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आपदा प्रबन्धन की तैयारियां पूर्ण करें - कलेक्टर

आपदा प्रबन्धन की तैयारियां पूर्ण करें - कलेक्टर  जिला एवं तहसील मुख्यालय पर कंट्रॉल रूम स्थापित किये जायें  कंट्रॉल रूम पर संबंधित विभाग, गो...


आपदा प्रबन्धन की तैयारियां पूर्ण करें - कलेक्टर 

जिला एवं तहसील मुख्यालय पर कंट्रॉल रूम स्थापित किये जायें 







कंट्रॉल रूम पर संबंधित विभाग, गोताखोरों, पंचायत सचिव, कोटवार एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का भी नंबर संधारित करें 

मुरैना /मई एवं जून में मध्य भारत क्षेत्र के तापमान की स्थिति को देखते हुये अधिकारी आपदा प्रबन्धन की सभी तैयारियां पूर्ण रखें, इसके लिये जिला एवं तहसील मुख्यालय पर कंट्रॉल रूम स्थापित किये जायें। उन कंट्रॉल रूमों पर संबंधित विभाग, गोताखोरों, पंचायत सचिव, कोटवार एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के नंबर भी संधारित होने चाहिये। मैं कभी भी भ्रमण कर कंट्रॉल रूम पर आवश्यकता अनुसार किसी भी संबंधित का नंबर पूछ सकता हूं। कंट्रॉल रूम प्रभारी एक मई से जो प्राप्त नंबर है, उनको बात करके रजिस्टर में अंकित करें कि इस व्यक्ति से संपर्क हुआ है। क्या आपदा प्रबन्धन में सहयोग होगा। यह निर्देश कलेक्टर श्री अंकिल अस्थाना ने गुरूवार को जिला पंचायत के सभागार में आयोजित लू (तापघात) के प्रकोप से बचने, ग्रीष्मकाल में आगजनी से बचाव हेतु आवश्यक तैयारियां और वर्षाकाल में बाढ़ से राहत एवं बचाव कार्य हेतु आवश्यक तैयारियों के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिये। बैठक में जिला पंचायत के सीईओ डॉ. इच्छित गढ़पाले, अपर कलेक्टर श्री नरोत्तम भार्गव, समस्त एसडीएम, सीएमएचओ, विद्युत, श्रम, शिक्षा, आरटीओ, कमाण्डेंट, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, नगर निगम, बेटनरी, जनसम्पर्क, कृषि, जिला आपूर्ति सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।  

कलेक्टर श्री अंकित अस्थाना ने कहा कि प्रचण्ड गर्मी से बचाव के लिये अधीनस्थ कर्मचारियों को अधिकारी बैठक में यह निर्देश अवश्य दें कि फील्ड में जाते समय धूप से बचने के लिये स्वयं नुस्खे अपनायें। इसके साथ ही उन्होंने आमजन से अपील की है कि घर से बाहर निकलने से पहले भरपेट पानी अवश्य पियें, सूती ढीले एवं आरामदायक कपड़े पहनें। धूप में निकलने से पहले अपना सिर ढ़ककर टोपी, गमछा, छतरी का उपयोग करें। पानी, छाव, ओआरएस का घोल, लस्सी, नींबू पानी, आम का पना आदि का सेवन करें। कलेक्टर ने कहा कि भरपेट ताजा भोजन करके ही घर से निकलें। उन्होंने कहा कि सिरदर्द, बुखार, उल्टी, अत्यधिक पसीना एवं बेहोशी होना, कमजोरी मेहसूस होना यह सभी लू लगने के लक्षण हैं।   

कलेक्टर ने कहा कि धूप में खाली पेट न निकलें, पानी हमेशा साथ में रखें। शरीर में पानी की कमी न होनें दे, धूप में निकलने से पहले तरल पदार्थ का सेवन करें, मिर्च-मसाले कम तथा बासी भोजन न करें। बुखार आने पर ठण्डे पानी की पट्टी सिर पर रखें। कलेक्टर ने कहा कि छायादार जगह पर बैंठे, लू लगने वाले व्यक्ति के कपड़े ढ़ीले करें, पेयपदार्थ कच्चे आम का पना, तापमान घटने के लिये ठण्डे पानी की पट्टी लगायें। इसके अलावा नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से परामर्श लें। कलेक्टर ने कहा कि गल्ला मंडियों में भी सचिव के माध्यम से और पंचायत स्तर पर इस प्रकार की दवाईयों की किट उपलब्ध रहे, कि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उपयोग में ली जा सके। 

