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मतदान का रिजल्ट आने में चार दिन शेष, पाँच विधानसभा सीटों में प्रत्याशियों की धड़कन तेज

  मतदान का रिजल्ट आने में चार दिन शेष, पाँच विधानसभा सीटों में प्रत्याशियों की धड़कन तेज -राजनैतिक जानकारों ने कहा है कि दो कांग्रेस, दो भाज...

 मतदान का रिजल्ट आने में चार दिन शेष, पाँच विधानसभा सीटों में प्रत्याशियों की धड़कन तेज






-राजनैतिक जानकारों ने कहा है कि दो कांग्रेस, दो भाजपा और एक अन्य दल के जीतने की संभावना







-कोलारस और पोहरी में वोटरों को लुभाने के लिए शराब, कबाव और पैसे का लिया गया सहारा




शिवपुरी। शिवपुरी जिले की पाँच विधानसभा सीटों पर राजनैतिक जानकारों के हिसाब से रुझान

आना शुरू हो गए हैं। जिले की पाँच विधानसभा सीटों में राजनैतिक जानकारों ने बताया है कि इस बार


विधानसभा चुनाव में मतदान होने के बाद जो रुझान सामने आ रहे हैं उनमें साफतौर पर बताया जा रहा है कि दो विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के आने की संभावना है तो वहीं दो विधानसभा सीटों पर भाजपा के आने की संभावना है। एक विधानसभा सीट पर कांग्रेस-भाजपा के अलावा अन्य कोई दल अपनी जीत दर्ज करा सकता है। जैसे कि शिवपुरी विधानसभा सीट पर भाजपा की ओर से प्रत्याशी का चयन सही ढंग से हुआ वैसे कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी का चयन सही नहीं हुआ। क्योंकि कांग्रेस के जो प्रत्याशी हैं उनकी कर्मस्थली शिवपुरी नहीं है। पूर्व में बताया जा रहा था कि शिवपुरी विधानसभा सीट पर कोलारस के भाजपा विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी जिन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया था उसके बाद ऐसी अटकलें थीं कि उन्हें कांग्रेस शिवपुरी से उम्मीदवार बना सकता है। अगर उन्हें उम्मीदवार बनाया जाता तो अवश्य ही शिवपुरी में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर रहती। पोहरी विधानसभा सीट पर जब टिकिट वितरण हुआ तो भाजपा का उम्मीदवार तीसरे स्थान पर था इसके साथ ही भाजपा और बसपा के उम्मीदवार सजातीय होने के कारण नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ सकता है। इस सीट पर चुनाव से ठीक दो दिन पहले भाजपा के उम्मीदवार द्वारा वोटरों को लुभाने के लिए जमकर पैसे बांटने के आरोप लगते रहे और सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल होती देखी गईं। कोलारस में कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार सजातीय हैं इसके साथ ही इस विधानसभा में इस बार बसपा के उम्मीदवार ने बहुत जबर्दस्त ढंग से चुनाव के भीतर मेहनत की है इस कारण से कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही इस सीट पर बसपा की तरफ से भारी नुकसान होना तय है। इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों ने वोटरों को लुभाने के लिए जमकर पैसा बांटा है ऐसे आरोप हैं। पिछोर विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार सजातीय हैं, लेकिन यहां पर भाजपा के जो उम्मीदवार हैं वह पिछले तीन बार से चुनाव मैदान में हैं और उनका पिछला जो चुनाव है उस चुनाव में वह बहुत कम अंतर से (2700 के करीब) हारे थे। तो ऐसे में इस सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी के आने की संभावना हैं। करैरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस की तरफ से उपचुनाव में करीब 34 हजार वोटों से जीत दर्ज करने वाले प्रागीलाल को प्रत्याशी बनाया था जबकि भाजपा की तरफ से 2008 में विधानसभा का चुनाव जीतने वाले रमेश खटीक को प्रत्याशी बनाया था। इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर है। विधानसभा चुनाव की समीक्षा में हमारे संवाददाता द्वारा पत्रिका न्यूज पेपर के वरिष्ठ पत्रकार सेमुअलदास से चर्चा की गई इसके साथ ही नई दुनिया के वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक शर्मा से चर्चा की गई। इसी क्रम मेें दैनिक भास्कर के सीनियर पत्रकार संजीव बांझल से चर्चा की गई और आखिर में शिवपुरी के राजनीति के बड़े पत्रकार अशोक कोचेटा से बातचीत की गई। इन सभी पत्रकारों से जिले की पाँचों विधानसभा सीटों को लेकर चुनावी समीक्षा की गई तो सामने निकलकर आया कि जिले की पाँच विधानसभा सीटों में से दो पर कांग्रेस और दो भाजपा एवं एक सीट पर अन्य किसी दल के आने की संभावना है। रिजल्ट आने में चार दिन शेष हैं ऐसे में विधानसभा चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों की धड़कनें तेज बनी हुई हैं।


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