डायबिटीज और अल्कोहल का सेवन डॉक्टर रचना अधिकतर देखा गया है कि डायबिटीज से ग्रसित लोग अपने डॉक्टर से क...
डायबिटीज और अल्कोहल का सेवन डॉक्टर रचना
अधिकतर देखा गया है कि डायबिटीज से ग्रसित लोग अपने डॉक्टर से कहते हैं कि जब वह अल्कोहल का सेवन करते हैं तो उन्हें नींद अच्छी आती है और दूसरे दिन उनका फ़ास्टिंग ब्लड शुगर भी कम होता है ।
ये पूर्णतया सच है पर इस सच्चाई के पीछे का सच कड़वा है शराब पीने से रक्त में शर्करा का स्तर खतरनाक तरीके से कम हो जाता है ये इसलिए होता है क्योंकि यकृत को शराब को खून से निकालने के लिए अतिरिक्त कार्य करना पड़ता है इसलिए वो रक्त शर्करा के स्तर को बनाकर नहीं रख पाता ।शराब शरीर की शुगर उत्पादन करने की क्षमता में विघटन कर सकती है ।
सामान्यतः जब ब्लड शुगर का स्तर कम होता है तो शरीर ग्लुकेगोन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन जारी करता है I ये लीवर को शर्करा उत्पादित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं । शराब इन हार्मोनों का जारी करना दबा सकती है , जिसके परिणामस्वरूप निम्न ब्लड शुगर हो सकती है।
शराब खून में कम शर्करा के लक्षणों को ढक सकती है । इससे भी व्यक्ति को उसको पहचानने में और इसको ठीक करने में कठिनाई हो सकती है।शराब चक्कर आना उलझन महसूस होना और धुंधला नजर आना जैसे लक्षणों का उत्पादन कर सकती है जो कम ब्लड शुगर के लक्षणों से मिलते जुलते हो सकते हैं।इससे व्यक्तियों के लिए कम ब्लड शुगर के लक्षणों को पहचानना और उसको ठीक करने की कार्रवाई करना मुश्किल हो सकता है।
मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति जो इंसुलिन या सल्फोनिलयूरिया जैसी मधुमेह की दवाओं का उपयोग करते हैं उसमें शराब पीने के बाद कम ब्लड शुगर का खतरा अधिक होता है। शराब इन दवाओं से संबंधित होकर कम ब्लड शुगर के ख़तरे को बढ़ा देती है
समय के साथ अत्यधिक शराब की खपत से इंसुलिन की समृद्ध क्षमता कम हो जाती है जिससे शरीर में उच्च रक्त शर्करा का स्थान बन सकता है।
डायबिटीज वाले व्यक्तियों को शराब पीने के समय अपने रक्त शर्करा स्तर को ध्यान से मॉनिटर करना चाहिए, और यदि लो ब्लड शुगर होता है तो इसे ठीक करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
शराब ना पिये डाइअबीटीज़ की जटिलता क़ो और न बढ़ायें
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