Page Nav

HIDE

Breaking News:

latest

Total Pageviews

जिले की पाँचों विधानसभा सीटों पर टिकिट कटने से बड़ी संख्या में फैला अंसतोष

  जिले की पाँचों विधानसभा सीटों पर टिकिट कटने से बड़ी संख्या में फैला अंसतोष शिवपुरी में रघुवंशी, कोलारस में जैन, पोहरी में वर्मा हाथी और झा...

 जिले की पाँचों विधानसभा सीटों पर टिकिट कटने से बड़ी संख्या में फैला अंसतोष


शिवपुरी में रघुवंशी, कोलारस में जैन, पोहरी में वर्मा हाथी और झाडू की कर सकते हैं सवारी



40 वर्ष से राकेश सांवलदास गुप्ता शिवपुरी से बैठे हैं टिकिट की आस में


शिवपुरी। मध्यप्रदेश के भीतर शिवपुरी एक ऐसा जिला है जहां पिछले कई वर्षों से सिंधिया राज घराने का दबदबा रहा है। चुनावों में फिर चाहे विधानसभा हो, लोकसभा हो सिंधिया राजघराने की बदौलत ही अभी तक हार-जीत का फैसला होता चला आया है। अभी भाजपा ने करैरा और पिछोर में प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है, लेकिन तीन विधानसभा सीट जिनमें शिवपुरी, पोहरी, कोलारस में मंथन जारी बना हुआ है। यहां बताना होगा भाजपा ने मध्यप्रदेश के भीतर 230 विधानसभा सीटों पर शुरूआत में 39 प्रत्याशियों की सूची जारी की। दूसरी सूची में भी 39 प्रत्याशी शामिल थे। तीसरी सूची में सिर्फ एक नाम शामिल था। जबकि चौथी सूची में 57 प्रत्याशियों के नाम शामिल रहे। अब बुधवार और गुरूवार को भाजपा सूची जारी कर सकती है जिसमें शिवपुरी जिले की तीन विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम सामने आ सकते हैं। ठीक इसके उलट कांग्रेस ने नवरात्रि के प्रथम दिन 144 प्रत्याशियों की सूची जारी की जिसमें शिवपुरी से केपी सिंह, पोहरी से कैलाश कुशवाह, कोलारस बैजनाथ सिंह यादव, करैरा से प्रागीलाल जाटव, पिछोर से शैलेन्द्र सिंह जूदेव के नाम सामने आ गए। इसके बाद शिवपुरी जिले की पाँच विधानसभा सीटों पर जो नेता अपने टिकिट की आस में बैठे थे उनके भीतर जमकर असंतोष उत्पन्न हो गया। पोहरी में प्रद्युम्न वर्मा कांग्रेस से टिकिट चाह रहे थे, लेकिन उनका टिकिट कट गया। कोलारस में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जितेन्द्र जैन गोटू भैया कांग्रेस से टिकिट चाह रहे थे, लेकिन उनका टिकिट कट गया। इधर शिवपुरी में कोलारस से भाजपा से विधायक रहे वीरेन्द्र रघुवंशी कांग्रेस से टिकिट चाह रहे थे, लेकिन उनका टिकिट कट गया। सोमवार को वीरेन्द्र रघुवंशी अपने समर्थकों एवं समाज के लोगों को लेकर भोपाल पहुंचे और कमलनाथ के सामने केपी सिंह कक्काजू के टिकिट बदलने की बात कही। मंगलवार को रघुवंशी दिल्ली पहुंचे हैं। टिकिट वितरण के दो दिन के एपीसोड में यह पूरी कहानी सामने आई अब राजनैतिक जानकार बताते हैं कि कोलारस में जैन, पोहरी में वर्मा, शिवपुरी में रघुवंशी हाथी और झाडू की सवारी कर सकते हैं अन्यथा की स्थिति में इन नेताओं के पूरे पाँच साल खराब हो जाएंगे।

बॉक्स

होटल वनस्थली पर प्रतिदिन चुनाव की चर्चा


केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए राकेश सांवलदास गुप्ता चुनाव से एक-दो माह पहले सिंधिया का साथ छोड़कर कांग्रेस में चले गए। उनको अंदाजा था कि उन्हें शिवपुरी से कांग्रेस पार्टी से टिकिट मिलेगा, लेकिन उनका टिकिट कट गया। ऐसे में उनका राजनैतिक जीवन समाप्ति की ओर है। हालांकि विधानसभा टिकिट का राकेश पिछले 40 वर्ष से इंतजार कर रहे हैं।  

बॉक्स

रामजी के घर ताताथईया


मंडी विभाग से रिटायर्ड एवं ब्राह्मण समाज के बड़े नेता रामजी व्यास के घर उनके समर्थकों की ताताथईया बनी हुई है। उनके घर पर सुबह-शाम, दोपहर चौपाल लगी हुई है। उन्होंने भाजपा पार्टी से नगरपालिका चुनाव में अध्यक्ष के लिए दावेदारी पेश की थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें मना लिया था और गायत्री शर्मा को नगरपालिका अध्यक्ष बना दिया था। ऐसे में रामजी व्यास शिवपुरी विधानसभा से भाजपा से टिकिट मांग रहे हैं। अच्छी बात यह है कि उनको भी कांग्रेस पार्टी से ऑफर आया था अगर कहीं वह कांग्रेस में चले जाते तो फिर उनका भी राजनैतिक जीवन समाप्त हो जाता।

बॉक्स

ना चाचा बड़े ना भतीजे छोटे


चाचा नरेन्द्र बिरथरे ने क्षेत्रीय जनता को इकट्ठा कर पार्टी पर टिकिट के लिए


दबाव बनाया तो वहीं भतीजे सोनू बिरथरे पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर नरेन्द्र सिंह तोमर, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ फोटो डाल रहे हैं। ऐसे में चर्चा यह है कि ना चाचा बड़े ना भतीजे छोटे। भाजपा में चाचा-भतीजे टिकिट के लिए एक-दूसरे की टांग खींच रहे हैं। खासबात यह है कि चुनाव से पहले दोनों ही चाचा-भतीजे पोहरी विधानसभा से टिकिट की जुगाड़ लगाते रहे अब दोनों चाचा-भतीजे शिवपुरी विधानसभा सीट पर टिकिट की जुगाड़ लगा रहे हैं।

बॉक्स

जिलाध्यक्ष ने भी देख रहे हैं विधायक बनने के सपने


भाजपा की तरफ से जिलाध्यक्ष राजू बाथम का नाम भी शिवपुरी विधानसभा सीट पर दौड़ रहा है। यहां तक तो ठीक है, लेकिन हकीकत बात यह है कि जिलाध्यक्ष बाथम ने शिवपुरी से विधायक बनने के सपने भी देख रखे हैं। राजनैतिक जानकार बताते हैं कि जब प्रत्याशियों के बायोडाटा आए तब जिलाध्यक्ष पर पक्षपात के आरोप लगे। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि बिल्ली के भाग्य से कहीं छींका तो नहीं टूट जाएगा।

No comments

Contact Form

Name

Email *

Message *

Latest Articles