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नारी सम्मान के दाबो की पोल खोलता एक कड़बा सच

  नारी सम्मान के दाबो की पोल खोलता एक कड़बा सच ------ 💫 कोलारस रेंजर कृतिका शुक्ला को डी एफ ओ की नाजायज मांगो को लेकर शिकायत करना पड़ी भारी। ...

 नारी सम्मान के दाबो की पोल खोलता एक कड़बा सच ------


💫 कोलारस रेंजर कृतिका शुक्ला को डी एफ ओ की नाजायज मांगो को लेकर शिकायत करना पड़ी भारी।


💫 एक बार फिर महिलाओ को पुरुष बर्ग के आगे घुटने टेकने पर होना पड़ा मजबूर।

💫 एक फिर फिर दबा दी गयी महिला कर्मचारी की कार्यस्थल पर यातनाओ की शिकायत।

💫 कोलारस रेंजर कृतिका शुक्ला को निलंबित करके अब रचा जायेगा साक्ष्य मिटाने का खेल।

💫 सभी जगह शिकायते करने के बाद भी कार्यबाही के नाम पर एक महिला को न्याय के रूप मे मिला निलंबन

संजीव पुरोहित,सम्पादक✒️

शिवपुरी।मध्यप्रदेश मे जहाँ एक तरफ महिलाओ को आगे बढ़ाने के लिए सेकड़ो योजनाये लाई जा रही है की किसी भी तरह महिलाये अपनी प्रतिभाओ को दबाकर न रखे उन्हे बाहर लेकर आये और पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ खड़ी हो सके क्युकी महिलाये भी काम करने मे पुरुष से कही भी कमजोर नहीं है इसका जीता जागता उदाहरण है की हर नौकरी मे महिलायो की उपस्थिति पुरुषो के समतुल्य है लेकिन बेहद दुःख इस बात का है की आज भी पुरुष महिलाओ को अपने साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होने मे अपने आप को शर्मिंदा होता हुआ महसूस करता है और कार्यस्थल पर काम कर रही महिला को कही न कही किसी न किसी बात को लेकर प्रताड़ित या दबाने का प्रयास करता हुआ ही नजर आता है और इस तरह महिलाये अपनी प्रतिभाओ को दिखाने मे पुरुष बर्ग के अधिकारियों के आगे अपने को आज भी महिला प्रधान देश मे कमजोर और असुरक्षित महसूस् करती और ऐसे कई उदाहरण पूर्व मे देखने और सुनने को मिले है की महिलाओ के साथ उनके बरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मानसिक और शारीरिक प्रताढ़ना दी गयी है जिनका उन्होंने बिरोध भी किया लेकिन पुरुष बर्ग की अधिकता और एकजुटता के चलते उनकी आवाज़ को हमेशा की तरह दबा दिया गया है।

00 शिवपुरी के कोलारस की रेंजर कृतिका शुक्ला ने डी एफ ओ के खिलाफ सी सी एफ से की थी शिकायत।

अगर बात करे शिवपुरी जिले के कोलारस बन परीछेत्र की तो रेंजर के पद पर पदस्थ कृतिका शुक्ला ने अपने बरिष्ठ अधिकारी डी एफ ओ सुधांशु यादव के खिलाफ सी सी एफ से शिकायत की थी शिकायत मे उल्लेख किया था की डी एफ ओ द्वारा एक महिला होने के नाते मुझसे अपनी नाजायज मागे मनबाने के लिए बार बार प्रताड़ित कर दबाब बनाया जा रहा है और जब मेने उनकी नाजायज मागे मानने से इंकार किया तो शासकीय कार्य मे लापरवाही के तथ्यहीन सबूत एकत्रित करना शुरु कर दिये बरिष्ठ कार्यालय से पिछले कई दिनों से ऐसा घटनाकक्रम चल रहा है लेकिन मेने अपने स्वाभिमान की खातिर सब कुछ सहन करने की कोशिश की लेकिन अब डी एफ ओ का अपनी नाजायज मांगे मनबाने के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है इससे मेरा शासकीय कार्य और मेरा परिवार काफी सदमे मे है और मे इस मामले को लेकर काफी डिप्रेशन मे हू डी एफ ओ की नाजायज मांगे मनबाने का दबाब इतना बढ़ गया है की मे कभी कभी अपने स्वाभिमान की आत्मरक्षा के लिए आत्महत्या करने पर भी मजबूर हो रही हू मेरे पति के सामने हि मुझसे अभद्र भाषा मे बोलकर मुझे शर्मिंदा किया डी एफ ओ ने और इससे आहत होकर अपने बरिष्ठ अधिकारी की शिकायत सी सी एफ महोदय से की है ऐसा कई दिनों से समाचार पत्रों मे बहुत बायरल हो रहा है।

00 कृतिका शुक्ला के खिलाफ फर्जी शाक्ष्य जुटाने को लेकर डी एफ ओ कर चुके है प्रयास इसी क्रम मे एक गार्ड ने की थी आत्महत्या की कोशिश

