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रोडपति से करोड़पति बने सहकारी बैंक कर्मचारी

  रोडपति से करोड़पति बने सहकारी बैंक कर्मचारी अन्नदाता के करोड़ो रूपये लूटकर सहकारी बैंक कर्मचारी बने अकूट सम्पत्ति के मालिक....... गरीब किसान...

 रोडपति से करोड़पति बने सहकारी बैंक कर्मचारी अन्नदाता के करोड़ो रूपये लूटकर सहकारी बैंक कर्मचारी बने अकूट सम्पत्ति के मालिक.......

गरीब किसानों का पैसा लूटने के बाद अब महिलाओं की अस्मत लूटने लगे सहकारी बैंक के मैनेजर

 पिछोर बैंक मैनेजर पर लगाए आरोप महिला बैंक कर्मी ने कमरे में अकेले बुलाता है कलेक्टर को जड़ी शिकायत

संजीव पुरोहित,सम्पादक


शिवपुरी।मध्यप्रदेस में सहकारिता बिभाग की स्थिति आज बेहद दयनीय हो चली है शिबराज सरकार के मंत्री और अधिकारी इतने बेलगाम हो गए है कि जनता का खून पसीना चूसने के साथ साथ उनकी मेहनत की गाड़ी कमाई भी लूटने से बाज नही आ रहे है जनता की खून पसीने की कमाई खुल्लमखुल्ला लूटकर अधिकारी और नेता मजे कर रहे है सिबाय झूठे आश्वाशनो के अलाबा लुटी हुई जनता को सिर्फ झुनझुना पकड़ा रहे है ऐसा ही एक मामला शिवपुरी में सामने आया जहाँ सहकारी बैंक में कार्यरत कर्मचारी ने अपनी ही बैंक में करोड़ो रूपये लूटने का शिबराज सरकार में इतिहास बना डाला ऐसे एक उदाहरण है लेकिन अगर बात करे समूचे जिले के बैंकों में कार्यरत बैंक मैनेजरों और कर्मचारियो की बात करे तो वह भी आज करोड़ो रूपये की बेनामी संपत्ति अर्जित कर खुलेआम बैठे हुए है अगर जिले की सम्सत शाखाओ में पदस्थ मैनेजरों की आर्थिक स्थिति की जांच करा दी जाए तो चौकाने वाले परिणाम निकल कर सामने आ सकते है ऐसा हम नही कह रहे यह आम जन में खासा चर्चा का बिषय बना हुआ है।

अपना पैसा लेने को 42 डिग्री तपती दोपहरी में खुले आसमान के नीचे तड़पता बिलखता बैंक का खाताधारक आज शिबराज सरकार को कोसता नजर आ रहा है।

हम बात करे पिछोर सहकारी बैंक की तो आज इस बैंक में अपनी सालों की जमा पूंजी को निकालने के लिये खाताधारक भिखारी बनकर बैंक के दरबाजे पर 40 डिग्री तापमान में खुले आसमान के नीचे तड़पता रोता बिलखता नजर आ रहा है न पानी न छाया न कोई आंसू पोछने वाला सिर्फ भिखारी के माफिक मिल रही है तो दुत्कारना और धिक्कारना।

लाखो रुपय जमा करके हर दिन 500 से 1000 रुपये भिखारी के माफिक हर व्यक्ति को दिया जा रहा है

सहकारी बैंक में जिन लोगो के लाखों रुपय जमा है वह व्यक्ति आज 500 और 1000 रुपय हर दिन भिखारी बनकर लेने पर मजबूर है हर रोज आंखों में आंसू लेकर रोते बिलखते नजर आ रहे है बैंक के दरबाजे की चौखट पर भारी धूप में बिलखता हुआ आम खाताधारक आखिर उसकी गलती क्या है सिर्फ यही की उसने शिवराज सरकरा के बैंक में अपनी जीबन्त की जमा पूंजी जमा की औऱ आज जरूरत पड़ने पर अपनी जीबन्त भर की जमा पूंजी निकालने के लिहे बैंक के लुटेरे अधिकारियों ने उसे बनाकर रख दिया एक भिखारी आखिर ऐसा क्यों?

शिवराज जी आपके लूटखोर बैंक कर्मचारी हमारे पैसे लूटकर खुले आसमान के नीचे मौज कर रहे है और हम भिखारी बनकर बैंक की चौखट पर भरी धूप में बिलख रहे है आखिर क्यों?

