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बाबू ने 30 प्रतिशत कमीशन की चाह में कर दी दस्तावेजों की कूट रचना

  बाबू ने 30 प्रतिशत कमीशन की चाह में कर दी दस्तावेजों की कूट रचना  कूट रचित दस्तावेजों पर तत्कालीन डीएफओ से वर्तमान डीएफओ तक की संदिग्ध भूम...

 बाबू ने 30 प्रतिशत कमीशन की चाह में कर दी दस्तावेजों की कूट रचना 

कूट रचित दस्तावेजों पर तत्कालीन डीएफओ से वर्तमान डीएफओ तक की संदिग्ध भूमिका ?

मामला रिटायर्ड डिप्टी के यात्रा देयक टी ए का 


शिवपुरी /गुना /मामला रिटायर्ड डिप्टी महाराज सिंह रघुवंशी के यात्रा देयक टी ए का हे । जिसमे महाराज सिंह रघुवंशी ने व्यय शाखा के बाबू श्यामबाबू मीना पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इतना ही नहीं दस्तावेजों में भी हेर फेर कर कूट रचना की बात भी कही गई है।रिटायर्ड डिप्टी ने व्यय शाखा के बाबू पर 30 प्रतिशत कमीशन आरोप लगाया है। नही देने पर टी ए अटकने की बात कही ,जो वर्तमान में प्रतीत भी हो रहा । 

ऐसे हुई कूट रचित दस्तावेजों की रचना ।

पत्र क्रम.6238 में बाबू ने पहले तो अनावश्यक रूप से आवेदन देकर इस कार्यालय का समय खराब न करने की बात कही ।वही इसके लिखित जवाब में महाराज सिंह ने बाबू की हठ धर्मिता की बात करते हुए यात्रा देयक टी ए वापिस मांगे बाबू की इच्छा को सर्वोपरि बताते हुए ।


इसके पश्चात पत्र क्रमांक 6894 में बाबू श्यामबाबू ने यात्रा देयकों को ऑनलाइन हेतु लेख किया। जिसमे यात्रा देयक ऑनलाइन न होने की बात कह कर भुगतान न होने की बात की , इस आवेदन पर बाबू और डीएफओ के शाइन थे ।इसके जवाब में महाराज सिंह ने लिखित जवाब प्रस्तुत करते हुए लिखा जिन कर्मचारियों से बाबू की इच्छा पूर्ति हो जाती हे उनका भुगतान हो जाता जाता है,मेरे जैसे बहुत से कर्मचारियों के यात्रा देयक टी ए बाबू ने लंबित कर पेंडिग रखे हुए हैं। इसके पश्चात बाबू द्वारा पत्र क्रमांक 30 दिनाक 5/1/022 में सीसीएफ को लेख किया गया बिल क्रम.525 दिनाक 18/10/2021 रूपय 23954 हजार का भुगतान हेतु कोषालय गुना को भेजे गए ,इसी प्रकार माह जुलाई 2019से सितंबर 2020 तक के ऑनलाइन यात्रा देयक दिनाक 29/12/2021 को कोषालय गुना में भुगतान हेतु भेजे जा चुके हैं। इसके जवाब में महाराज सिंह द्वारा मुख्य वन संरक्षक को लिखित आवेदन किया गया जिसमे बताया गया व्यय शाखा के बाबू द्वारा 30 प्रतिशत कमीशन की मांग कुल यात्रा देयक भुगतान राशि में से मांगी गई नही देने पर वन विभाग से भुगतान पास होने के बाद भी ट्रेजरी से रुकवाने की बात श्यामबाबू द्वारा कही गई ,ओर भुगतान अटका भी दिया गया है।एक बाबू सब पर भारी कहते हुए महाराज सिंह ने मुख्य वन संरक्षक को लिखा आज दीनाक तक भुगतान नहीं हुआ है,इसके विपरित इसी समय अवधि में किन किन कर्मचारियों के यात्रा देयक टी ए कब कब प्रस्तुत किए गए ?ओर कितनी राशि के यात्रा देयक टी ए में से कितनी कितनी राशि राउंड अप कर मायनस की हे ? पहले लाइन में लगे व्यक्ति के साथ अन्याय कर श्यामबाबू मीना द्वारा आखरी में खड़े व्यक्ति का पहले भुगतान वर्ष अक्टूबर नवंबर 2021 में जिन कर्मचारियों का भुगतान किया है, वो जांच का विषय है।

