सरकार किसी की भी बनें, शिवपुरी में मंत्री पद के हैं कई दावेदार -शिवपुरी को मिलेगा मंत्री पद, बशर्तें दावेदार चुनाव न हार जाऐं शिवपुरी । मध...
सरकार किसी की भी बनें, शिवपुरी में मंत्री पद के हैं कई दावेदार
-शिवपुरी को मिलेगा मंत्री पद, बशर्तें दावेदार चुनाव न हार जाऐं
शिवपुरी । मध्य प्रदेश में तीन दिसम्बर को मतगणना के पश्चात स्पष्ट होगा कि प्रदेश में सरकार किसकी बनेंगी। क्या भाजपा अपनी कामयाबी को जारी रखेगी या प्रदेश में कांग्रेस की वापसी होगी। लेकिन प्रदेश में सरकार भाजपा की बनें या कांग्रेस की शिवपुरी जिले में दोनों दलों में मंत्री पद के कई दावेदार हैं। भाजपा सरकार में देवेन्द्र जैन और सुरेश राठखेड़ा को मंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है वहीं कांग्रेस की सरकार बनने पर केपी सिंह का मंत्री पद पर दावा सबसे प्रवल है। लेकिन यह तब होगा जब मंत्री पद के दावेदार विधानसभा चुनाव जीतें।
भाजपा सरकार बनी और शिवपुरी से देवेन्द्र जैन चुनाव जीते तो मंत्री पद पर उनकी संभावनाऐं बहुत अधिक हैं। श्री जैन जीते तो इस बार यह उनकी तीसरी विजय होगी। सबसे पहले वह तीस साल पूर्व 1993 में शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे। उस चुनाव में उन्होंने अपने समधी सांवलदास गुप्ता को लगभग ढाई हजार मतों से पराजित किया था। इसके बाद वह 2008 में अपनी जन्म स्थली कोलारस से विधायक बने। उस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रामसिंह यादव को महज 500 मतों से पराजित किया था। हालांकि इसके बाद वह कोलारस में हुए दो चुनावों में पराजित हो गए थे। शिवपुरी नगर पालिका अध्यक्ष पद पर भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इसके बाद भी भाजपा सरकार बनने पर उनके मंत्री बनने की संभावना प्रवल है। शिवपुरी से यशोधरा राजे सिंधिया 2005 से लगातार प्रदेश सरकार में मंत्री बनी हुई है, लेकिन 2023 का विधानसभा चुनाव उन्होंने नहीं लड़ा इसी कारण देवेन्द्र जैन को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया। भाजपा में मंत्री पद का दावेदार लोकनिर्माण राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा को भी बताया जा रहा है। श्री राठखेड़ा मूल भाजपाई नहीं है और उन्हें ङ्क्षसधिया समर्थक माना जाता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ वह मार्च 2020 में कांग्रेस दल और विधायक पद से इस्तीफा देकर भाजपा में आऐं हैं। श्री राठखेड़ा 2018 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पोहरी से चुनाव जीते थे। 3 साल बाद हुए उप चुनाव में भाजपा ने उन्हें पोहरी से उम्मीदवार बनाया और वह लगभग 22 हजार मतों से चुनाव जीते। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी हरिवल्लभ शुक्ला को पराजित किया। चुनाव जीतने के पश्चात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल किया और लोकनिर्माण राज्य मंत्री बनाया। इस बार सुरेश राठखेड़ा पुन: भाजपा उम्मीदवार के रूप में पोहरी से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके जीतने और भाजपा सरकार बनने पर उनके मंत्री बनने की संभावना बहुत प्रबल बताई जाती है। इनके अलावा जीत होने पर कोलारस के भाजपा प्रत्याशी महेन्द्र यादव और करैरा के भाजपा प्रत्याशी रमेश खटीक दूसरी बार चुनाव में विजयी होंगे। श्री यादव सिंधिया के चहेते हैं और ङ्क्षसधिया ने उन्हें मंत्री बनाने की अनुशंसा की तो वह सुरेश राठखेड़ा के स्थान पर मंत्री बन सकते हैं। जबकि अनुसूृचित जाति के लिए आरक्षित करैरा सीट से रमेश खटीक चुनाव मैदान में हैं। श्री खटीक 2018 में भाजपा के विद्रोही उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैैदान में खड़े हुए थे और पराजित हुए थे। वह 2008 में करैरा से विधायक रह चुके हैं, लेकिन भाजपा सरकार बनने और उनके जीतने पर उनके मंत्री बनने की संभावना कम मानी जा रही है। उसी तरह पिछोर के प्रीतम लोधी जीते तो पहली बार के विधायक होंगे और इस कारण उनके मंत्री बनने की संभावना नगण्य है। जहां तक कांग्रेस का सवाल है कांग्रेस सरकार बनने और शिवपुरी से चुनाव जीतने पर केपी ङ्क्षसह की मंत्री बनने की संभावना सबसे प्रवल है। श्री ङ्क्षसह जीते तो इस बार यह उनकी सातवीं विजय होगी। हालांकि आश्चर्य जनक रूप से 2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी तो उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। श्री सिंधिया पर ठीकरा फोड़ा गया कि उनके विरोध के कारण केपी सिंह मंत्री नहीं बने हैं, लेकिन मंत्री न बनने पर केपी ङ्क्षसह डिप्रेंशन में आ गए थे और आज भी मंत्री न बनने की कसक उनके मन में है। पत्रकार जब उनसे यह सवाल पूंछते हैं तो उनका जवाब रहता है कि इसके बारे में कमलनाथ जी से पूछिए। केपी सिंह साफ तौर पर कहते हैं कि मंत्री न बनने पर उनके मन में राजनीति से सन्यास लेने की इच्छा भी उत्पन्न हुई थी। जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो उनकी सरकार बनने पर केपी सिंह के अलावा अन्य किसी को मंत्री पद का दावेदार नहीं माना जा सकता। कोलारस के कांग्रेस प्रत्याशी बैजनाथ सिंह यादव, पिछोर के कांग्रेस प्रत्याशी अरविन्द लोधी, पोहरी के कांग्रेस प्रत्याशी कैलाश कुशवाह, पहलीबार जीते तो विधायक बनेंगे। जबकि करैैरा विधायक प्रागीलाल जीतने पर दूसरी बार विधायक बनेंगे। इसलिए उनकी भी मंत्री बनने की संभावना नहीं मानी जा रही है।
No comments