खुशियो की दास्ता दुकान के लिए ऋण को खुशी-खुशी चुका रही है सावित्री बाई श्योपुर/ मप्र डे ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा जिले के श्योपुर विकास...
खुशियो की दास्ता
दुकान के लिए ऋण को खुशी-खुशी चुका रही है सावित्री बाई
श्योपुर/ मप्र डे ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा जिले के श्योपुर विकासखण्ड के ग्राम पच्चीपुरा की 38 वर्षीय श्रीमती सावित्री बाई पत्नी श्री विनोद को दुकान के लिए 50 हजार रूपये का ऋण दिया गया। इस ऋण को खुशी-खुशी चुकाने में सहायक बन रही है।
श्योपुर विकासखण्ड के ग्राम पच्चीपुरा निवासी श्रीमती सावित्री बाई पत्नी श्री विनोद परिवार में पशुपालन का कार्य करती थी। जिसमें उनके पास एक भैंस व एक गाय थी। जिसका दूध बेचकर अपने घर का खर्चा चलाती थी। परंतु कोई बचत नहीं हो पाती थी। जब भैंस या गाय दूध नहीं देता तब घर का खर्चा चलाने में मुश्किल पड़ जाता था। उनके पति भी मेहनत मजदूरी कर परिवार को सहारा देते थे। परंतु उसमें गुजारा नही होता।
ग्राम पच्चीपुरा की निवासी श्रीमती सावित्री बाई जब घर में भैंस और गाय को चारा खिला रही थी। तब उनकी आजीविका मिशन के दल से भेंट हुई। साथ ही अपनी व्यथा सुनाई। आजीविका मिशन के दल द्वारा सावित्री बाई को सलाह दी, कि आपका घर पच्चीपुरा श्योपुर मैंन रोड पर है। अपने घर में किराने की दुकान, जनरल स्टोर का व्यवसाय आसानी से किया जा सकता है। उस घर में ही 50 हजार रूपए ऋण लेकर निजी व्यवसाय की शुरूआत की जा सकती है।
श्योपुर विकासखण्ड के ग्राम पच्चीपुरा निवासी श्रीमती सावित्री बाई ने मप्र डे आजीविका ग्रामीण मिशन के दल की समझाइश पर महिला स्वसहायता समूह देव नारायण से जुड़कर आप 50 हजार रूपये का ऋण लेकर व्यवसाय शुरू कर सकती है। तब श्रीमती सावित्री बाई ने सहमति व्यक्त की और अपना प्रकरण जिला स्तर से कराने की अपेक्षा की।
डीपीएम मप्र डे आजीविका मिशन ने जिला स्तर से मैदानी दल के माध्यम से श्रीमती सावित्री बाई को 50 हजार रूपये का ऋण देने के लिए स्वीकृति प्रदान की। स्वीकृति के उपरांत लिये गये ऋण के माध्यम से श्रीमती सावित्री बाई ने अपनी जनरल स्टोर की दुकान प्रारंभ की। इस दुकान के संचालन से समूह से लिये गये ऋण को चुकाने के उपरांत प्रतिमाह 9 हजार रूपये की आमदनी हो रही है। साथ ही वे अपने बच्चो की पढाई लिखाई में भी सहारा बन रही है।
जिले के विकासखण्ड श्योपुर के ग्राम पच्चीपुरा निवासी श्रीमती सावित्री बाई पत्नी श्री विनोद ने बताया कि मप्र सरकार, जिला प्रशासन एवं मप्र डे आजीविका मिशन के माध्यम से मुझे स्वरोजगार का अवसर मिला है।
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