कोयला साइडिंग पर अवैध कोयले का भंडारण और मिक्सिंग का कार्य बदस्तूर जारी है। अवैध रूप से कोयला भण्डारण व चोरी करके खनन विभाग के साथ राज्य स...
कोयला साइडिंग पर अवैध कोयले का भंडारण और मिक्सिंग का कार्य बदस्तूर जारी है।
अवैध रूप से कोयला भण्डारण व चोरी करके खनन विभाग के साथ राज्य सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है
रिपोर्टिंग कामेश्वर विश्वकर्मा
सोनभद्र।चोपन थानाक्षेत्र के सलाईबनवा को आम लोग रेलवे स्टेशन की वजह से जानते है। लेकिन अब सलाईबनवा की पहचान रेलवे स्टेशन से इतर और एक कारण की वजह से बन बैठा है। पूर्व में सलाईबनवा रेलवे साइडिंग पर कोयले के भंडारण को लेकर प्रशासन का हंटर चला था। हालांकि जांच के बाद क्या हुआ किसी भी तरह के हंटर का निशान देखने को नहीं मिला नतीजन बड़े पैमाने पर एक बार फिर उक्त कोयला साइडिंग पर अवैध कोयले का भंडारण और मिक्सिंग का कार्य बदस्तूर जारी है। कोयले में मिलावट के लिए दूसरे राज्यों से लाए जा रहे ब्लैक स्टोन व बुरादा के साथ बिल्ली खनन क्षेत्र में गिट्टी के छोटे-छोटे कण के साथ कोयले के लिए बनाए गए खासतौर के तारकोल को मिलाकर मोटी कमाई की जा रही है। अवैध रूप से कोयला भण्डारण व चोरी करके खनन विभाग के साथ राज्य सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है।
कोयला तस्करों पर लगाम और सरकार की हो रही राजस्व क्षति पर रोक लगाने के उद्देश्य से एक बार फिर से स्पेशल टास्क फोर्स अभियान चलाने की ज़रूरत है। ऐसा नहीं है कोयले के भंडारण और परिवहन में हो रहे बड़े हेर फेर की जानकारी संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को नहीं है। फिर भी कोयले के खेल को खुले आंखों से मौन स्वीकृति देना किसी बड़े खेल की तरफ इशारा कर रहा है।
No comments