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230 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 130, काँग्रेस को 98 व 2 अन्य दल : क्रांतिदूत

  भोपाल /कुछ तकनीकी कारणों से आपके अपने यूट्यूब चैनल क्रांतिदूत पर मप्र विधानसभा 2023 का सर्वे प्रसारित नहीं हो पाया है जिसके लिए खेद है। उस...

 भोपाल /कुछ तकनीकी कारणों से आपके अपने यूट्यूब चैनल क्रांतिदूत पर मप्र विधानसभा 2023 का सर्वे प्रसारित नहीं हो पाया है जिसके लिए खेद है। उस सर्वे को जो विगत 4 माह के अथक परिश्रम से हमारे द्वारा तैयार किया गया है आप सभी के सम्मुख रख रहे है वो भी जिलेवार सीटों के अनुसार। 






देखिए किन किन जिलों में क्या रही स्थिति -

ग्वालियर चम्बल संभाग में 2018 के चुनाव में भाजपा को कुल 34 सीटों में से महज सात पर विजय प्राप्त हुई थी। यद्यपि उस समय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के मुख्य मंत्री बनने की अटकलों ने कांग्रेस को अतिरिक्त लाभ पहुँचाया था। साथ ही सवर्ण दलित विवाद ने भी वातावरण को प्रभावित किया था। अब बदली हुई परिस्थितियों में श्री सिंधिया भाजपा के साथ हैं तो चुनावों में किसी प्रकार के सामाजिक टकराहट का माहौल भी नहीं है। अतः कांग्रेस निश्चित रूप से अपना पुराना रिकॉर्ड दोहरा पाएगी, यह सोचना भी दिवा स्वप्न ही है। भाजपा के लिए अगर कोई नुक्सान की संभावना है तो केवल उसके मंत्रियों के प्रति जनता का आक्रोश। लेकिन वे तो गिनेचुने ही हैं। अतः शेष सीटों पर भाजपा निश्चय ही लाभ की स्थिति में दिखाई देगी। 


हमारे आंकलन के अनुसार श्योपुर जिले की 2 सीटों में से 1 पर भाजपा तथा 1 पर काँग्रेस प्रत्याशी जीत सकते है। 


मुरैना जिले की 6 विधानसभा सीटों में से 3 पर भाजपा, 2 पर काँग्रेस व 1 पर अन्य प्रत्याशी के जीतने की संभावना है। 


भिंड जिले की 5 विधानसभा सीटों में से 4 पर भाजपा व 1 पर काँग्रेस के जीतने की संभावना है। भिंड जिले की लहार विधानसभा सीट पर कॉंग्रेस के दिग्गज नेता गोविंद सिंह के मुकाबले भाजपा के अम्बरीष शर्मा गुड्डू की स्थिति बेहतर है। 


ग्वालियर जिले की 6 विधानसभा सीटों में से 3 पर भाजपा व 3 पर काँग्रेस के जीतने की संभावना है। ख़ास बात यह है कि यहाँ भाजपा सरकार में मंत्री रहे श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के जीतने की सबसे प्रबल संभावना बताई जा रही है। उनके आचरण, ब्यवहार, कार्यकुशलता और सेवा भाव से नई सरकार में बनने वाले अन्य अन्य मंत्रियों को प्रेरणा ग्रहण करना चाहिए। 


दतिया जिले की 3 विधानसभा सीटों में से 1 पर भाजपा व 2 पर काँग्रेस के जीतने की संभावनाएं हैं। 


शिवपुरी जिले की 5 विधानसभा सीटों में से भाजपा कम से कम 3 सीटें जीतने की स्थिति में है। बहुत संभव है कि भाजपा 4 अथवा पाँच सीटें भी जीत जाए। 


गुना जिले की 4 विधानसभा सीटों में से भाजपा 2 व कॉंग्रेस 2 सीटें जीत सकती है। 


अशोकनगर जिले की 3 विधानसभा सीटों में से भाजपा 2 व कॉंग्रेस के 1 सीट जीतने की संभावना है। 


