Page Nav

HIDE

Breaking News:

latest

Total Pageviews

जटायु ने प्रभु श्री राम को दी भगवती सीता के हरण की सूचना

  जटायु ने प्रभु श्री राम को दी भगवती सीता के हरण की सूचना - श्री राम दरबार की सजी भव्य झांकी - श्रद्धालुओं ने की श्री राम दरबार की मंगला आर...

 जटायु ने प्रभु श्री राम को दी भगवती सीता के हरण की सूचना

- श्री राम दरबार की सजी भव्य झांकी

- श्रद्धालुओं ने की श्री राम दरबार की मंगला आरती

रिपोर्टिंग कामेश्वर विश्वकर्मा


 सोनभद्र। नगर स्थित आर. टी एस. क्लब मैदान में चल रहे श्री रामचरितमानस नवाह पाठ महायज्ञ के छठे दिन शुक्रवार को प्रातः की मंगला आरती समिति के अध्यक्ष सत्यपाल जैन, महामंत्री सुशील पाठक, मुख्य यजमान पंकज कानोडिया, राकेश त्रिपाठी सहित अन्य भक्तों ने भव्यता के साथ की। इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ किया गया फिर मानस पाठ प्रारंभ हुआ।

कथा प्रसंग पर चर्चा करते हुए मुख्य व्यास श्री श्री सूर्य लाल मिश्र ने जयंत की कुटिलता और फल प्राप्ति, अत्री मिलन एवं स्तुति, श्री सीता अनसूया मिलन और श्री सीता जी को अनसूया जी का पतिव्रत धर्म कहना, श्री राम जी के आगे प्रस्थान विराट बध और राक्षस वध की प्रतिज्ञा करना, स्वर्ण मृग मरीचिका का मारा जाना, सीता हरण और सीता जटायु रावण युद्ध श्री राम जी का विलाप जटायु प्रसंग, सबरी पर कृपा, नारद राम संवाद आदि विषयों पर चर्चा करते हुए कहा कि-” रामचरितमानस का एक-एक दोहा, चौपाई, छंद मंत्र है और प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, संप्रदाय का हो इसका पाठ करना चाहिए इससे उसे भवसागर से मुक्ति प्राप्त हो सकती है। नारायण से नर बने प्रभु श्री राम विलाप कर रहे हैं-

हे खग मृग हे मधुकर श्रेणी। तुम देखी सीता मृग नयनी।। खंजन सुक कपोत मृग मीना। मधुप निकर कोकिला प्रवीणा।।

श्री राम के श्री मुख से आज पशु- पक्षी, पेड़- पौधे अपनी प्रशंसा सुनकर हर्षित हो रहे हैं, श्री राम जी के विलाप से ऐसा प्रगट हो रहा है कि मानो कोई महावीरही और अत्यंत कामी पुरुष पत्नी की खोज में जंगल- जंगल भटक रहा हो।


.........………………………………………


इनसेट:

प्रवचन में भरत महिमा का किया गया बखान


सोनभद्र। वृहस्पतिवार को रात्रि प्रवचन में भरत महिमा का बखूबी बखान किया गया।गोरखपुर से पधारे हेमंत त्रिपाठी ने भरत चरित्र की कथा का बड़ा ही मार्मिक प्रसंग का वर्णन किया । उन्होंने बताया कि भरत ने अपने प्रश्न उत्तर से गुरु वशिष्ठ को चुप करा दिया। भरत ने वशिष्ठ मुनि से बोले कि इतना सामर्थ होते हुए ब्रह्मा जी से कालखंड में परिवर्तित करा दिया। जहां सतयुग के बाद द्वापर, त्रेता तब कलयुग होना चाहिए लेकिन आपने तो सतयुग के बाद त्रेता ला दिया तब राम जी के वनवास को क्यों नहीं रोक पाएं।

 वाराणसी से पधारे शिवाकांत मिश्रा जी ने भरत चरित्र पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भरत जैसा साधु इस जगत में कोई हुआ ना कभी होगा। उन्होंने अपनी माता कैकई को अपशब्द कहा परंतु राम जी के कहने पर कि जो प्राणी साधुओं की सभा का सेवन न किया हो वही माता कैकेई को दोष देगा।

जौनपुर से पधारे प्रकाशचंद्र विद्यार्थी जी ने कहा कि भरत महा महिमा जस राशि। भरत जी साक्षात जल अर्थात अघात जल के सरोवर हैं माता और गुरुजी के समझाने पर भी राज्य को स्वीकार न किया और पूरे राज्य के लोगों को लेकर राम जी को मनाने चित्रकूट पहुंच गए। मंच संचालन संतोष कुमार द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष सत्यपाल जैन, महामंत्री सुशील पाठक, संरक्षक इंद्रदेव सिंह, मिठाई लाल सोनी, अयोध्या दुबे, किशोर केडिया, पप्पू शुक्ला, रविंद्र पाठक सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

No comments

Contact Form

Name

Email *

Message *

Latest Articles