विकास यात्रा( ग्वालियर ग्रामीण) खुशियों की दास्तां कुसुमकली के सपने सच हुए..... कुसुमकली अपने पति अवधेश के साथ ईंट भट्टे पर काम करने जाती ...
विकास यात्रा( ग्वालियर ग्रामीण)
खुशियों की दास्तां
कुसुमकली के सपने सच हुए.....
कुसुमकली अपने पति अवधेश के साथ ईंट भट्टे पर काम करने जाती हैं। दोनों द्वारा बनाईं गईं ईंटों से न जाने कितनों के आलीशान मकान खड़े हो गए। पर वे अपनी झौंपड़ी के स्थान पर पक्का घर नहीं बना पाईं। प्रधानमंत्री आवास योजना ने उनका यह सपना पूरा कर दिया है।
ग्वालियर जिले की जनपद पंचायत घाटीगाँव के ग्राम झंडा का पुरा निवासी कुसुमकली- अवधेश जाटव दंपत्ति अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं। कुसुमकली को जब पता चला कि आज उनके गाँव में विकास यात्रा आ रही है, तो वे काम पर नहीं गईं। फूलों की थाली सजाकर कुसुमकली अपने घर के द्वार पर खड़ी हो गईं।
कुसुमकली बताती हैं कि ईंट भट्टे पर काम कर हम पति-पत्नी इतना कमा लेते थे कि घर का खर्चा आराम से चल जाता थ। पर हम इतनी बचत नहीं कर पाए कि झौंपड़ी के स्थान पर पक्का घर बना पाते। ऐसे में प्रधानमंत्री आवास योजना हमारे लिए वरदान बन कर सामने आई। वे बताती हैं इस योजना से केन्द्र व राज्य सरकार ने कुल मिलाकर एक लाख बीस हज़ार की धनराशि मिली। इससे हमने अपने सपनों का आशियाना बनाया है।
कुसुमकली बोलीं हमने अपनी बिटिया सीमा की शादी कर दी है। बेटा अमित व सर्वेश स्कूल में पढ़ने जाते हैं। दोनों बेटे घर बनने से काफी खुश हैं और खूब मन लगाकर पढ़ाई करते हैं। पक्का घर बनने से गदगद कुसुमकली बोलीं कि देश व प्रदेश में गरीबों के सपने पूरे करने वाली सरकारें काबिज हैं।
No comments