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वन रक्षक ने किया आत्महत्या का प्रयास, डीएफओ यादव पर लगाए गंभीर आरोप

  वन रक्षक ने किया आत्महत्या का प्रयास, डीएफओ यादव पर लगाए गंभीर आरोप रेंजर कृतिका शुक्ला ने भी जड़े आरोप, डीएफओ को हटाने की मांग शिवपुरी /क...

 वन रक्षक ने किया आत्महत्या का प्रयास, डीएफओ यादव पर लगाए गंभीर आरोप

रेंजर कृतिका शुक्ला ने भी जड़े आरोप, डीएफओ को हटाने की मांग



शिवपुरी /कोलारस में पदस्थ वन रक्षक सतेन्द्र खरे ने निलम्बन का आदेश मिलने पर अपने शासकीय क्वार्टर पर आत्महत्या करने का प्रयास किया। जिसे घर में मौजूद सदस्यों ने रोक लिया। इस दौरान पीडि़त वन रक्षक ने डीएफओ सुंधाशु यादव पर उसे प्रताडि़त करने और बर्खास्त करने की धमकी देकर पंचनामा पर जबरन हस्ताक्षर कराने का आरोप लगाया है। वहीं रेंजर कृतिका शुक्ला ने भी डीएफओ पर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताडि़त करने के आरोप लगाए हैं। रेंजर और वन रक्षक पर कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के मामले में यह निलम्बन आदेश जारी किए गए हैं।

जानकारी के अनुसार 1 सितम्बर 2023 को टीला वीट प्रभारी दिनेश शर्मा और स्थाईकर्मी बद्री यादव के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। आरोप है कि इन दोनों नोटिसों पर कूट रचित हस्ताक्षर किए गए थे। इस मामले में डीएफओ सुधाशु यादव ने जांच की थी और पाया गया था कि कूट रचित हस्ताक्षर से कारण बताओ नोटिस जारी हुए थे। इस लेकर डीएफओ 3 सितम्बर को कोलारस पहुंचे थे जहां वन रक्षक सतेन्द्र खरे से पंचनामा लिया गया था। वन रक्षक सतेन्द्र खरे का आरोप है कि इसी दौरान डीएफओ ने उसे बर्खास्त करने की धमकी देकर उससे पंचनामे पर जबरन हस्ताक्षर करा लिए। इसके बाद उसका सस्पेंशन ऑर्डर जारी कर दिया। इसके साथ ही रेंजर कृतिका शुक्ला का भी निलम्बन आदेश जारी हुआ और दोनों के निलम्बन आदेश एसडीओ मनोज कुमार सिंह लेकर पहुंचे जिससे व्यथित होकर वन रक्षक ने अपने सरकारी क्वार्टर पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया वहीं रेंजर कृतिका शुक्ला को निलम्बन आदेश की जानकारी लगी तो उन्होंने डीएफओ पर मानसिक और शारीरिक प्रताडऩा का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की है। रेंजर और वन आरक्षक का कहना है कि डीएफओ पिछले लम्बे समय से उन्हें परेशान कर रहे हैं और दवाब बनाकर उनसे कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करा कर उन्हें गलत तरीके से फंसा रहे हैं। 


वन रक्षक सतेन्द्र खरे ने कूट रचित हस्ताक्षर कर कारण बताओ नोटिस जारी किए थे। जिसमें इस पूरे मामले में जांच के बाद वन रक्षक और रेंजर की भूमिका सामने आई थी। जिसमें वन रक्षक को मेरे द्वारा निलम्बन की कार्यवाही की गई जबकि वरिष्ठ अधिकारियों ने रेंजर को निलम्बित कर दिया। जिस कारण दोनों उन पर झूठे आरोप लगा रहे हैं। रेंजर ने उन पर शारीरिक और मानसिक प्रताणना के आरोप लगाए हैं वह निराधार और झूठे हैं। 

सुधाशु यादव डीएफओ शिवपुरी

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