शिवराज सरकार में पदस्थ सहकारी बैंक में पसस्थ मैनेजरों और कर्मचारियो पर शिवराज सरकार के कलेक्टर इतने मेहरबान होकर संरक्षण क्यों देकर रखे है आखिर क्यों इतने बड़े करोड़ो के भ्रस्टाचार के बाद जिले के सभी बैंकों में पदस्थ  मैनेजरों और कर्मचारियो की आर्थिक स्थिति की जाच कराई जा रही है आखिर क्यों उन्हें खुला संरक्षण दिया जा रहा है जबकि उनके पास नॉकरी लगने के बाद से आज तक करोड़ो रुपय की अकूट बेनामी सम्पत्ति खुलेआम बनी हुई है लेकिन शिबराज सरकार का आम मतदाता आज भिखारी बना हुआ है और भरी दोपहरी में बैंकों के दरबाजो पर बिलखता हुआ दिखाई दे रहा है और बैंक के कर्मचारी कूलर और ऐसी की ठंडी हबाओ में बैठकर मौज कर रहे है लेकिन शिबराज सरकार के कलेक्टर के कान पर जू भी नही रेंग रही है आखिर क्यों?

बैंक के मैनेजर और कर्मचारियों को कूलर और ऐसी की ठंडी हबा और खाताधारक को 45 डिग्री धूप में खुला आसमान नसीब ऐसा क्यों

अपनी जीबन् भर की खून पसीने की लाखो रुपय कमाई का पैसा निकालने के लिए आम इंसान भरी धूप में खुले आसमान के नीचे बैंक की चौखट पर बिलखने तड़पने को मजबूर है पूरे दिन धूप में खड़े होने पर भिखारी की तरह लाखों रुपये जमा होने पर भी 500 से 1000 रुपय लेकर जाता है और बैंक प्रबंधन का मैनेजर और स्टाफ बैंक के मुख्य द्वार में ताला डालकर अंदर कूलर ऐसी में बैठकर मौज करता हुआ दिखाई पड़ता है न पानी न छाया ये कैसी तेरी माया है शिबराज सरकार इतना जुल्म आखिर किसानों पर क्यों?

किसानों का पैसा लूटकर मौज करने के बाद अब बैंककर्मी महिलाओं की अस्मत लूटने को आमादा सहकारी बैंक के लुटेरे मैनेजर

हम बात करे पिछोर सहकारी बैंक में पदस्थ मैनेजर की तो आज एक नया मामला सुर्खियों में बना हुआ है जो ख़बरनबीशो के मुह से भारी चर्चा में है यह कि पिछोर बैंक में पदस्थ महिला कर्मी को बैंक के मैनेजर ने अपने पास बुलाकर अपने घर के काम करने के लिए दबाब बनाया लेकिन यहां इसकी गोटी फिट नही हुई और महिला कर्मी ने सीधा कलेक्टर के पास आबेदन दे डाला कि इस मैनेजर ने मुझ पर गलत नियत डाली महिलाकर्मी ने आबेदन में कहा जैसा कि चर्चा में है ख़बरनबीशो कि अब देखना यह होगा कि शिबराज सरकार के शिवपुरी कलेक्टर इस रंगीन मिजाज बैंक मैनेजर के खिलाफ कोई कार्यवाही करते है या फिर संरक्षण देकर ऐसी घटनाओं की पुनराबर्ती होने के लिए खुला छोड़ देते है अब इस मामले में कितनी सत्यता है ये हम नही कहते लेकिन अगर आग लगी है ख़बरनबीशो में तो धुंआ तो उठना लाजिमी है।

अपने राम का तो यही कहना है कि जिलेभर की शाखों में पदस्थ बैंक मैनेजर और कर्मचारियो की आर्थिक स्थिति की जांच कराकर जनता का लूटा हुआ पैसा गबन के तौर पर बापिसि लिया जाए और जो करोड़ो रूपये का भ्रस्टाचार बैंक कर्मियों द्वारा किया गया है उसमें शामिल सभी लोगो की संपत्ति कुर्क कर आम जनता का पैसा बापिसि दिलाया जाए जिससे कि आने वाले चंद माह बाद शिवराज सरकार को भरपूर समर्थन मिल सके नही तो ये अन्नदाता क्या कर दे कह नही सकते जिले के कलेक्टर को बिशेष रुचि लेकर कठोर कार्रवाही करनी चाहिए जिससे शिबराज सरकार के बेहतर सुशासन के प्रति अन्नदाता में विश्वास पैदा हो सके


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