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महाविद्यालय में छात्र नेताओं का धरना प्रदर्शन, शासन स्तर पर भी नहीं बनी छात्र चुनाव संघ चुनाव को लेकर बात

  महाविद्यालय में छात्र नेताओं का धरना प्रदर्शन, शासन स्तर पर भी नहीं बनी छात्र चुनाव संघ चुनाव को लेकर बात  कामेश्वर विश्वकर्मा ओबरा/सोनभद्...

 महाविद्यालय में छात्र नेताओं का धरना प्रदर्शन, शासन स्तर पर भी नहीं बनी छात्र चुनाव संघ चुनाव को लेकर बात




 कामेश्वर विश्वकर्मा

ओबरा/सोनभद्र

ओबरा पीजी कॉलेज में छात्र-छात्राओं को उस समय झटका लगा। जब अधिसूचना जारी होने के बाद भी महाविद्यालय में छात्र संघ चुनाव को लेकर नियमावली बदल दी गई और विगत 3 वर्षों की तरह इस बार भी छात्र संघ चुनाव को लेकर काले बादल मंडराने लगे। जैसे ही इस बात की जानकारी छात्र नेताओं को हुई तो विभिन्न पार्टियों के छात्र नेताओं ने एक जुटता का परिचय देते हुए छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर प्राचार्य से मिले। जहां उन्हें जिले के आला अधिकारियों से बात करके छात्र संघ चुनाव को लेकर पहल करने को कहा गया। हालांकि छात्र नेता छात्र संघ चुनाव को लेकर महाविद्यालय में धरने पर बैठ गए और प्राचार्य को शासन से चुनाव कराने को लेकर दबाव बनाने लगे। जब बात नहीं बनी तो छात्र नेताओं ने उप जिला अधिकारी ओबरा से भी मुलाकात कर चुनाव कराने को लेकर पहल की। एसडीम ने आश्वासन दिया की समस्त बिंदुओं की जांच करके शासन स्तर पर छात्र संघ चुनाव को लेकर पहल की जाएगी। लेकिन कई दिन बीतने के बावजूद चुनाव को लेकर अभी तक कॉलेज प्रशासन की तरफ से या जिला प्रशासन की तरफ से कोई आश्वासन नहीं मिला है। जिसके चलते छात्र नेता एक बार फिर चुनाव कराने की बात पर हामी भरवाने के लिए विद्यालय परिसर में बैठ गए हैं और प्राचार्य के खिलाफ धरना प्रदर्शन दे रहे हैं।

वही छात्र नेता अभिषेक तिवारी ने कहा कि शासन की तरफ से चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद भी चुनाव को लेकर कोई माहौल नहीं दिख रहा। विगत 3 वर्षों से छात्र संघ चुनाव न होना दुःखद है। छात्र संघ चुनाव की तैयारी करने वाले छात्र की भावनाओं और भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। छात्र संघ चुनाव न होने से महाविद्यालय में जो एकेडमी है उसमें बहुत ही विषमताएं देखने को मिलती हैं। ना ही समय से प्रोफेसर महाविद्यालय आते हैं और न ही समय से कक्षाएं चलती है। महाविद्यालय से संबंधित किसी भी प्रकार की सूचना समय से  छात्र-छात्राओं तक नहीं पहुंच पाती है। 3800 के क्षमता वाला महाविद्यालय में मात्र कुछ समय ही 200 से 300 छात्र ही महाविद्यालय में मिलते हैं। ऑफीशियली कामों के लिए ही छात्र आते हैं। बच्चों को महाविद्यालय न आने का प्रमुख कारण है। प्रचार्य की नाकामी। अभिषेक तिवरी ने प्राचार्य पर आरोप लगाते हुए कहा कि, प्राचार्य महाविद्यालय में शैक्षिक माहौल को लाने ही नहीं देना चाहते। प्राचार्य नहीं चाहते हैं कि इस महाविद्यालय से कोई उज्जवल भविष्य आगे चलकर देश का नेतृत्व करें। छात्र नेता ने कहा कि, उप जिला अधिकारी से वार्ता की गई है, उन्होंने जांच कमेटी का गठन करने की बात कही है। एसडीएम को महाविद्यालय के समस्त बिंदुओं से अवगत कराया गया है। अभिषेक तिवारी ने कहा कि, अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होती है तो आंदोलन निरंतर चलता रहेगा महाविद्यालय के खिलाफ हर लड़ाई लड़ने को  तैयार है छात्र।

अब देखने वाली बात होगी कि महाविद्यालय प्रचार और जिले के आल्हा अधिकारियों पर छात्रों के आंदोलन का कितना असर पड़ता है या पिछले 3 वर्षों का जो हाल था वही दोबारा रिपीट होता है।

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