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तीन दोषियों को 5- 5 वर्ष की कैद

  तीन दोषियों को 5- 5 वर्ष की कैद  25- 25 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर दो - दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी अर्थदंड की धनराशि में से 50 ...

 तीन दोषियों को 5- 5 वर्ष की कैद


 25- 25 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर दो - दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी

अर्थदंड की धनराशि में से 50 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी 

 सात वर्ष पूर्व हुए नाबालिग लड़की के साथ छेड़खानी का मामला

कामेश्वर विश्वकर्मा

सोनभद्र। सात वर्ष पूर्व नाबालिग लड़की के साथ हुए छेड़खानी के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर तीन दोषियों गुपुत नाथ मौर्य उर्फ डोरी,अजय कुमार विश्वकर्मा तथा प्रभुनाथ यादव को 5- 5 वर्ष की कैद एवं 25 - 25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 2- 2 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 50 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक पन्नूगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता ने थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि 29 सितंबर 2016 को शाम सात बजे शौच के लिए घर से बाहर गई थी। वापस लौटते समय पन्नूगंज थाना क्षेत्र के किचार गांव निवासी गुपुत नाथ मौर्य उर्फ डोरी पुत्र मारकंडेय मौर्य, अजय कुमार विश्वकर्मा पुत्र श्री राम निहोर विश्वकर्मा तथा प्रभुनाथ यादव पुत्र बहादुर यादव ने उसे घेर लिया और कहा कि मेरे साथ चलो। जब जाने से इंकार कर दिया तो हाथ पकड़ कर उसे घसीटने लगे।शोर करने पर जब उसकी मां आ गई तो सभी छोड़कर भाग गए। इस तहरीर पर  पुलिस ने 30 सितंबर 2016 को एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था।  मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषियों  गुपुत नाथ मौर्य उर्फ डोरी, अजय कुमार विश्वकर्मा तथा प्रभुनाथ यादव को 5- 5 वर्ष की कैद एवं 25- 25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो - दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 50 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।

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