शिवपुरी में केपी सिंह समर्थकों को क्यों है उनकी जीत का ओवर कॉन्फीेंडेंस -दलील है कि तुलनात्मक रूप से केपी ङ्क्षसह अधिक अच्छे उम्मीदवार, यश...
शिवपुरी में केपी सिंह समर्थकों को क्यों है उनकी जीत का ओवर कॉन्फीेंडेंस
-दलील है कि तुलनात्मक रूप से केपी ङ्क्षसह अधिक अच्छे उम्मीदवार, यशोधरा राजे की तुलना में कमतर है देवेन्द्र जैनशिवपुरी। शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में भले ही हवाऐं भाजपा प्रत्याशी देवेन्द्र जैन के पक्ष में हो लेकिन पिछोर से 6 बार से लगतार जीत रहे शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी केपी ङ्क्षसह के समर्थकों को उनकी जीत पर ओवर कॉन्फीेंडेंस है। केपी सिंह के चुनाव एजेंट तर्क सहित कहते है कि उनकी 18 से 20 हजार मतों से विजय होगी। विधानसभा क्षेत्र का कोई भी सेक्टर ऐसा नहीं होगा जहां से उन्हें बढ़त हांसिल न हो। जब श्री जैन से पूछा गया कि इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का मजबूत आधार है और एक अपवाद स्वरूप 2007 के उप चुनाव को छोड़ दें तो कांग्रेस इस विधानसभा क्षेत्र से जीत के लिए 1990 से तरस रही है। कांग्रेस तो यहां से उस समय भी नहीं जीती थी जब प्रदेश में कांग्रेस की लहर थी और 1993 तथा 1998 में भी शिवपुरी से भाजपा को जीत हांसिल हुई थी। लेकिन जिनेश जैन कहते हैं कि आज की बात कुछ अलग है। उनके अनुसार केपी सिंह भी जीत के प्रति इतने निश्चिंत है कि वह चुनाव के पश्चात इलाज कराने के लिए पहले ग्वालियर और फिर दिल्ली गए और अब विदेश में है। श्री जैन बताते है कि केपी ङ्क्षसह अब मतगणना के दिन तीन दिसम्बर को शिवपुरी आऐंगे। उनका आत्म विश्वास इतना बढ़ा है कि उन्होंने अपने सहयोगी राजेन्द्र गर्ग को शिवपुरी में अपना बंगला व्यवस्थित करने को कहा है। उनके अनुसार केपी ङ्क्षसह जीत के बाद शिवपुरी रहेंगे।
केपी सिंह क्यों चुनाव जीत रहे हैं जब यह सवाल उनके चुनाव एजेंट जिनेश जैन से पूछा गया तो उन्होंने प्रत्तयुत्तर में सवाल दाग दिया कि क्या विधायक पद के उम्मीदवारों में से केपी सिंह श्रेष्ठ नहीं है। वह 6 बार से लगातार पिछोर से जीत रहे हैं, तो कुछ न कुछ खुवियां तो उनमें होगी। पिछोर शिवपुरी से लगा हुआ है और वहां की लहरों से शिवपुरी वाले भी अच्छी तरह परिचित हैं। उनसे श्रेष्ठ कांग्रेस के पास कोई उम्मीदवार नहीं है। शिवपुरी के बदलाव का उनका नारा अकारण नहीं है और उनकी जीत से शिवपुरी में बदलाव भी होगा। श्री जैन बताते है कि उनकी उम्मीदवारी से पूरी कांग्रेस एक जुट है और उनके नाम का विरोध टिकिट के किसी भी दावेदार ने नहंी किया। उनके स्थान पर यदि वीरेन्द्र रघुवंशी को उम्मीदवार बनाया जाता तो उनका लगभग पूरी कांग्रेस विरोध करती और इसका फायदा भाजपा को मिलता। लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है। दूसरी बात यह है कि जब यशोधरा राजे सिंधिया चुनाव लड़ती है तो बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उनका समर्थन करते थे। लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है। यह भी केपी ङ्क्षसह का एक बड़ा प्लस पॉइन्ट है। दूसरी बात यह है कि भाजपा प्रत्याशी देवेन्द्र जैन को तो शिवपुरी की जनता 2005 के नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव में नकार चुकी थी और उन्हें एक निर्दलीय प्रत्याशी जगमोहन सिंह ने पराजित किया था। इसलिए उनके प्रति जनता के मन में कोई आकर्षण नहीं है। विधायक के रूप में देवेन्द्र जैन का कार्यकाल शिवपुरी की जनता पहले भी देख चुकी है। इस कारण विधायक प्रत्याशी के रूप में हर दृष्टि से केपी सिंह का पलड़ा देवेन्द्र जैन की तुलना में भारी है। दूसरी बात यह है कि भाजपा 18 सालों से सत्ता में है और पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ एन्टी इनकंबेंसी फैक्टर है। इस कारण भी कांग्रेस को इस विधानसभा क्षेत्र में बढ़त हांसिल होगी। उनका दावा है कि शिवपुरी जिले की पांच सीटों में से कांग्रेस को कम से कम चार सीटें मिलेंगी और प्रदेश में कांग्रेस कम से कम 140 सीटें जीतेगी। श्री जैन से जब पूछा गया कि शहर में केपी सिंह ने प्रचार नहीं किया। उन्हें वोट कैसे मिलेंगे। इस पर उनका जवाब था कि शहर के दो तीन भाजपा समर्थित वार्डों को छोड़ कर केपी सिंह ने हर जगह संपर्क किया है। व्यापारियों की सभा को भी दीपावली मिलन समारोह में संबोधित किया है। व्यापारी वर्ग में भी उनके प्रति अच्छा आकर्षण है। उन्हें भरोसा है कि वैश्य मतदाताओं का कम से कम 30 से 40 प्रतिशत समर्थन केपी सिंह को मिलेगा। अल्प संख्यक वर्ग के लगभग 15 से 20 हजार मतदाताओं में से 90 प्रतिशत केपी सिंह को मिलेंगे। समाज का कोई वर्ग ऐसा नहीं है जिसमें केपी सिंह को समर्थन न मिले। खास कर युवाओं में उनके प्रति अच्छा आकर्षण देखने को मिला है। जब जिनेश जैन से पूछा गया कि क्या भाजपा सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भाजपा प्रत्याशी देवेन्द्र जैन को नहंी मिलेगा तो उनका जवाब था कि भाजपा की सिर्फ लाड़ली बहिना योजना चली है, लेकिन इस योजना की काट कांग्रेस की नारी सम्मान योजना ने की है। इस योजना के तहत महिलाओं को 1500 रूपए प्रतिमाह मिलेंगे। ओल्ड पेंशन स्कीम का भी कांग्रेस को फायदा मिलेगा। गरीब और मध्यम वर्ग में भी उनकी मजबूत पकड़ चुनाव के दौरान देखने को मिली है। जनता भाजपा के कुशासन से मुक्ति चाहती है। उनकी जीत का गणित क्या है इस का जवाब देते हुए श्री जैन ने कहा कि शहर में केपी ङ्क्षसह को लगभग 5 हजार मतों की बढ़त हांसिल होगी। सिंह निवास सेक्टर में तीन हजार, सुरवाया सेक्टर में दो हजार और खोड़ सेक्टर में कम से कम 10 हजार मतों की बढ़त मिलेगी। इसका सीधा अर्थ है कि केपी ङ्क्षसह 18 से 20 हजार मतों से चुनाव जीतेंगे।
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