आग बुझाने के लिये जनपदों के क्लस्टर स्तर पर टेंकरों के पीछे अग्निश्मन यंत्र लगायें गये हैं 

कलेक्टर श्री अंकित अस्थाना ने कहा कि फसल कटने के बाद कई किसान नरवाई या सरसों के डण्ठलों में आग लगाते है या कभी-कभी तेज आंधी आने से विद्युत के तार आपस में जुड़ने से आग का खतरा बना रहता है। आग पर काबू पाने के लिये फायरबिग्रेड तत्काल उपलब्ध नहीं हो पाती है। इस स्थिति में आग बुझाने के लिये जनपदों के क्लस्टर स्तर पर टेंकरों के पीछे अग्निश्मन यंत्र लगवाये गये हैं, जिन्हें सूचित करने के लिये उनके ड्रायवर, पंचायत सचिव, जीआरएस या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का नंबर कंट्रॉल रूम पर हो, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल कंट्रॉल रूम को सूचना देने पर तत्काल संबंधित क्लसटर को फोन पर सूचना दी जा सके। आवश्यकता पड़ने पर संबंधित नगरीय निकायों की फायर बिग्रेड भी बुलाई जाये। 

बाढ़ से निपटने के लिये अधिकारी कार्ययोजना बनाकर तैयारियां पूर्ण करें 

कलेक्टर श्री अंकित अस्थाना ने कहा कि पिछले दो वर्षो से चंबल एवं क्वारी नदी में अधिक पानी छोड़े जाने से मुरैना जिले के लगभग एक सैकड़ा गांव डूब में आ जाते है। 

उस समय प्रशासन के सामने कई समस्यायें आ जाती हैं। इसको ध्यान में रखते हुये समस्त अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के गोताखोरों के नंबर, उनके लिये आवश्यक उपकरण की लिस्ट तैयार करें। जिसकी डिमांड प्राप्त होने पर खरीदी की जा सके। उन्होंने कहा कि चंबल नदी का खतरे का निशान 138 मीटर पर पहुंचता है, इसलिये सिंचाई, राजस्व विभाग के अधिकारी उन गांवों को चिन्हित करें, जो 138 मीटर से ऊपर पानी पहुंचने पर डूब में आते है। उन्हें यलो, रेड चिन्हित करें। 

उन्होंने कहा कि पिछले समय बाढ़ के दौरान कई गांवों के लोगों को रेस्क्यू के दौरान निकालकर टापुओं पर शिफ्ट कराया गया था। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार उन लोगों को ऊँचे एवं शासकीय भूमि पर स्थाई तौर पर बसाने के लिये ग्रामीणों की सहमति लेकर भूमि चिन्हित करायें। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के गांवों में संपर्क करने के लिये कम्यूनिकेशन प्लान तैयार किया जाये, ताकि गांधी सागर बांध से चंबल नदी में पानी छोड़ने पर यहां 72 घंटे में पानी आता है। तब तक उन्हें सूचना देकर उन्हें ऊंचे स्थान पर शिफ्ट कराया जा सके। कलेक्टर ने कहा कि कंटॉल रूम की जानकारी होने वाली 8 मई की टीएल बैठक में ली जायेगी। कलेक्टर ने कहा कि कंट्रॉल रूम पर तीन शिफ्टों में अधिकारी, कर्मचारी लगायें जाये, कंट्रॉल रूम 24 घंटे संचालित रहे, जो भी फोन आयें, वे फोन रिसीव किये जायें। कंट्रॉल रूम पर वे अधिकारी, कर्मचारी नियुक्त किये जायें, जो मुख्यालय पर निवासरत हों। 

जिला पंचायत की अध्यक्ष ने जनपद पंचायत अम्बाह, पोरसा की ग्राम पंचायतों का किया भ्रमण 

