वन विभाग एक, डीएफओ तीन...? बड़े अधिकारी यादव के बाद जाटव और नामदेव के नाम की भी चर्चा जोरों पर शिवपुरी। शिवपुरी का वन विभाग उस समय से चर्च...
वन विभाग एक, डीएफओ तीन...?
बड़े अधिकारी यादव के बाद जाटव और नामदेव के नाम की भी चर्चा जोरों पर
शिवपुरी। शिवपुरी का वन विभाग उस समय से चर्चा में बना हुआ है जब शिवपुरी डीएफओ की कुर्सी पर लवित भारती जिस अधिकारी को विभाग में लव भारती के नाम से कर्मचारी जाना करते थे इस नाम के साथ-साथ छुटभैया कर्मचारी मयंक नामदेव का नाम भी चर्चाओं में शमिल था। एक अन्य नाम अरविंद मिश्रा का भी चर्चा में था। इसके पीछे वजह यह बताई जाती है कि इन लोगों से जिले में पदस्थ रेंजर काफी हद तक परेशान थे और डीएफओ के नाम पर संबंधित रेंजरों से बड़ी मात्रा में उगाही करते थे। जबकि छुटभैया कर्मचारी मयंक नामदेव एनओसी के नाम पर लाखों रुपए आवेदनकर्ताओं से वसूला करते थे। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि अरविंद मिश्रा ने एक अवैध खदान अपने पुत्र के नाम से संचालित भी कर रखी थी। इसके बाद डीएफओ की कुर्सी पर श्रीमती मीना मिश्रा काबिज हुई तो उनके कार्यकाल में मयंक नामदेव एवं अरविंद मिश्रा ऐसे विभाग में से ऐसे गोल हो गए जैसे गधे के सिर से सींग गायब हो जाते हैं। अब बात वर्तमान डीएफओ सुधांशू यादव की करें तो सूत्र बताते हैं कि कोलारस विधानसभा से कमल के फूल पर चुनाव लडऩे वाले महेन्द्र यादव के करीबी हैं और उन्हीं की दमखम पर सुधांशू यादव राह चलते कर्मचारियों को नियम ताक पर रखकर सस्पेंड कर देते हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि जिन कर्मचारियों को डीएफओ बिना नियमों के सस्पेंड करते हैं उन कर्मचारियों को चंद दिन के भीतर सेवा शुल्क लेने के बाद बहाल भी कर देते हैं। अब अगर समाचार की हेडलाइन पर आ जाएं तो बात चल रही है कि वन विभाग एक डीएफओ तीन...? तो सूत्र बताते हैं कि वन विभाग में डीएफओ सुधांशू यादव के बाद अगर कोई नाम आता है तो वह शिवपुरी रेंजर गोपाल जाटव का आता है इसके बाद विभाग में छुटभैया कर्मचारी मयंक नामदेव का आता है। वन विभाग की परतें लगातार खुल रही हैं और इन परतों का क्रम जारी रहेगा।
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