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हत्या का प्रयास: दोषियों को 10- 10 वर्ष की कैद

  हत्या का प्रयास: दोषियों को 10- 10 वर्ष की कैद * 10- 10 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 3- 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी * जेल में बिताई...

 हत्या का प्रयास: दोषियों को 10- 10 वर्ष की कैद

* 10- 10 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 3- 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी

* जेल में बिताई अवधि सजा में होगी समाहित

* साढ़े 12 वर्ष पूर्व हुए गड़ासा और तीर धनुष से जानलेवा हमला का मामला

रिपोर्टिंग कामेश्वर विश्वकर्मा


सोनभद्र। साढ़े 12 वर्ष पूर्व हुए गड़ासा और तीर धनुष से जानलेवा हमला के मामले में वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम  एहसानुल्लाह खां की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषियों बुधिराम उर्फ बुधवंत उर्फ छोट्टन तथा मलुआ अगरिया को 10- 10 वर्ष की कैद व 10- 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3- 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक राजेंद्र पुत्र द्वारिका निवासी खरहरा, अमिला टोला,थाना चोपन, जिला सोनभद्र ने 10  मार्च 2011 को थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसके पिता द्वारिका अपने चचेरे भाई के दरवाजे पर बैठकर आपस में बातचीत कर रहे थे। तभी शाम सात बजे  बुधिराम उर्फ बुधवंत उर्फ छोट्टन पुत्र राजबली खरवार और मलुआ अगरिया पुत्र  परकाश उर्फ राम प्रकाश निवासीगण  करैलीडाड़ टोला खरहरा, थाना चोपन, जिला सोनभद्र आ गए और आते ही एकाएक गड़ासा और तीर धनुष से उसके पिता द्वारिका को मारने लगे। बुधिराम गड़ासा से जान मारने की बात कहकर कई वार किया। शोरगुल की आवाज सुनकर जब टार्च जलाकर घटना स्थल पर पहुंचे तो दोनों लोग अपने घर की ओर भागते हुए दिखाई दिए। घायलावस्था में पिता को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।आवश्यक कार्रवाई करें। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया। मामले की विवेचना करते हुए विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर  कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषियों बुधिराम उर्फ बुधवंत उर्फ छोट्टन और मलुआ अगरिया को 10- 10 वर्ष की कैद व 10- 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3- 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद कुमार पाठक ने बहस की।

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