मुरैना /जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती आरती आकाश गुर्जर ने जनपद पंचायत अंबाह एवं पोरसा की ग्राम पंचायतों का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया तथा निर्माण कार्य में बरती जा रही लापरवाही के विरुद्ध कार्रवाई करने एवं कार्यो में सुधार के लिये मौके पर उपस्थित ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री एवं सहायक यंत्री  को निर्देश दिए। भ्रमण के समय जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती गुर्जर ने आम नागरिकों से संपर्क कर मध्यप्रदेश शासन द्वारा चलाई जा रही हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी दी।  जिला पंचायत की अध्यक्ष ने जनपद पंचायत पोरसा को निर्देश दिये कि लाडली बहना योजना में पात्र बहनों का समय-सीमा में पंजीयन करायें।   

निरीक्षण के दौरान उन्होंने ग्राम पंचायत दोहरेटा, जनपद पंचायत पोरसा में पंचायत भवन की बाउंड्री निर्माण कार्य एवं वाटर शेड निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिसमें दो वाटर शेड निर्माण की स्थिति खराब पाई गई। स्थल का चयन भी गलत हुआ है, क्योंकि स्थल पर वाटर शेड पर्याप्त नहीं है, वाटर शेड की दीवारों में दरारें पाई गई, कार्य गुणवत्ता बिहीन पाए जाने पर जिला पंचायत की अध्यक्ष ने आवश्यक कार्रवाई के निर्देश ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन  यंत्री एवं जनपद पंचायत पोरसा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिये। श्रीमती गुर्जर ने ग्राम पंचायत बुधारा में अमृत सरोवर निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कार्य घटिया स्तर एवं अधूरा पाया गया, जिसकी जांच करने एवं आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश मौके पर संबंधित अधिकारी को दिये। भ्रमण के समय जनपद पंचायत पोरसा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मुरैना के कार्यपालन यंत्री, परियोजना अधिकारी महात्मा गांधी नरेगा जिला पंचायत मुरैना,  आवास प्रभारी जिला पंचायत मुरैना, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री जनपद पंचायत वाटर शेड प्रभारी, ग्राम पंचायत दौहरोटा के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक एवं ग्रामीण जन उपस्थित थे।

45 हजार 942 रक्त पट्टियों का संग्रहण कर किया परीक्षण 

मुरैना /राष्ट्रीय वेक्टर वॉन डिसीज कंट्रॉल कार्यक्रम (मलेरिया की रोकथाम) के लिये जिले में 1 जनवरी 2023 से 31 मार्च 2023 तक 45 हजार 942 रक्त पट्टियों का संग्रहण कर परीक्षण किया गया।   

जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि सर्वाधिक 8 हजार 594 रक्त पट्टियों का संग्रहण एवं परीक्षण पोरसा जनपद में किया गया है। जौरा में 8 हजार 397, नूरावाद में 7 हजार 593, खड़ियाहार में 7 हजार 716, पहाडगढ़ में 4 हजार 225, कैलारस में 4 हजार 518, सबलगढ़ में 2 हजार 546 और मुरैना शहरी क्षेत्र में 2 हजार 353 लोगों की मलेरिया की जांच हेतु रक्त पट्टियां बनाकर परीक्षण किया गया। 

(खुशियों की दास्ताँ)          

प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना से मलखान के जीवन में हुआ नया सवेरा

मुरैना/जनपद पंचायत जौरा की ग्राम पंचायत गुढ़ा-आसन के ग्राम कांसपुरा निवासी मलखान पुत्र बैजनाथ कई वर्षों से कच्चे घर में रह रहे थे। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण मलखान पक्का मकान नहीं बना पा रहे थे। पहले घर अति कच्चा था, गर्मी, सर्दी एवं बरसात के मौसम में बहुत कठिनाई होती थी। कच्चे मकान के कारण कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता था। बरसात का पूरा पानी घर के अंदर आ जाता था।   

