एक हफ्ते में 250 हेक्टयर का प्लान, प्लांटेशन चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट सीसीएफ पालीवाल को गुना डीएफओ का रिटायरमेंट से पहले का एक और गिफ्ट ...
एक हफ्ते में 250 हेक्टयर का प्लान, प्लांटेशन चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट
सीसीएफ पालीवाल को गुना डीएफओ का रिटायरमेंट से पहले का एक और गिफ्ट
मधुसूदन गड़ परिक्षेत्र में सीपीटी जेसीबी से
शिवपुरी /गुना वनमण्डल में हाल ही में प्रस्तावित करीब 250 हेक्टयर का प्लांटेशन के लिए आया बजट शिवपुरी सीसीएफ डीके पालीवाल और गुना डीएफओ हेमंत रायकवार की जुगलबंदी से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया । सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार हाल ही में सीसीएफ डीके पालीवाल ने गुना वन मण्डल में 250 हेक्टयर के प्लांटेशनों के लिए मंजूरी दी। जिसे नियमानुसार गुना डीएफओ हेमंत रायकवार को जिले की आठों रेंजों को बराबर बराबर देकर प्लांटेशनों का कार्य कराना चाहिए था। पर भ्रष्टाचार की चासनी में डूबे पालीवाल और रायकवार ने सुनियोजित तरीके से 250 हेक्टयर प्लांटेशन का प्लान सिर्फ तीन रेंजों में बाट दिया । सूत्रों ने बताया इन तीनों रेंजों को काम देने के पीछे कमीशन का बड़ा खेल है। सीसीएफ शिवपुरी डीके पालीवाल का फरवरी अंत में रिटायरमेंट हे , ओर इसी के चलते एक हफ्ते पहले हुए 250 हेक्टयर के प्लान को मात्र आठ दिनों में ही बाटकर लगभग काम भी कर दिया गया । सूत्रों के अनुसार 20 फरवरी तक 250 हेक्टयर के प्लांटेशनों में सारा काम ओके कर पालीवाल तक कमीशन पहुंचना है। जिसके चलते सीपीटी और गड्ढों के व्हाउचर बना दिए गए और बचे हुए व्हाउचारो को 20 फरवरी तक पूर्ण करना है। साथ ही इसी महीने में फर्जी तरीके से खाद और मिट्टी का भुगतान भी कर दिया जाएगा ,जिससे की सीसीएफ पालीवाल का कमीशन रिटायरमेंट से पहले ही पहुंच जाए। यही कारण है 250 हेक्टयर के प्लान को सिर्फ तीन रेंजों में बाटकर और मजदूरी का काम मशीनों से कराकर मजदूरों के नाम फर्जी वाउचर बनाकर सीसीएफ को रिटायरमेंट का गिफ्ट डीएफओ हेमंत रायकवार की ओर से दिया जाए।
इन रेंजों में हुआ 250 हेक्टयर बटवारा ।
आरोन वन परिक्षेत्र अंतर्गत गेलौन प्लांटेशन प्राप्त जानकारी अनुसार 100 हेक्टयर , जिसमे जानकारी अनुसार मात्र 25000 हजार गड्डे लगना हे। दूसरा मधुसूदन गड़ वन परिक्षेत्र अंतर्गत बंजला प्लांटेशन तकरीबन 100 हेक्टयर । तीसरा प्लांटेशन फतेहगढ़ वन परिक्षेत्र अंतर्गत झीरी प्लांटेशन तकरीबन 50 हेक्टयर जिसमे सीपीडब्ल्यू,पत्थर की दीवाल निर्माण हुआ ।
मजदूरी का काम मशीनों से
हाल में स्वीकृत प्लांटेशनों में सीपीटी का कार्य जेसीबी मशीन से किया गया है। जबकि सीपीटी का कार्य बतौर मजदूरी था । मधुसूदन गड़ के बंजला में यह तीसरा प्लांटेशन मंजूर किया गया है । पूर्व के दो प्लांटेशन तो पहले ही भ्रस्ताचर की भेंट चढ़े हुए थे। जिनमे दोहरी सुरक्षा के लिहाज से सीपीटी और सीपीडब्ल्यू दोनो का निर्माण प्रस्तावित था । पर मौके पर देखा जाए तो बंजला के प्लांटेशन पी 757 आ 78 हेट्यर ओर बंजला पी 757 ,50 हेक्टयर में सीपीटी सीपीडब्ल्यू गायब हो चुकी है। साथ ही इनमे लगे हुए पौधे और गड्डे भी अदृश्य हो चुके हैं। देखने पर लगेगा जैसे मधुसूदन गड़ वन विभाग ने अदृश्य पौधे और गड्ढों का आविष्कार कर प्लांटेशनों के ज्यादातर कार्य कागजों में छोड़कर अदृश्य तरीके से अदृश्य कार्य किए हो । दरअसल अदृश्य कार्य और अदृश्य पौधे इसलिए कह रहे है हम भोपाल से आए जांच अधिकारी भी यहां के कामों को टकाटक बताकर वापस लौट गय थे, यह बात अलग है जांच अधिकारी ने पेशगी बतौर सूत्रों के अनुसार 6 लाख डकारने का कार्य किया था। ऐसे ही आरोन वन परिक्षेत्र अंतर्गत अंतर्गत गेलौन प्लांटेशन 100 हेक्टयर में सीपीटी का कार्य एक दो नही तीन तीन जेसीबी और एल एंड टी मशीन द्वारा कराया गया है। सूत्रों के अनुसार इन प्लांटेशनों का कार्य जल्दी से जल्दी पूर्ण कर फर्जी मजदूरों के वाउचर तैयार कर 20 फरवरी तक करना है। जिसका कमीशन पालीवाल को रियरमेंट से पहले अदा हो सके । अब सवाल उठता है क्या सारे प्रमाणों और सबूतों मौजूद होने के बावजूद सीसीएफ पालीवाल सहित गुना डीएफओ व अन्य अधिकारियों पर कार्यवाही होगी या सारे मामले को अनदेखा कर बंदर बांट का खेल चालू रहेगा ।
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