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गाँव-गाँव में छाए हैं “पर्चे के चर्चे”…

 खुशियों की दास्तां  गाँव-गाँव में छाए हैं “पर्चे के चर्चे”… ग्वालियर / हर मानव की अपनी प्रवृत्ति होती है। कोई सकारात्मक भाव से किसी बात को ...

 खुशियों की दास्तां 


गाँव-गाँव में छाए हैं “पर्चे के चर्चे”…

ग्वालियर / हर मानव की अपनी प्रवृत्ति होती है। कोई सकारात्मक भाव से किसी बात को सहजता से स्वीकार कर लेता है तो कोई तब तब किसी बात को स्वीकार नहीं पाता जब तक उसके सामने प्रमाण व तथ्य न रखे जाएँ। जाहिर सी बात है प्रमाणिक बात हर किसी को स्वीकार होती है। ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में आयोजित हो रही विकास यात्रा के दौरान ऐसे ही प्रमाणिक व तथ्यात्मक पर्चों की चर्चा गाँव-गाँव में छाई है। 

राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री भारत सिंह कुशवाह जिन- जिन गाँवों में विकास यात्रा लेकर पहुँच रहे हैं, उन गाँवों में संवाद व सभा के दौरान एक पर्चा पढ़कर ग्रामीणों को सुना रहे हैं। ग्राम पंचायतवार तैयार किए गए इन पर्चों में यह ब्यौरा होता है कि सरकार ने गाँव के कितने हितग्राहियों को किस योजना से लाभान्वित कराया है। साथ ही कौन-कौन से विकास कार्य कराए। इतना ही नहीं वे ग्रामीणों से भरी चौपाल में यह भी कह रहे हैं कि इसमें यदि कोई भी बात गलत हो तो मुझे बताएँ। साथ ही सभी को पर्चे पकड़ाकर कहते हैं कि यदि बाद में भी गलती समझ में आए तो मुझे फोन करके बताना। 

उदाहरण स्वरूप ग्राम मुगलपुरा में 244 परिवारों पर खाद्यान्न पर्ची है और उन्हें नि:शुल्क राशन मिल रहा है। गाँव में 915 परिवारों के आयुष्मान, 459 संबल, भवन संनिर्माण के 57 व 69 बीपीएल कार्ड बने हैं, 369 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान व 336 किसानों को मुख्यमंत्री किसान सम्मान सहायता व 87 असहायों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिल रही है। साथ ही यह भी बताया कि गाँव में सरकार ने अब तक 11 प्रधानमंत्री आवास, 328 शौचालय, 558 महिलाओं को उज्ज्वला योजना का लाभ दिया है और 73 लाड़ली लक्ष्मी बनाई हैं। इस प्रकार का ब्यौरा सुनकर पहले जो कह रहे थे कि गाँव में किसी को कोई लाभ नहीं मिला वे भी यह कहने को मजबूर हो जाते हैं कि सच में सरकार ने गाँव-गाँव में एक-एक घर में अनेकों योजनाओं का लाभ पहुँचाया है। 

राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने यह पर्चा पढ़ने के बाद ग्रामीणों से यह भी कहना नहीं भूलते अभी भी कोई व्यक्ति शेष रह गया हो तो उसका नाम बताएँ, जाँच कराकर उसका भी नाम जुड़वा दिया जायेगा। 

हितेन्द्र सिंह भदौरिया

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