मलखान ने कभी भी सपने में नहीं सोचा था कि उसका भी पक्के मकान का सपना पूरा होगा। क्योंकि उसकी मासिक आमदनी बहुत कम है, फिर मलखान को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के बारे में पता चला, जिसके माध्यम से उसे 2.50 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई। जिससे उसने पक्के आवास का निर्माण किया। इस प्रकार पक्के घर के रूप में मलखान के जीवन में एक नया सवेरा आ गया। वे कहते  हैं कि आज मैं और मेरा परिवार पक्के मकान में निवास करते हैं, अब मकान संबंधी कोई समस्या नहीं है।  इसके लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की प्रति आभारी हूं।  

(खुशियों की दास्ताँ)             

अनूप सोनी पीएम स्वनिधि योजना से बने स्वावलम्बी 

मुरैना /बानमौर निवासी अनूप सोनी गुमटी पर छोटे बच्चों के कपड़े बेचकर बच्चों का भरण-पोषण कर रहे थे। वर्ष 2021 में कोरोना की द्वितीय लहर आने से उनकी दुकान पूरी तरह से ठप्प हो गई। जो भी दुकान की पूंजी थी, वह घर बैठकर खर्च हो गई थी। अब उन्हें किसी साहूकार से इतना कर्ज नहीं मिल पा रहा था, कि वे अपनी गुमटी को पुनः चालू कर सकें।   

एक दिन उन्हें समाचार पत्र पढ़ने से यह जानकारी मिली कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने हाथ ठेला, गुमटी, फुटपाथ पर बैठने वालों के लिये बिना ब्याज के 10 हजार रूपये का ऋण पीएम स्वनिधि योजना से दिये जा रहें है। उन्होंने तत्काल नगर पालिका बानमौर पहुंचकर अपना आवेदन दिया। कुछ समय बाद उन्हें बैंक के माध्यम से राशि मंजूर हुई। अनूप सोनी ने तत्काल गुमटी को उसी हालत में पुनः चालू किया। आज उनके परिवार का भरण-पोषण सुचारू रूप से हो रहा है और धीरे-धीरे किस्तों के रूप में बैंक ऋण जमा कर रहें है। अब अपने धंधे से स्वावलम्बी बन गये है। 

कलेक्टर द्वारा गठित टीम ने शुरू किया जिले के पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा ऑडिट व अधोसंरचना अंतराल मूल्यांकन सर्वे

मुरैना /मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की परियोजना महिलाओं के लिये सुरक्षित पर्यटन स्थल के अंतर्गत 27 अप्रैल गुरूवार को कलेक्टर श्री अंकित अस्थाना द्वारा गठित दल ने पर्यटन स्थलों का सुरक्षा ऑडिट व अधोसंरचना अंतराल सर्वे शुरू किया गया। जिसके अंतर्गत सर्वप्रथम मितावली, पढ़ावली, वटेश्वर, शनिचरा मंदिर, सिहोनिया, कुतवार आदि का महिला सुरक्षा संबंधी मूल्यांकन किया गया। सभी पर्यटन स्थलों पर पाई गई कमियों का उल्लेख कर यह ऑडिट रिपोर्ट जिला प्रशासन व मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड को रिपोर्ट सबमिट की जाएगी। उसके आधार पर आने वाले विकास कार्यों को किया जाएगा। विगत 2 वर्षों से मुरैना जिले में कार्यरत मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की सहयोगी संस्था रागिनी फाउंडेशन एवं सुरक्षा ऑडिट के सहयोग से काम किया जाना है। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड भोपाल द्वारा पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटकों विशेषकर महिला पर्यटकों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिये सुरक्षा ऑडिट एवं अधोसंरचना अंतराल का आंकलन किया गया है। जिला  आबकारी अधिकारी मुरैना सुश्री निधि जैन, जिला शिक्षाधिकारी मुरैना, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) बानमोर, जिला पुरातत्व अधिकारी मुरैना श्री अशोक शर्मा, जिला समन्वयक, एमजीएनएफ, मुरैना श्री कृष्ण समदरिया, कॉआर्डीनेटर, रागिनी फाउंडेशन श्री सनाउल्लाह खान और रागिनी फाउंडेशन को शामिल किया गया है।

