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महिला बाल विकास नरवर की आंगनबाड़ियों में नहीं मिल रहा बच्चों को भोजन व नाश्ता का लाभ

  महिला बाल विकास नरवर की आंगनबाड़ियों में नहीं मिल रहा बच्चों को भोजन व नाश्ता का लाभ समय पर नहीं खुल रही आंगनवाड़ी केंद्र  राजेश नरवरिया  ...

 महिला बाल विकास नरवर की आंगनबाड़ियों में नहीं मिल रहा बच्चों को भोजन व नाश्ता का लाभ

समय पर नहीं खुल रही आंगनवाड़ी केंद्र 

राजेश नरवरिया 


शिवपुरी/ करैरा /विकासखंड नरवर अंतर्गत समस्त आंगनबाड़ियों में शासन की योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। उक्त लाभ नरवर में पदस्थ एक बाबू जो वर्षों से पदस्थ है उसकी हठधर्मिता और मनमानी के चलते शासन की योजनाओं का लाभ ग्रामीण गरीब बच्चों को नहीं मिल पा रहा है।नरवर क्षेत्र की 80 से 90% आंगनवाड़ी ना कभी खुलती है ना ही उनमें समूह द्वारा भोजन व नाश्ता दिया जाता है। यहां तक की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मुख्यालय पर न रहकर 20-20 किलोमीटर दूर अपने मोबाइल से बच्चों की हाजिरी व मध्यान भोजन भर देती हैं। जिससे समूह को नाश्ता व भोजन जो ₹6 प्रति छात्र आता है मिल रहा है। बच्चों के कुपोषण दूर करने के लिए चलाई गई यह योजना कि समय पर नाश्ता ब भोजन मिलेगा तो बच्चों का कुपोषण दूर होगा। कुछ समूह संचालकों से बात की तो उन्होंने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि हमें जब भी पैसा निकलता है 50% राशि कार्यालय में जमा करना पड़ती है,क्योंकि उनका कहना है कि नाश्ता का पैसा आप हमें दो और खाना का आप लो। फिर भी जब कभी यदि कोई अधिकारी इंस्पेक्शन करता है तो हमें थोड़ा बहुत खाना बनवाना पड़ता है। यदि हम उक्त राशि नहीं देंगे तो हमारा समूह निरस्त करने की कार्रवाई भी की जाती है। कुछ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने यह भी बताया कि पहले हम मध्यान्ह भोजन नहीं भरते थे तो विभाग में पदस्थ बाबू का कहना है कि आपकी वेतन काट दी जाएगी यहां तक कि कुछ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की वेतन भी काटी गई है उसी के वजह से हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इनकी हाजिरी भी लगाते हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने तो यहां तक बताया कि हमारे अधिकारियों के निर्देश हैं कि जब हम फोन करें तभी आंगनवाड़ी केंद्र खोलना इसी कारण हम अपने मुख्यालय न रहकर अपने अन्य कार्य करते रहते हैं। जब कोई शिकायत होती है तो अधिकारियों का फोन आता है तो हम अपने केंद्र पर पहुंच जाते हैं और फोटो आदि डाल देती है। यहां तक कि नरवर के अधिकांश आंगनबाड़ियों के न्द्र पर ना तो मध्यान भोजन लिखा है ना आंगनवाड़ी का नाम कार्यकर्ता का नंबर अधिकारियों के नंबर कुछ भी नहीं लिखा है इससे यह भी नहीं पता चलता कि आंगनवाड़ी केंद्र है कहां। अभी सत्र 22 23 में आंगनबाड़ियों के रखरखाव हेतु 5 से ₹8000 अधिकांश आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए आए थे उन्हें भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा उक्त बाबू के कारण ही कोई कार्य नहीं कराया गया ।जानकारी तो यहां तक आ रही है कि प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्रों से पैसा निकलवा कर ले लिया है और सभी कार्यकर्ताओं को एक ₹1000 नरवर में ही बांट दिए गए थे। नरवर क्षेत्र की आंगनबाड़ियों में व्याप्त अनियमितताओं के चलते गांव के गरीब बच्चों को उक्त लाभ नहीं मिल पा रहा है जबकि यदि आंगनवाड़ी केंद्र खुले तो बच्चों को अक्षर ज्ञान व एलकेजी यूकेजी की पढ़ाई भी हो सकेगी जिससे जब छात्र प्राथमिक कक्षा में एडमिशन लेगा तो उसको अक्षर ज्ञान नहीं सिखाना पड़ेगा और सीधे उसकी पढ़ाई करवाई जा सकती है इन्हीं आंगनबाड़ियों के कारण ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों का भविष्य अंधकार में है और पठन-पाठन भी कमजोर होता है क्योंकि प्राइमरी शिक्षक पूरे साल एबीसीडी 1234 ही पढ़ाते रहते हैं बाल आयोग से जुड़ी एनजीओ द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण भी किया गया जिनमें उक्त सभी बातें सच साबित हुई इसी के तहत नागरिकों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नरवर क्षेत्र की आंगनबाड़ियों की खस्ता हालत के बारे में अवगत कराया वह यहां पदस्थ बाबू जो पिछले 25 30 सालों से अंगद की तरह अपना पैर जमाए है उसी के कारण यह सब अनिमितताए हो रही हैं इसलिए उक्त बाबू को तत्काल यहां से अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए जिससे गांव के गरीब बच्चों को लाभ मिल सके व आंगनवाड़ी केंद्र भी खुल सके।

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