतिमाह लगभग 35 हजार रूपये की आमदनी होने के साथ-साथ परिवार के दो अन्य सदस्यों को रोजगार भी मिल रहा है तथा 17 हजार रु. की बैंक की ऋण की किश्ते भी नियमित जमा कर रहे हैं। श्री गौड़ ने बताया कि इस उद्यम को स्थापित करने में प्रधानमंत्री रोजगार योजना काफी मददगार साबित हुई है। इससे उनके जीवन में बहुत सकारात्मक बदलाव आए हैं। सृजन कार्यक्रम इस योजना की मदद से वह बेरोजगार की श्रेणी से निकलकर रोजगार प्रदान करने वाले बन गए हैं।
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