खुशियों की दास्तां बच्चों में चर्चा का विषय बनी चलित लाइब्रेरी ग्वालियर / कम्प्यूटर और मोबाइल के युग में बच्चों में पुस्तक पढ़ने की रूचि क...
खुशियों की दास्तां
बच्चों में चर्चा का विषय बनी चलित लाइब्रेरी
ग्वालियर / कम्प्यूटर और मोबाइल के युग में बच्चों में पुस्तक पढ़ने की रूचि कम हुई है। अब बच्चे गूगल पर ही जानकारी सर्च कर लेते हैं। बच्चों में पुस्तकों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और किताबों में छिपा अनमोल खजाना बच्चों तक पहुँचे, इस उद्देश्य से ग्वालियर संभाग के अशोकनगर जिले में चलित लाइब्रेरी का नवाचार किया गया है। यह चलित लाइब्रेरी स्कूलों में पहुँचकर बच्चों को पढ़ने के लिये पुस्तकें उपलब्ध करा रही हैं। कलेक्टर अशोकनगर श्रीमती आर. उमा माहेश्वरी के इस नवाचार को जिले में ही नहीं बल्कि प्रदेश स्तर पर भी सराहा जा रहा है।
संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह ने ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी जिला कलेक्टरों को अपने-अपने जिलों में नवाचार के माध्यम से कार्य करने के संबंध में दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। इसी कड़ी में ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी जिलों में नवाचार किए जा रहे हैं। अशोकनगर जिले में चलित लाइब्रेरी का नवाचार बच्चों में उत्साह और चर्चा का विषय बना हुआ है।
कलेक्टर अशोकनगर श्रीमती माहेश्वरी की पहल पर जिले में एक चलित लाइब्रेरी तैयार की गई। जनसहयोग से पुस्तकें एकत्र कर इस लाइब्रेरी में रखी गई हैं। लगभग 600 पुस्तकें इस लाइब्रेरी में संकलित हैं। यह लाइब्रेरी जिले के सभी शहरी तथा ग्रामीण शालाओं में पहुँचेगी और दो – तीन घंटे रूककर बच्चों को पुस्तकें अध्ययन हेतु उपलब्ध करायेंगीं। प्रदेश भर में संचालित विकास यात्रा के दौरान भी चलित लाइब्रेरी ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँचकर लोगों को पुस्तकों के अध्ययन की सुविधा मुहैया करा रही है।
चलित लाइब्रेरी में जीपीएस सिस्टम स्थापित किया गया है ताकि चलित लाइब्रेरी किन स्थानों पर पहुँची, इसकी जानकारी जिला स्तर पर रहेगी। प्रभारी अधिकारी के निर्देशन में चलित लाइब्रेरी बच्चों को पुस्तकों के अध्ययन हेतु शालाओं में पहुँचाने का कार्य किया जा रहा है।
मधु सोलापुरकर
सहायक संचालक, ग्वालियर
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