मुंगावली पत्रकारों की टीम ने दिखाया अपना असर स्लग- दिन रात वेतवा को अधिकारियों की आंख के आगे छलनी कर रहे खनिज माफिया सुप्रीम कोर्ट और एनजी...
मुंगावली पत्रकारों की टीम ने दिखाया अपना असर
स्लग- दिन रात वेतवा को अधिकारियों की आंख के आगे छलनी कर रहे खनिज माफिया सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देश बने मजाक
एंकर :- नदियों के अस्तित्व को सहेजा जा सके और इनके अस्तित्व से खिलवाड़ न हो इसको ध्यान में रखकर एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए है जिसके बाद नवीन खनिज अधिनियम के तहत नदियों में पूरी तरह मशीनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। लेकिन बात की जाए मुंगावली की तो यहां अधिकारियों की मिलीभगत कहें या सांठगांठ कहें कि बिना किसी रॉयल्टी के खनिज माफियाओं द्वारा दिन रात वेतवा नदी को छलनी किया जा रहा है और पुलिस चौकी मल्हारगढ़ के सामने से दिन रात रेत के डम्फर दौड़ रहे हैं लेकिन न तो पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई की गई। साथ ही तहसील कार्यालय के सामने से जहाँ एसडीएम व तहसीलदार बैठते हैं उनके सामने से भी खुलेआम दिन रात रेत से भरे डम्फर निकलते आसानी से देखे जा सकते है । लेकिन इसके बाबजूद एसडीएम से लेकर राजस्व व खनिज विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नही की जा रही है जिसको देखकर कहा जा सकता है कि अधिकारियों की कुम्भकर्णीय नींद के चलते सारे नियमों को तांक पर रखकर क्षेत्र की ह्रदय बाहिनी वेतवा नदी को छलनी किया जा रहा है अब देखना होगा कि आखिर इनकी नींद कब खुलती है या फिर ऐसे ही खनिज माफिया दिन रात मशीनों से वेतवा को बेरोक टोक छलनी करते रहेंगे।
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