मितावली, पढ़ावली, बटेश्वरा,  

टीम द्वारा पर्यटन स्थल पर कुछ कमियां देखने को मिली है, जिसमें मितावली में प्रकाश की कमी, कैमरे लगने की जरूरत है, साइन बोर्ड लगने की जरूरत है, हेल्पलाइन नंबर बोर्ड नहीं लगे हैं, पीने के पानी की कमी है। 

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में 5 हजार 928 क्षय रोगियों में से 2 हजार 696 मरीज क्षय रोग मुक्त हुये 

मुरैना /प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत के तहत मुरैना जिले को 2025 तक टी.बी. से मुक्त करना है।   

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में 5 हजार 928 क्षय रोगियों में से 2 हजार 696 रोगी उपचार के दौरान क्षय रोग से मुक्त हो गये है। वर्तमान में 3 हजार 232 क्षय रोगियों का उपचार किया जा रहा है।    

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. पदमेश उपाध्याय ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले को 82 हजार 426 संभावित क्षय रोगियों के खंखार की जांच का लक्ष्य सौंपा था, इसकी तुलना में 56 हजार 754 संभावित क्षय रोगियों की खंखार की जांच की गई। 5 हजार 500 क्षय रोगियों के लक्ष्य की तुलना में 5 हजार 928 रोगी क्षय रोग से पीड़ित पाये गये है। इनमें से 2 हजार 696 मरीज क्षय रोग से मुक्त हो गये है। 3 हजार 232 मरीजों का उपचार जारी है। 

डॉ. उपाध्याय ने बताया कि क्षय रोग का निःशुल्क उपचार किया जाता है। प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान के तहत भारत सरकार द्वारा टी.बी. मरीजों को निक्षय पोषण आहार और निक्षय मित्र योजना शुरू की गई है। निक्षय पोषण आहार कार्यक्रम के तहत प्रति मरीज को पोषण आहार के लिये 500 रूपये प्रतिमाह मिलते है, जब तक उसका उपचार चलता है। इस योजना का लाभ 2 हजार 696 मरीज प्राप्त कर चुके है। जिन 3 हजार 232 मरीजों उपचार चल रहा है, उन्हें प्रतिमाह प्रति मरीज 500 रूपये दिये जा रहें है। दूसरी योजना निक्षय मित्र है, इसमें ऐसे लोगों का चयन किया जाता है, जो क्षय रोगियों को गोद लेकर उनकी सेवा करें। वर्तमान में 600 निक्षय मित्रों का चयन करके 362 मरीजों को फलों की डलिया भेंट कराई है।    

निक्षय पोषण कार्यक्रम और निक्षय मित्र योजना की उल्लेखनीय उपलब्धी को लेकर प्रदेश के राज्यपाल द्वारा कलेक्टर श्री अंकित अस्थाना को सम्मानित किया है। जिले में हुये 10 हजार लोगों के क्षय सर्वेक्षण को लेकर भारत सरकार की टीम द्वारा 36 हजार लोगों का घर-घर जाकर सर्वे किया, लगभग 600 सेम्पल भी एकत्रित किये, जिनमें से मात्र 2 पॉजीटिव मरीज पाये गये। इसके लिये मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राकेश शर्मा और जिला क्षय अधिकारी डॉ. पदमेश उपाध्याय को सम्मानित किया गया।  

जिले में 1018478 आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य : अभी तक लगभग 6 लाख 90 हजार आयुष्मान कार्ड बनाये गये 

जिले में शासकीय, अशासकीय अस्पतालों में 17921 लिया लाभ 

मुरैना/प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत निरामय योजना के तहत मुरैना जिले में 10 लाख 18 हजार 478 आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य है। जिसमें अभी तक लगभग 6 लाख 90 हजार आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके है। मुरैना जिले में आयुष्मान कार्ड से 17 हजार 921 लोग शासकीय, अशासकीय अस्पतालों में स्वास्थ्य लाभ ले चुके है। प्रदेश सरकार द्वारा आयुष्मान कार्ड से प्रतिवर्ष 5 लाख रूपये तक के कैशलेस की सुविधा गंभीर बीमारी पर प्राप्त होती है। 