इस प्रकार भाजपा पिछली बार के चौंतीस में से सात की तुलना में कांग्रेस से अधिक सीटें जीत सकती है। 


सागर जिले से भाजपा को बड़ी खुशखबरी मिलने की संभावना है। भाजपा यहाँ से 8 में से 8 सीटें जीत सकती है। 


ग्वालियर चम्बल के ही समान बुन्देल खंड में भी भाजपा कांग्रेस को शिकस्त देते दिखाई दे रही है। इसका मूल कारण इस पिछड़े क्षेत्र में प्रस्तावित केन बेतवा लिंक नहर तथा सरकार की लाडली बहना योजना को माना जा सकता है। लाडली बहनों ने बच्चों के मामा शिवराज जी पर कुछ ज्यादा ही लाड उंडेला है। बदली हुई परिस्थितियों में टीकमगढ़ जिले की 3 विधानसभा सीटों में से भाजपा 2 व काँग्रेस के 1 सीट जीतने की संभावनाएं हैं। 


निवाड़ी जिले की 2 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 1 व 1 सीट अन्य के खाते में जा सकती है। 


छतरपुर जिले की 6 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 4 व काँग्रेस को 2 सीटें प्राप्त हो सकती हैं। 


दमोह जिले की 4 विधानसभा सीटों में से 3 पर भाजपा व 1 पर काँग्रेस की जीत की संभावना है। 


पन्ना जिले की 3 विधानसभा सीटों में से 1 पर भाजपा व 2 पर काँग्रेस की जीत की संभावना है। 


सतना जिले की 7 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 4 व काँग्रेस को 3 सीटें प्राप्त होती दिखाई दे रहीं है। 


रीवा जिले की 6 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 4 व काँग्रेस को 2 सीटें मिलने की संभावना है। 


किन्तु महाकौशल में भाजपा पिछड़ते दिखाई दे रही है। मऊगंज जिले की दोनों विधानसभा सीटों पर काँग्रेस प्रत्याशीओ के जीतने की संभावना है। 


सीधी जिले की 4 विधानसभा सीटों में से 1 पर भाजपा व 3 पर काँग्रेस के जीतने की संभावनाएं हैं। 


सिंगरौली जिले की 3 विधानसभा सीटों में से भाजपा 1 व काँग्रेस 2 पर चुनाव जीत सकती है। 


शहडोल जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा होने की संभावनाएं हैं। 


अनूपपुर जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर काँग्रेस का कब्जा होने की संभावनाएं है। 


उमरिया जिले की 2 विधानसभा सीटों में से 1 पर भाजपा व 1 पर काँग्रेस के जीतने की संभावनाएं है। 


कटनी जिले की 4 विधानसभा सीटों में से भाजपा की 2 व काँग्रेस की 2 सीटों पर जीतने की संभावनाएं हैं। 


जबलपुर जिले की 8 विधानसभा सीटों में से 5 पर भाजपा व 3 पर काँग्रेस जीत सकती है। 


डिडोरी जिले की 2 विधानसभा सीटों में से भाजपा 1 व काँग्रेस 1 सीट पर जीत सकती है। 


मंडला  जिले की सभी 3 विधानसभा सीटों पर भाजपा भाजपा प्रत्याशियों के जीतने की संभावनाएं। 


बालाघाट जिले की 6 विधानसभा सीटों पर 3 पर भाजपा व 3 पर काँग्रेस के जीतने की संभावनाएं। यह पहली बार है जब स्थापित भाजपा नेता श्री गौरीशंकर बिसेन भी उलझते दिखाई दे रहे हैं। 


सिवनी जिले की 4 विधानसभा सीटों में से भाजपा 3 व काँग्रेस 1 पर जीत सकती है। 


नरसिंहपुर जिले की 4 विधानसभा सीटों में से भाजपा 1 व काँग्रेस 3 सीटों पर जीत दर्ज करा सकती है। 


छिंदवाड़ा जिले की 7 विधानसभा सीटों में से भाजपा 1 व काँग्रेस 6 सीटों पर जीत सकती है। 


