खुशियों की दास्तां मुरारी नाथ अब पक्के घर के मालिक हैं ग्वालियर / सड़क किनारे घास-फूस और पॉलीथिन से बनी झोंपड़ी, मुरारी का आशियाना था। ना...
खुशियों की दास्तां
मुरारी नाथ अब पक्के घर के मालिक हैं
ग्वालियर / सड़क किनारे घास-फूस और पॉलीथिन से बनी झोंपड़ी, मुरारी का आशियाना था। नाथ समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मुरारी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका खुद का पक्का घर होगा। उनका यह सपना अब हकीकत बन गया है।
ग्वालियर शहर के वार्ड-66 के अंतर्गत एक सड़क के किनारे मुरारी नाथ रात गुजारा करते थे। नाथ समुदाय पहले साँप पालकर गुजारा करते थे। जब इस पर रोक लगी तो दिन कठिनाई भरे हो गए। मेहनत मजदूरी में अपने आप को ढालने में थोड़ा वक्त लगा। आगे चलकर मुरारी इतना कमाने लगे कि परिवार का गुजारा चलने लगा। लेकिन झोंपड़ी के स्थान पर पक्का मकान बनाना दूर की कोणी ही रही। इसी बीच प्रधानमंत्री आवास योजना उनके लिये वरदान बनकर सामने आई।
प्रधानमंत्री आवास योजना से मिली मदद से मुरारी ने बड़े करीने के साथ अपने सपनों का आशियाना तैयार किया है। वे कहते हैं कि मेरे बच्चे पक्के घरों में रहने वाले लोगों को कातर नजरों से निहारा करते थे। पर अब वे बड़ी शान के साथ गाँव के बच्चों के साथ खेलने के लिये जाते हैं। मुरारी बताते हैं कि हमारी धर्मपत्नी तो दिन-रात सरकार को दुआएँ देते नहीं थकतीं।
हितेन्द्र सिंह भदौरिया
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