कोलारस रेंजर कृतिका शुक्ला ने अपने बरिष्ठ अधिकारी डी एफ ओ के खिलाफ एक शिकायत की जिसमे उल्लेख था की वह् उनसे अपनी नाजायज मांगे मनबाने के लिए दबाब बना रहे है कृतिका शुक्ला ने जैसे ही इस घटनाक्रम की सी सी एफ से शिकायत है उसके बाद से ही डी एफ ओ लगातार कृतिका शुक्ला के खिलाफ फर्जी तरीके से शाक्ष्य जुटाने मे लग गये की किसी भी तरह शासकीय कार्यो मे लापरवाही के खिलाफ शाक्ष्य जुटा कर बिभागीय कार्यबाही की जा सके इसी क्रम मे बीते दिनों कोलारस मे फारेस्ट गार्ड से जबरन फर्जी दस्ताबेज भी त्यार कराये गये लेकिन उसने बाद मे उसने मना किया तो दबाव बनाया गया जिससे आहत् होकर फारेस्ट गार्ड ने फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास भी किया लेकिन समय रहते उसे बचा लिया गया फिर कैमरे पर उसने सारी बात स्वीकार की कुल मिलाकर डी एफ ओ द्वारा कृतिका शुक्ला के द्वारा की गयी शिकायत से तिलमिला कर जबरन ऐसे तथ्य जुताये जा रहे है की एक महिला को दबाया जा सके और एक बार फिर इस मामले को दबाया जा सके।

00 कोलारस मे कृतिका शुक्ला के द्वारा डी एफ ओ की शिकायत के बाद से कोलारस मे कृतिका शुक्ला को परेशान करने के लिए हेड क्लर्क को शिवपुरी ऑफिस से भारमुक्त नही किया चिंतनीय

कोलारस रेंज मे पदस्थ हेड क्लर्क का ट्रांसफर हो गया जिसकी जगह पर दूसरे व्यक्ति की पदस्थापना की गयी है लेकिन जानबूझकर आज दिनांक तक हेड क्लर्क को कोलारस के लिए भारमुक्त नहीं किया गया जिससे की कृतिका शुक्ला के खिलाफ शासकीय कार्य मे लापरवाही हेतु दस्ताबेज त्यार किये जा सके ।

00 कृतिका शुक्ला से जिन बिन्दुओ पर पत्राचार कर् मांगे गये तथ्य वह् उपलब्ध कराने के बाद भी मामले को दबाने के लिए कृतिका शुक्ला को चढ़ाया निलंबन की भेंट आखिर क्यू ??

जैसा की समाचार पत्रों के माध्यम से और खबर नबीशो मे जनचर्चा से ज्ञात हुआ की कृतिका शुक्ला के खिलाफ बिभागीय पत्राचार के माध्यम से जिन जिन बिन्दुओ पर आरोप पत्र पारित किये उन सभी बिन्दुओ के आधार पर प्रतिउत्तर मे कृतिका शुक्ला ने जबाब भी प्रस्तुत कर दिये गये लेकिन इसके बाद भी कृतिका शुक्ला को निलंबन की भेंट आखिर क्यू चढ़ाया गया क्या शाक्ष्य मिटाने के लिए किया कार्यलयीन दस्ताबेजो से कृतिका शुक्ला को बाहर ऐसे बहुत से प्रश्न है जो रह रहकर दिमाग मे जगह बना रहे है आम जनता मे।

00 अगर मानसिक प्रताढ़नाओ से आहात और दुखित होकर रेंजर ने उठाया कोई गलत कदम तो इसका जिम्मेदार कौन होगा???

एक महिला होकर अपने साथ कार्यस्थल पर मानसिक दबाब के बीच बरिष्ठ अधिकारी की अत्यधिक प्रताड़नाओ से तंग आकर अपने परिवार को बीच मझधार मे छोड़कर अगर रेंजर कृतिका शुक्ला ने उठाया कोई गलत कदम जैसा की शिकायती पत्र मे कृतिका शुक्ला द्वारा उल्लेख किया गया है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा आखिर कब तक एक महिला बर्ग को अपने कार्यस्थल पर पुरुष बर्ग की यातनाओ का शिकार होकर रहना पड़ेगा अगर पुरुष बर्ग के खिलाफ जाकर एक महिला सामने आती है तो उसकी आवाज़ को हमेशा की तरह दबा दिया जाता है आखिर क्यू क्या यही है महिला शशक्तिकरण की परिभाषा या सिर्फ सरकार के खोखले ????

00 अपने राम का तो बस यही कहना हे की एक महिला जब अपना मान सम्मान परिवार और स्वाभिमान पद प्रतिष्ठा सब कुछ दाव पर लगाकर अपने कार्यस्थल पर हो रहे मानसिक उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाती हे तो सारा पुरुष बर्ग एकजुट होकर उसकी आवाज को दबाने के लिए एकजुट होकर कार्य क्यू करने लगता हे ये सबसे चिंतनीय बिषय हे क्युकी महिलाओ के अपने कार्यस्थल पर कर्मचारियो द्वारा मानसिक उत्त्पीड़न के पूर्व मे कई मामले सामने आ चुके हे प्रदेश भर मे लेकिन हमेशा उन्हे दबा दिया गया आखिर कब तक महिला बर्ग को पुरुष बर्ग पैर की जूती समझकर पीछे धकेलता रहेगा महिलाओ के सम्मान मे सभी को आगे बढ़कर कृतिका शुक्ला की आवाज को बुलंद करना चाहिए जिससे की भविष्य मे ऐसी पुनराबरत्ती न हो सके

(कर्मशः-----)

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