मध्य भारत में मुकाबला कड़ा दिखाई दे रहा है। 

बैतूल जिले की 5 विधानसभाओं में से भाजपा 1 व काँग्रेस 4 सीटों पर कब्जा कर सकती है। 


हरदा की दोनों विधानसभा सीटों पर भाजपा के जीतने की संभावनाएं। 


होशंगाबाद की सभी 4 सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के जीतने की संभावनाएं हैं। 


रायसेन जिले की 4 विधानसभा सीटों में से 2 पर भाजपा व 2 पर काँग्रेस के जीतने की संभावनाएं हैं। 


विदिशा जिले की 5 विधानसभा सीटों में से 2 पर भाजपा व 3 पर काँग्रेस जीत सकती है। 


भोपाल जिले की 7 विधानसभा सीटों में से 5 पर भाजपा व 2 पर काँग्रेस के जीतने की संभावनाएं। 


सीहोर जिले की 4 विधानसभा सीटों में से 3 पर भाजपा व 1 पर काँग्रेस के जीतने की संभावनाएं है। 


राजगढ़ जिले की 5 विधानसभा सीटों में से 2 पर भाजपा व 3 पर काँग्रेस के जीतने की संभावनाएं है। 


मालवा निमाड़ हमेशा की तरह एक बार फिर भाजपा को ही सशक्त कर रहा है। किन्तु पहले की तुलना में कुछ कम। शाजापुर जिले की 3 विधानसभा सीटों में से 1 पर भाजपा व 2 पर काँग्रेस के जीतने की संभावनाएं है। 


आगर मालवा जिले की 2 विधानसभा सीटों में से भाजपा व काँग्रेस के 1-1 सीटों पर जीतने की संभावनाएं है। 


देवास जिले की 5 विधानसभा सीटों में से 4 पर भाजपा व 1 पर काँग्रेस के जीतने की संभावनाएं है। 


खंडवा जिले की सभी 4 विधानसभा सीटों पर भाजपा के जीतने की संभावनाएं है। 

बुरहानपुर जिले की 2 विधानसभा सीटों पर भाजपा व काँग्रेस के 1-1 सीटों पर जीतने की संभावनाएं है। 


खरगोन जिले की 6 विधानसभा सीटों में से भाजपा 3 व काँग्रेस 3 सीटों पर जीत सकती है। 


बड़वानी जिले की 4 विधानसभा सीटों में से भाजपा व काँग्रेस 2-2 सीटों पर जीत सकती हैं। 


अलीराजपुर की दोनों विधानसभा सीटों पर काँग्रेस की जीत की संभावनाएं हैं। 

झाबुआ जिले की 3 विधानसभा सीटों में से 1 पर भाजपा व 2 पर काँग्रेस के जीतने की संभावनाएं है। 


धार जिले की 7 विधानसभा सीटों में से 2 पर भाजपा व 5 पर काँग्रेस की जीत की संभावनाएं है। 


इंदौर जिले की 9 विधानसभा सीटों में से भाजपा 5 व काँग्रेस 4 पर जीत सकती हैं। 


उज्जैन जिले की 7 विधानसभा सीटों में से 4 पर भाजपा व 3 पर काँग्रेस जीत सकती है। 


रतलाम जिले की 5 विधानसभा सीटों में से 4 पर भाजपा व 1 पर काँग्रेस के जीत की संभावनाएं है। 


मंदसौर जिले की 4 विधानसभा सीटों में से 3 पर भाजपा व 1 पर काँग्रेस की जीत की संभावनाएं है। 


नीमच जिले की सभी 3 विधानसभा सीटों पर भाजपा के जीतने की संभावनाएं है।


इस प्रकार मध्यप्रदेश के 2023 विधानसभा चुनावों में 230 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 130, काँग्रेस को 98 व 2 अन्य सीटों पर जीत दर्ज करा सकते है। इस प्रकार हमारे आंकलन के अनुसार भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ मध्यप्रदेश में सरकार बना सकती है। देखते हैं कि क्रांतिदूत का यह आंकलन अन्य लब्ध प्रतिष्ठित टीवी चैनलों की तुलना में सत्य के कितना नजदीक पहुंचता है।

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