विकास यात्रा – नवाचार स्कूल-स्कूल जाकर बनाए 614 बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र ग्वालियर / क्या बच्चे व क्या बुजुर्ग और क्या महिलाएँ व क्या आम...
विकास यात्रा – नवाचार
स्कूल-स्कूल जाकर बनाए 614 बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र
ग्वालियर / क्या बच्चे व क्या बुजुर्ग और क्या महिलाएँ व क्या आमजन । विकास यात्रा सभी के लिए कुछ न कुछ लेकर पहुँच रही है। ग्वालियर जिले के विधानसभा क्षेत्र भितरवार के अंतर्गत ग्राम गधौटा, मुशाहरी व देवरीकला में शुक्रवार को विकास यात्रा पहुँची। इस दौरान इन सभी गाँवों के स्कूलों में राजस्व अधिकारियों की टीम पहुँची और ऐसे सभी बच्चों के फॉर्म भरवाकर जाति प्रमाण-पत्र बना दिए, जिनके अभी तक जाति प्रमाण-पत्र नहीं बन पाए थे। कुल मिलाकर 614 बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र मौके पर ही बनाए गए।
अनुविभागीय राजस्व अधिकारी भितरवार श्री सी बी प्रसाद बताते हैं कि जब बच्चों ने अपने घर जाकर बताया कि आज स्कूल में हमारे जाति प्रमाण-पत्र बन गए तो उनके अभिभावकों को एक बारगी भरोसा ही नहीं हुआ। बहुत से अभिभावकों ने विकास यात्रा में शामिल होकर इस काम के लिये सरकार के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया।
बी-1 का वाचन कर 587 लोगों के राजस्व अभिलेखों में किया सुधार
शुक्रवार को ग्राम गधौटा, मुशाहरी व देवरीकला में विकास यात्रा के दौरान राजस्व अभिलेख बी-1 का वाचन विशेष तौर पर किया गया। साथ ही राजस्व अभिलेखों में से बेवा जैसे असम्मानजनक शब्द हटाकर अभिलेखों को दुरूस्त किया गया। इन्द्राज दुरूस्ती कर 587 लोगों को आदेश की प्रतियाँ सौंपी गईं। बालिग होने के बाबजूद अभिलेखों में चले आ रहे नाबालिग शब्द भी हटाए गए। इस प्रकार के 43 लोगों के अभिलेखों में सुधार किया गया।
असमय अपने पति को खो चुकीं महिलाओं को बेवा शब्द खटकता था। रामकली, लीलाबाई व राधा के खसरों में नाम के आगे लगा बेवा शब्द हटने से वे काफी संतुष्ट नजर आईं। इसी तरह जीवन के 20 से अधिक बसंत देख चुके होतम सिंह, आशीष कुमार व ओमप्रकाश अपने नाम के आगे से नाबालिग शब्द हट जाने से खुश थे और हँसी चुहल करते हुए बोले कि आज हम सही मायने में नाबालिग से बालिग हो गए हैं।
हितेन्द्र सिंह भदौरिया
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