रिपोर्ट-नीलेश ठाकुर अनोखी है बस्ती,अनोखा है संसार,यह बस्ती अजगरों की है,जरा संभल का आइए मण्डला मप्र / मण्डला जिले के जग मंडल अंजनिया के अंत...
अनोखी है बस्ती,अनोखा है संसार,यह बस्ती अजगरों की है,जरा संभल का आइए
मण्डला मप्र /
मण्डला जिले के जग मंडल अंजनिया के अंतर्गत आने वाला ककैया बीट जहा हजारों की संख्या में अजगर पाए जाते है
1.5 हेक्टेयर का यह क्षेत्र अजगरों की बस्ती कहा जाता है ।
यह बस्ती दमदम नाम से भी जानी जाती है
क्योंकि यहां की जमीन व चट्टाने खोखली है
जहाँ चलने से कदमो की धमक से आवाज आती है
यही कारण है इसे दमदम कहते है
दूसरी तरफ देखे तो यहां हजारों की संख्या में अजगर पाए जाते है,जिसे अजगर दादर के नाम से भी जाना जाता है
यहां पाया जाने वाला अजगर रॉक पायथन प्रजाति का हैं
अजगर दादर में अजगरों को देखने का सीजन नवम्बर से फरवरी यानी ठंड का सीजन होता है
धूप सेकते अजगरों को सुबह 8 बजे के लगभग से दोपहर 12 बजे तक देखा जा सकता है।
अजगरों को देखने यहाँ दूर दूर से पर्यटक आते है
यहां की खोखली चट्टानों व खोखली जमीन में सेकड़ो बिल है जहां से अजगर बाहर निकलते है
यहाँ की खोखली जमीन व चट्टानों में जंगली खरगोश चमगादड़ व अन्य छोटे जीव भी पनपते है
जो यहां रहने वाले अजगरों की खुराक होते है
अजगर दादर से लगी राहवासी बस्ती है
परन्तु किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना यहां नही घटी है
यहां के अजगर अपने ही छेत्र में विचरण करते देखे जाते है
कान्हा नेशनल पार्क से लगा होने के कारण इस छेत्र का संरक्षित होना आवश्यक हैं।
जिसे स्नेक पार्क बनाया जा सकता है
अंजनिया परिक्षेत्र जग मण्डल पूर्व (स) की रेंजर श्रीमती लतिका तिवारी उपाध्याय ने बताया कि,अजगर दादर 1.5 हेक्टेयर का क्षेत्र है जहाँ बहुत अधिक रॉक पायथन प्रजाति के अजगर पाए जाते है
जो शेड्यूल वन का प्राणी है
ये अजगर 4 फिट से लेकर 15 फिट लंबे है
अजगर दादर इको पर्यटन क्षेत्र भी प्रस्तावित है
इस क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं है,जिसके संरक्षण व विकाष के लिए प्रयास जारी है।
बाईट -1-श्रीमती लतिका तिवारी उपाध्याय, रेंजर जनमंडल अंजनिया
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