ऐसे किया आवेदक को गुमराह ।

वन मण्डल पत्र  क्रमक 6238 23/8/21 संलग्न उपरोक्तानुसार । पर इस पत्र में संलग्न कुछ नही था ,साथ ही अधिकारी के शाइन भी उक्त पत्र पर बाबू ने लिए जो की अवैध हे। पत्र क्रमांक 6894 दिनाक 14/9/21 में लिखित ऑनलाइन हेतु यात्रा देयक टी ए महाराज सिंह ने  प्रस्तुत नही किए। जबकि यात्रा देयक टी ए वन मण्डल कार्यालय में रखे हुए थे बाबू के पास  । जो वन मण्डल  पत्र क्रमांक 7624 दिनाक 11/10/21 से  संलग्न 15 यात्रा देयक टी ए श्यामबाबू मीना द्वारा ऑनलाइन हेतु दिए गए। गौर करने का विषय है पत्र क्रमांक 6238 दिनाक 23/08/21एव पत्र क्रमांक 6894 दिनाक 14/9/21 का अवलोकन करें तो पता चलता है। यदि पूर्व में इन पत्रों से यात्रा देयक ऑनलाइन हेतु महाराज सिंह रघुवंशी को दिए गए थे तो फिर पत्र क्रमांक 7624 दिनाक 11/10/21से कोनसे यात्रा देयक टी ए पुनः ऑनलाइन हेतु दिए गए? उपरोक्त तीनों पत्रों का गंभीरता से एवम सद्भावना पूर्वक विचार करने पर सिद्ध होता हे, व्यय शाखा के बाबू श्यामबाबू मीना ने वरिष्ठ अधिकारियों को अंधेरे में रखकर या साथ मिलकर दस्तावेजों की कूट रचना की ? जो दस्तावेजों के अवलोकन से सिद्ध होती है। इसी प्रकार व्यय शाखा का पत्र क्रमांक 30दिनाक 5/1/22 जो मुख्य वन संरक्षक को सूचनार्थ संप्रेषित है में लिखा हुआ है की माह सितंबर 2018से जून 2019 तक के ऑफलाइन यात्रा देयकों का भुगतान बिल क्रामक 525 दिनाक 18/10/21 से कर बिल भुगतान हेतु कोषालय भेजे गए हे। जिनका भुगतान आजतक नही हुआ है। इससे सिद्ध होता हे की समय समय पर किए गय पत्राचारो में महाराज सिंह रघुवंशी द्वारा उल्लेखित किया गया की श्यामबाबू मीना ने वादा किया था ,जबतक यात्रा देयकों की कुल भुगतान राशि का 30 प्रतिशत रिश्वत नही दोगे तब तक यदि वन विभाग से भुगतान हो भी गया तो ट्रेजरी से भुगतान नहीं होने दूंगा ।इसलिए विगत लगभग 15माह से बिल भुगतान हेतु लंबित है। इसी प्रकार ऑनलाइन यात्रा देयको का ऑनलाइन बिल 29/12/21 को ट्रेजरी गुना को  भुगतान हेतु भेजा गया है, वह भी आज दिनाक तक भुगतान हेतु लंबित हे ।

181 सीएम हेल्पलाइन भी दर्ज हुई शिकायत ।

मामले की शिकायत 181 सीएम हेल्पलाइन पर भी दर्ज की जा चुकी है। वर्तमान में शिकायत एल 3 पर हे, यानी जिला वन मण्डल अधिकारी के पास मामला लंबित है। इसके पहले लिखित में भी गुना एसडीओ रहते हुए वर्तमान में गुना वन मण्डल प्रभारी सर्वेश सोनवानी के पास मामला संज्ञान में था । इसके बावजूद जब हमारे द्वारा गुना वन मण्डल प्रभारी सर्वेश सोनवानी से फोन पर बात की तो मामले में अंजान बनते हुए देखने की बात की गई थी।

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