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दुनिया में मंदी लेकिन भारत के बजट में मोदी की झलक : प्रहलाद भारती

  दुनिया में मंदी लेकिन भारत के बजट में मोदी की झलक : प्रहलाद भारती वित्तीय अनुशासन के साथ आम जनता के सपनों को साकार करने वाला सशक्त और समृद...

 


दुनिया में मंदी लेकिन भारत के बजट में मोदी की झलक : प्रहलाद भारती

वित्तीय अनुशासन के साथ आम जनता के सपनों को साकार करने वाला सशक्त और समृद्ध भारत का बजट : प्रहलाद भारती

आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरते भारत के लिए उत्साह और पॉजिटिव फीलिंग का वातावरण बनाने वाला बजट : प्रहलाद भारती

  शिवपुरी /पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था डगमगा चुकी है, दुनिया में मंदी है, लेकिन भारत में 'मोदी' है और यही कारण है कि इस बार के बजट में मोदी जी के वित्तीय अनुशासन और आम जनता के उत्थान के प्रति मानवीयता की झलक बेहद स्पष्ट परिलक्षित हो रही है. उक्त प्रतिक्रिया म.प्र. पाठ्यपुस्तक निगम के उपाध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा) एवं पूर्व विधायक प्रहलाद भारती ने आज संसद में प्रस्तुत हुए केंद्रीय बजट पर व्यक्त कीं हैं. 

          केंद्र सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज प्रस्तुत किए गए बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रहलाद भारती ने आगे कहा है कि यह बजट आम, गरीब और मध्यमवर्गीय जनता के सपनों, उनकी आकांक्षाओं को दिशा देने वाला बजट है. देश के इतिहास में यह पहला गौरवपूर्ण अवसर है जब महिला वित्त मंत्री ने बजट प्रस्तुत किया है और उस बजट को स्वीकृति भी महिला राष्ट्रपति ने दी है. अतीत के गौरव से जुड़ा और आधुनिकता से सराबोर आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में यह बजट एक माइलस्टोन सिद्ध होगा. आजादी के अमृत महोत्सव में पेश किए गए इस ऐतिहासिक बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने आने वाले 25 सालों के भारत का ब्लू प्रिंट देश के सामने रख दिया है.

बजट देश में स्टार्ट अप को बढ़ावा देगा. उद्योगों के लिए जो विशेष प्रावधान है उससे कॉर्पोरेट सेक्टर में क्रांति आएगी. इंफ़्रास्ट्रक्चर स्पेंडिंग से देश के कोने कोने तक सुविधाओं का नेटवर्क फैलेगा. यह मेक इन इंडिया और निर्यात को बढ़ावा देने वाला बजट है. 2014 से अब तक बने 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ अब 157 नए नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना का निर्णय देश में हेल्थ सेक्टर को मजबूत बनाने का काम करेगा. आज भारत की प्रति व्यक्ति आय दुगुनी होकर 1.97 लाख रुपये हो गयी है.

          प्रहलाद भारती का मानना है कि इस बजट में मोदी सरकार ने मिडिल क्‍लास को कई महत्वपूर्ण सौगातें दीं हैं. इन्कम टैक्‍स में छूट की सीमा बढ़ाकर 03 लाख रुपये कर दी गई है. अर्थात अब 03 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई टैक्‍स नहीं लगेगा. पर्सनल इन्कम पर नया टैक्‍स स्लैब जारी किया गया है जिसमें 03 से 06 लाख रुपये सालाना आय पर 5% टैक्‍स, 06 से 09 लाख सालाना आय पर 10%, 09 से 12 लाख सालाना आय पर 15% टैक्स, 12 से 15 लाख सालाना आय पर 20% टैक्स, 15 लाख से अधिक सालाना आय पर 30% टैक्स का प्रावधान किया गया है. इनकम टैक्‍स रिबेट को बढ़ाकर 07 लाख रुपये कर दिया गया है. अब 07 लाख रुपये तक की इन्कम पर टैक्स नहीं देना होगा. सीनियर सिटीजन्स के लिए खाता स्कीम की सीमा 4.5 लाख से 09 लाख की गयी है. महिला सम्मान बचत पत्र योजना की शुरुआत भी महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, इसमें महिलाओं को 02 लाख की बचत पर 7.5% का ब्याज दिए जाने का प्रावधान किया गया है. 

         मप्र पाठ्यपुस्तक निगम के उपाध्यक्ष प्रहलाद भारती का कहना है कि अंततः इस बार का बजट कुल मिलाकर सस्टेनेबल, डेमोक्रेटिक, इन्क्लूजिव और उभरते आर्थिक महाशक्ति की दिशा में आगे बढ़ते भारत की सामर्थ्य और अपेक्षाओं को पूरा करने वाला बजट है. बजट में वित्तीय सुधारों की निरंतरता है, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज़ ऑफ लिविंग फ़ॉर सिटीजन्स की निरन्तरता है. आने वाले 25 वर्षों में आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरते भारत के लिए उत्साह और पॉजिटिव फीलिंग का वातावरण बनाने वाला यह बजट है.

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