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समूह से जुड़़कर आत्‍मनिर्भर बनीं श्रीमति पुष्‍पा साहू

  सफलता की कहानी खुशियों की दास्‍तां समूह से जुड़़कर आत्‍मनिर्भर बनीं श्रीमति पुष्‍पा साहू गुना / हितग्राही का नाम        :- श्रीमति पुष्प...

 



सफलता की कहानी

खुशियों की दास्‍तां

समूह से जुड़़कर आत्‍मनिर्भर बनीं श्रीमति पुष्‍पा साहू

गुना /

हितग्राही का नाम        :- श्रीमति पुष्पा साहू                 

मोबाईल नंबर           :- 9329875134

पता                   :- ग्राम बरखेड़ा हाट, आरोन जिला गुना 

योजना का नाम         :- म.प्र.डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन,

विभाग का नाम         :- पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग   

दिये गये लाभ का विवरण :- 50 हजार रूपये CIF से ऋण, 30 हजार रू. SVEP से ऋण, 2 लाख का सीसीएल ऋण

मेरा नाम पुष्पा साहू विकासखण्ड आरोन के ग्राम बरखेड़ा हाट की रहने वाली हूं। मैं एक गरीब परिवार की सामान्य गृहणी थी। घर खर्च का एक मात्र साधन मजदूरी ही थी। विकासखण्ड आरोन के ग्राम बरखेड़ा हाट में वर्ष 28नवंबर 2016 में म.प्र.डे-राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मां दुर्गा स्व सहायता समूह का गठन हुआ। जब मुझको ग्राम की महिलाओं द्वारा इसकी सूचना मिली तब में आजीविका मिशन के मां दुर्गा स्व सहायता समूह से जुड़कर समूह की सदस्य बन गई। आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद मेरा गांव एवं परिवार में पहचान एवं सम्मान बड़ गया। समूह से जुड़ने से मेरे जीवन में काफी परिवर्तन आया। मिशन से जुड़ने के बाद मैनें अपनी आजीविका चलाने के अन्य साधन भी उपलब्ध हुए। मुझे समूह के गणवेश कार्य की जानकारी मिली तब गणवेश कार्य से जुड़कर सिलाई कार्य शुरू किया। मैनें समूह से 50 हजार रूपये का ऋण लिया और टेन्ट हाउस की छोटी सी दुकान लगा ली। मैनें दुकान से हुए लाभ से ऋण चुकाया एवं पुन: 30 हजार रू. का ऋण लिया। इन पैसों का उपयोग अपनी टेन्ट की दुकान को बढ़ाने में किया। पहले दुकान में कम सामग्री थी, लेकिन 30 हजार से दीदी ने अन्य सामान भी खरीद लिया। इससे मुझे काफी लाभ हुआ एवं उनकी आमदनी भी बढ़ गई। इस लाभ से मैनें 30 हजार का ऋण चुका दिया। अपनी आर्थिक स्थिति को और अधिक सुधारने के लिए एवं बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिये कपड़े बेचने की दुकान लगाने का विचार किया। इसके लिये मैनें समूह से 2 लाख का सीसीएल ऋण लिया और कपड़े बेचने की एक अच्छी दुकान खोल ली। अब मरे पास अपनी आजीविका चलाने के अन्य साधन भी उपलब्ध हो गए। आज मेरे पास पक्का मकान है साथ ही अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे पा रही हूं। बेहतर शिक्षा पाकर दीदी की एक बेटी मां दुर्गा समूह में ही सीआरपी एवं बुककीपर का कार्य भी कर रही है। मिशन में कार्य करते हुए उन्हें ग्रामीण विकास विभाग की बहुत सी जानकारी प्राप्त हुए जिससे उन्होंने सीएम युवा इंटरशिप में आवेदन किया जिसमें उनका चयन हो गया। बेहतरीन शिक्षा एवं आजीविका मिशन में काम कर उनकी बेटी म.प्र. की लाड़ली बहना योजना भी में अपना योगदान दे रही हूं। आज मेरी पहचान एक सफल महिला के रूप में है। में इस योजना के लिए शासन-प्रशासन को धन्‍यवाद देती हूं। 


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