कलेक्टर श्री अंकित अस्थाना ने बताया कि मुरैना जिले में 10 लाख 18 हजार 478 आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अभी तक 6 लाख 90 हजार कार्ड बनाये जा चुके है। आयुष्मान कार्ड बनाने के लिये प्रति सप्ताह टीएल बैठक में इस रिव्यू किया जाता है। पिछले सप्ताह 4 हजार 966 आयुष्मान कार्ड बनाये गये थे। मध्यप्रदेश में मुरैना की आयुष्मान कार्ड में 48वीं रैंक है। जानकारी में बताया गया कि आयुष्मान भारत निरामय योजना का लाभ लेने के लिये मुरैना जिले में शासकीय, अशासकीय 13 अस्पताल चिन्हित है। आयुष्मान भारत योजना में संबंध निजी 4 हॉस्पीटल, 9 शासकीय हॉस्पीटल चिन्हित है। 

कलेक्टर ने बताया कि जिले में अभी तक 17 हजार 921 हितग्राही लाभान्वित हो चुके है। 7 हजार 389 हितग्राही निजी हॉस्पीटलों में लाभ ले चुके है। तथा शासकीय हॉस्पीटलों में 10 हजार 532 व्यक्ति लाभान्वित हो चुके है। 

मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान का दूसरा चरण 10 से 25 मई तक

विभागीय और सी.एम. हेल्पलाइन के लंबित आवेदनों का होगा शत-प्रतिशत निराकरण

15 विभागों की 67 सेवाओं का लाभ मिलेगा नागरिकों को

मुरैना /शासकीय विभागों से आम नागरिकों को उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाओं और उनकी समस्याओं के शत-प्रतिशत निराकरण के लिए प्रदेश में 10 से 25 मई तक मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान का दूसरा चरण चलाया जायेगा। अभियान का प्रथम चरण केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं में शत-प्रतिशत सेचुरेशन प्राप्त करने के लिए चलाया गया था। इसमें 83 लाख से अधिक पात्र हितग्राही लाभांवित हुए। 

अभियान के दो प्रमुख घटक

पहला घटक :- पहला ऐसे सभी विभागों में, जो नागरिक सेवाओं से संबंधित हैं, यथा राजस्व, नगरीय विकास एवं आवास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा ऊर्जा विभाग आदि के मैदानी कार्यालयों में लंबित आवेदनों का यथा संभव शत-प्रतिशत निराकरण करना है। दूसरा सी.एम. हेल्पलाइन में लंबित शिकायतों का निराकरण करना। इसके लिये सभी जिले के सभी शासकीय कार्यालयों में नागरिक सेवाओं के प्रदाय से संबंधित लंबित सभी आवेदनों के निराकरण का अभियान चलाया जायेगा। यह सुनिश्चित किया जायेगा कि कोई भी आवेदन बिना वैध कारण के कार्यालय में लंबित न रहे।

दूसरा घटकः- सी.एम. हेल्पलाइन में 15 अप्रैल 2023 तक दर्ज, वर्तमान में लंबित शिकायतों का शत-प्रतिशत निराकरण किया जाना सुनिश्चित किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि जिलों एवं विकासखण्ड स्तर पर होने वाली जन-सुनवाई में प्राप्त होने वाले आवेदन-पत्रों को भी सी.एम. हेल्पलाइन पोर्टल पर दर्ज किया जाता है। जन-सुनवाई के माध्यम से प्राप्त होने वाली शिकायतों का भी निराकरण इस अभियान अवधि में किया जायेगा। निराकरण की सूचना संबंधित शिकायतकर्ता को भी अनिवार्य रूप से दी जायेगी।

अभियान का क्रियान्वयन एवं समीक्षा

जिला स्तर पर अभियान की रूपरेखा प्रभारी मंत्री के साथ चर्चा कर जिला कलेक्टर द्वारा तैयार की जायेगी। संभागायुक्त जिला एवं अनुभाग स्तर पर अभियान के संचालन की नियमित समीक्षा, पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण करेंगे। अभियान अंतर्गत लक्ष्यों को समय-सीमा में प्राप्त करने के लिए नवाचार भी होंगे। राज्य स्तर पर अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन और समस्याओं के निराकरण के लिये अपर सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय श्री संदीप अष्ठाना को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

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