गुना वन विभाग मेंआदिवासी मजदूरों का शोषण ,एक महीने से नही किया भुगतान फर्जी व्हाउचारो का खेल परिचित रिस्तेदारो के खातों में भुगतान मामला...
गुना वन विभाग मेंआदिवासी मजदूरों का शोषण ,एक महीने से नही किया भुगतान
फर्जी व्हाउचारो का खेल परिचित रिस्तेदारो के खातों में भुगतान
मामला गुना दक्षिण रेंज का
गुना /पिछले एक करीब एक माह से हमारे द्वारा लगातार गुना वन मण्डल में घपले घोटाले सहित मजदूरों के हक पर डाका डालने की खबरे लगातार प्रसारित की जा रही है। इसके बावजूद भी वन विभाग के कानो पर जूं तक नहीं रेंग रही। दरअसल मामला कमीशन खोरी से जुड़ा होने से मामलों के खुलासा होने पर भी जिम्मेदारों के कानो पर जूं नहीं रेंग रही। रेंजर एसडीओ डीएफओ भी मशीनों के काम को मजदूरों का दर्शा कर फर्जी व्हाउचारो पर दनादन शाइन कर भुगतान फर्जी मजदूरों या यूं कहे वन कर्मियों के परिचित और रिस्तेदारो के खातों में ट्रांसफर की जा रही, जो की पूर्णतः कमीशन की भेट चढ़ रही । इसका सीधा साधा उदाहरण आज सामने आया जब मल्लानपुर के सहरीया समुदाय के मजदूर भुगतान के लिए गुना वनमण्डल पहुंचे ।
वन मण्डल पहुंचे सुजान सहरियां,भगवानलाल सहरीया,वीरेंद्र सहरीया,लालाराम सहरीया ने बताया हम दस लोगो ने वन विभाग में 5852 गड्डे खोदे थे । बिटगार्ड नंदकिशोर शर्मा व डिप्टी बाबूलाल धाकड़ ने पहले तो हमसे 10 रुपय प्रति पौधरोपण गड्डे की बात कही थी पर जब अब एक महीने काम करने के बाद पैसे मांगे तो 9 रुपए गड्डे के हिसाब से भुगतान की बात करने लगे । जिसकी शिकायत लेकर हम रेंजर साहब के पास गुना वन मण्डल पहुंचे थे पर यह रेंजर नही मिले । डीएफओ ने भी शिकायती पत्र रेंजर को देने की बात कही । पर इन सबके बीच डीएफओ के सामने भी आधी दर भुगतान की बात रखी जिसपर डीएफओ ने गंभीरता नही दिखाई । अब आदिवासी मजदूरों उच्च स्तर पर शिकायत करने की बात कही
मल्लानपुरा प्लांटेशन में जमकर भ्रष्टाचार
गुना दक्षिण रेंज के मल्लानपुरा प्लांटेशन में सीपीटी जेसीबी मशीन से बनवाई गई है तो वही भुगतान फर्जी मजदूरों जो की वनकर्मियो के ही परिचित रिश्तेदार हे उनके खातों में डाल दी गई । वही अब खाद मिट्टी के नाम पर भी भुगतान फर्मों को किया जाएगा ,जबकि मल्लानपुरा ग्रामीणों ने बताया मिट्टी गांव के छोटे तालाबों से उठाई है और प्लांटेशन के अंदर से भी ।वही खाद मल्लानपुरा के ग्रामीण से खरीदी है।
क्या है वन विभाग में भुगतान के नियम ?
वन विभाग में मजदूरों के व्हाउचर तैयार किए जाते हैं। दैनिक कार्य
अनुसार वाउचर तैयार कर दिनाक ओर कार्य का नाम जैसे सीपीटी खंती या गड्डे खुदाई व्हाउचारो पर दर्शाया जाता है।फिर उन व्हाउचरो पर बीट गार्ड और डिप्टी वेरिफाई करके रेंजर को भेजते हैं,इसके बाद व्हाउचारो को आवक जावक से एसडीओ को भेजा जाता है। इसके बाद आवक जावक से गुना डीएफओ के पास भेजा जाता है इन सभी अधिकारियों के सिग्नेचर के बाद ही हर हफ्ते मजदूरों को भुगतान उनके बैंक खातों में किया जाता है। गौर करने वाली बात है व्हाउचारो के जरिए भुगतान हर हफ्ते होना चाहिए। पर गुना दक्षिण के मल्लानपुरा में शहरिया मजदूरों का एक महीने में भी भुगतान न होना ही कमीशन खोरी का खेल बया कर रहा । निर्धारित दर से आधा भुगतान नगदी की बात तो वन विभाग में नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार के खेल को खुल्लम खुल्ला दर्शा रहा।
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